मिग-21 की गरज खामोश: राजस्थान हादसे ने थामी वायुसेना के लड़ाकु विमान की रफ्तार, अब नहीं भरेंगे उड़ान

राजस्थान हादसे ने थामी वायुसेना के लड़ाकु विमान की रफ्तार, अब नहीं भरेंगे उड़ान
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मौजूदा समय में लगभग 50 मिग-21 बेडे में शामिल हैं, लेकिन इनका भविष्य भी खतरे में नजर आ रहा है।  इन्हें भी 2025 तक धीरे-धीरे रिटायर घोषित कर दिया जाएगा।

जयपुर |  राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में मिग-21 लड़ाकू विमान क्रेेश क्या हुआ उसकी गरज ही खामोश हो गई। 

पांच दशकों से भारतीय वायुसेना में शामिल मिग-21 लड़ाकू विमानों की रफ्तार पर रक्षा मंत्रालय ने रोक लगा दी। 

इसका सबसे बड़ा कारण 8 मई को राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक मिग-21 लड़ाकू विमान का क्रैश होना रहा। 

ये विमान तकनीकी खराबी के कारण आबादी के बीच एक मकान पर जा गिरा जिससे 3 महिलाओं की मौत हो गई थी। 

इस घटना के बाद एयरफोर्स अधिकारियों ने विमान को उड़ता हुआ ताबूत मानकर हादसे की वजहों का पता लगने तक मिग विमान के पूरे बेडे की उड़ान पर रोक लगा दी।

गौरतलब है कि 1963 में इंटरसेप्टर एयरक्राफ्ट के तौर पर मिग-21 विमान वेरिएंट को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। 

लेकिन अब इन विमानों को एक चरणबद्ध तरीके से वायुसेना के बेड़े से बाहर किया जा रहा है। 

जानकारी के मुताबिक, वायुसेना में फिलहाल तीन मिग-21 स्क्वाड्रन काम कर रहे हैं और 2025 की शुरुआत तक इन सभी को हटा दिया जाएगा।

आपको बता दें कि, भारतीय वायुसेना में मिग-21 की 3 स्क्वाड्रन हैं। हर स्क्वाड्रन में 16 से 18 विमान शामिल होते हैं। 

ऐसे में मौजूदा समय में लगभग 50 मिग-21 बेडे में शामिल हैं, लेकिन इनका भविष्य भी खतरे में नजर आ रहा है।  इन्हें भी 2025 तक धीरे-धीरे रिटायर घोषित कर दिया जाएगा।

राजस्थान के हनुमानगढ़ में  8 मई 2023 को हुए मिग-21 लड़ाकू विमान हादसे से पहलेे 29 जुलाई 2022 को राजस्थान के ही बाड़मेर में मिग-21 विमान क्रैश हुआ था। इस घटना में दो पायलट शहीद हो गए थे। 

जबकि, इससे पहले 25 दिसंबर 2021 को राजस्थान में मिग-21 बाइसन भी हादसे का शिकार हुआ था। जिसमें भी पायलट शहीद हो गया था। 

इसी तरह से 25 अगस्त 2021, 20 मई 2021, 17 मार्च 2021, 5 जनवरी 2021 को भी मिग-21 विमान हादसे हुए जिनमें कई पायलट तो बच गए लेकिन कईयों ने जान गंवाई। 

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