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सूची पर रोक लगाए जाने के बाद अब गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सूची पर कांग्रेस अध्यक्ष का अनुमोदन कराना था, लेकिन बिना अनुमोदन ही हमने सूची जारी कर दी थी, हमसे गलती हुई है।
जयपुर । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने राज्य कांग्रेस में हाल ही में 85 सचिवों की नियुक्ति पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी है।
बताया जा रहा है कि इन नियुक्तियों से पार्टी हाईकमान नाखुश हैं और इसी के चलते सचिवों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है।
सूची पर रोक लगाए जाने के बाद अब गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सूची पर कांग्रेस अध्यक्ष का अनुमोदन कराना था, लेकिन बिना अनुमोदन ही हमने सूची जारी कर दी थी, हमसे गलती हुई है।
एआईसीसी अब नियुक्तियों पर विचार करेगी और यह प्रतिबंध तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कोई निर्णय नहीं हो जाता।
गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस ने 27 मई को 85 सचिवों की लंबी सूची जारी की थी। जिसके बाद से ही इसे लेकर विवाद शुरू हो गया था।
जानकार सूत्रों के अनुसार, राज्य सचिवों की नियुक्ति आमतौर पर एआईसीसी के संगठनात्मक महासचिव द्वारा की जाती है।
हालांकि इस बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की सहमति से सचिवों की सूची जारी की थी।
रिपोर्टों से पता चलता है कि पार्टी आलाकमान इन नियुक्तियों से असंतुष्ट है, जिसके कारण सचिवों की नियुक्तियों को निलंबित करने का फैसला लिया गया है।
दिल्ली पहुंची शिकायतें तो बढ़ गया विवाद
प्रदेश कांग्रेस में सचिवों की नियुक्ति को लेकर शिकायतें जब दिल्ली आलाकमानों के पास पहुंचीं तो इस पर विवाद और बढ़ गया।
कांग्रेस पार्टी के भीतर सचिवों की व्यापक सूची के बारे में चर्चा हुई है, जिसमें कई लोगों ने कहा है कि कई व्यक्तियों में संगठनात्मक कार्य में अनुभव की कमी शामिल है।
इसके अलावा, आरोप हैं कि नियुक्तियां जमीनी कार्यकर्ताओं पर विचार करने के बजाय प्रभावशाली नेताओं की सिफारिशों के आधार पर की गईं।
सूची को लेकर आलोचकों का तर्क है कि इन नियुक्तियों में समर्पित जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है।
इसके बजाय प्रभावशाली नेताओं से जुड़े व्यक्तियों का पक्ष लिया।
इसके अतिरिक्त, कई नियुक्त सचिव कांग्रेस पार्टी के अपेक्षाकृत नए सदस्य हैं।
सचिवों की नियुक्ति को निलंबित करने का एआईसीसी का निर्णय आंतरिक चिंताओं को दूर करने और निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नियुक्तियों में सामने आ रही विसंगतियों को सुधारने और आगे की जांच और मूल्यांकन के बाद ही नियुक्तियां की जाने पर विचार किया जाएगा।