राइजिंग राजस्थान: 2 हजार मेगावाट सोलर पार्क को मिली मंजूरी

2 हजार मेगावाट सोलर पार्क को मिली मंजूरी
Bhajanlal Sharma speech
Ad

Highlights

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2032 तक देश की ऊर्जा मांग दोगुनी हो जाएगी। ऐसे में केंद्र सरकार नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने में जुटी है। वर्ष 2030 तक गैर जीवाश्म आधारित स्त्रोतों से 500 गीगावाट ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य की प्राप्ति में राजस्थान बड़ी भूमिका निभाएगा

जयपुर । केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि राजस्थान में केंद्रीय सहभागिता के साथ राजस्थान सोलर डवलपमेंट कॉर्पाेरेशन के लिए 2 हजार मेगावाट क्षमता का नया सोलर पार्क स्थापित करने की मंजूरी दे दी गई है। इस सोलर पार्क में केंद्र की 30 प्रतिशत भागीदारी रहेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा के सतत प्रयासों के फलस्वरूप यह परियोजना राजस्थान की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को नई ऊंचाईयों पर ले जाएगी और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।  

 जोशी सोमवार को जेईसीसी में राइजिंग राजस्थान समिट के तहत ‘सतत ऊर्जा पर आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते कदम’ विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित कर रहे थे।  जोशी ने कहा कि राजस्थान में ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की नीतियों से भारतीय अर्थव्यवस्था में अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है। आज पूरा विश्व भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा है। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2032 तक देश की ऊर्जा मांग दोगुनी हो जाएगी। ऐसे में केंद्र सरकार नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने में जुटी है। वर्ष 2030 तक गैर जीवाश्म आधारित स्त्रोतों से 500 गीगावाट ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य की प्राप्ति में राजस्थान बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट जैसे महत्वाकांक्षी आयोजन के लिए मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा की दूरदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि इस समिट के माध्यम से राजस्थान प्रदेश गुजरात तथा महाराष्ट्र के पश्चात् देश का तीसरी सबसे बड़ा आर्थिक एवं औद्योगिक रूप से विकसित राज्य बनने जा रहा है।

सेशन के दौरान मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा ने कहा कि हम चाहते हैं कि राजस्थान न केवल ऊर्जा में आत्मनिर्भर बने बल्कि सरप्लस स्टेट भी बने। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में केंद्रीय उपक्रमों के साथ लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के एमओयू किए गए हैं। इनमें से लगभग 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये के एमओयू के क्रियान्वयन के लिए संयुक्त उद्यम की स्थापना को मंत्रिमण्डल से स्वीकृति भी दी जा चुकी है। हमारा प्रयास अगले 4 साल में राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 30 से बढ़ाकर 125 गीगावाट करना है। इसके लिए हमारी सरकार अक्षय ऊर्जा आधारित परियोजनाओं के साथ पंप स्टोरेज तथा बैटरी स्टोरेज जैसे नवाचारों को भी अपना रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में हमारी सरकार ने हाल ही में राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति जारी की है। इससे निवेशकों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य सरकार की नीतियों से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।  

ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  हीरालाल नागर ने कहा कि नवंबर 2024 तक राजस्थान ने 30 हजार मेगावाट अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता हासिल कर ली है। राज्य में मौजूद नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों की अनुमानित क्षमता 426 गीगावाट है, जो देश के उपलब्ध संसाधनों का 26 प्रतिशत है। हमारा लक्ष्य राजस्थान को देश का नवीकरणीय ऊर्जा हब बनाना है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा  आलोक ने कहा कि राजस्थान में  10.5 गीगावाट क्षमता की 8 सोलर पार्क परियोजनाओं पर तेज गति से काम चल रहा है। 

टाटा पावर के सीईओ एवं एमडी डॉ. प्रवीर सिन्हा, जेएसडब्ल्यू एनर्जी के सीईओ  शरद महिंद्रा, सुजलोन एनर्जी के वाइस चैयरमेन  गिरीश थांती, रिन्यू पॉवर के चैयरमेन  सुमंत सिन्हा, पावरग्रिड के सीएमडी  आर.के.त्यागी तथा केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष  घनश्याम प्रसाद ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में राज्य सरकार की नीतियों तथा प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के आयोजन की सराहना की। 

Must Read: दिल्ली में आज होगा फुल-फाइनल फैसला, पीसीसी का हो सकता है विस्तार

पढें राजस्थान खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें thinQ360 App.

  • Follow us on :