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एआईएमआईएम 40 सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है, जिससे आगामी चुनावों के समीकरण काफी बदल सकते हैं
राजस्थान में, जहां 18 जिलों की लगभग 50 सीटों पर पर्याप्त मुस्लिम मतदाता आधार है, एआईएमआईएम का प्रवेश कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती है
जयपुर | एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन औवेसी ने जयपुर में रविवार को एक जलसे में राजस्थान की अषोक गहलोत सरकार पर जमकर निषाना साधा। बीजेपी-आरएसएस, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तो औवेसी के निशाने पर रहे ही उन्होंने यूनीफार्म सिविल कोड बिल को लेकर भी अपने विचार रखे।
उन्होंने Education के क्षेत्र में सक्रिय जमील खान को एआईएमआईएम का Rajasthan अध्यक्ष नियुक्त किया और उनके हवामहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा भी की।
औवेसी ने जयपुर में बोलते हुए कहा कि उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या हुई, नहीं होनी चाहिए थी। उसके हत्यारे आतंकवादी थे, लेकिन नसीर और जुनैद के हत्यारे क्या थे? उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने कन्हैयालाल के परिवार को पचास लाख और नसीर व जुनैद के हत्यारे को पन्द्रह लाख का मुआवजा देकर भेद किया है। यही नहीं औवेसी ने कहा कि अषोक गहलोत के लिए आतंकवाद की परीभाषा अलग है।
औवेसी ने अपनी टीम की घोषणा करते हुए जमील खां को अध्यक्ष मनोनीत किया। उन्होंने एडवोकेट कासिम जुबैरी, जावेद अली, इमरान नवाब को महासचिव नियुक्त किया। कोषाध्यक्ष काजी इसरार खान को मनोनीत किया है। संयुक्त सचिव शाहिद निजामी, जावेद खान और बाबूभाई को फजल शमेजा नसीम अहमद, शाहरुख खां शेखावती, यशवंत टांक, रफीक खान, फजल, फिरोज अब्बासी को सदस्य बनाया है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जयपुर के रामलीला मैदान में अपनी पार्टी के राज्य स्तरीय सम्मेलन के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए उन पर मुस्लिम समुदाय की चिंताओं की अनदेखी करने और धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने राजस्थान में मुसलमानों के साथ कथित दुर्व्यवहार पर भी प्रकाश डाला और विपक्षी दलों के बीच एकता का आह्वान किया।
पीएम मोदी की शिक्षा और समानता के प्रति प्रतिबद्धता को चुनौती
अपने संबोधन के दौरान, ओवैसी ने पीएम मोदी की शैक्षिक पृष्ठभूमि पर कटाक्ष किया, उनकी डिग्री को स्वीकार किया लेकिन इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री केवल वही पढ़ते हैं जो उन्हें दिया जाता है।
ओवैसी ने व्यंग्यात्मक ढंग से दावा किया कि मोदी के पास “सबसे बड़ी डिग्री“ है। उन्होंने पीएम मोदी पर समानता के विचार को लेकर दिखावा करने और ऐसी नीतियों को कायम रखने का आरोप लगाया जो समावेशी नहीं हैं।
रूढ़िवादिता का खंडन करना और मुस्लिम देशभक्ति का बचाव
बीजेपी नेताओं द्वारा उनकी तुलना पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना से करने के जवाब में, ओवैसी ने अपनी विचारधारा का बचाव किया और उन लोगों की मानसिकता पर सवाल उठाया जो मुसलमानों को जिन्ना से जोड़ते थे।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सोच की आसानी से बराबरी या चुनौती नहीं दी जा सकती। एक मुस्लिम और एक भारतीय नागरिक के रूप में अपनी पहचान का दावा करते हुए, ओवैसी ने सवाल किया कि उनकी और साथी मुसलमानों की देशभक्ति पर संदेह क्यों किया जा रहा है, जबकि वे अपने धर्म का पालन उसी तरह करते हैं जैसे हिंदू मंदिरों में जाते हैं।
उन्होंने तर्क दिया कि भारत में कई धर्म सह-अस्तित्व में हैं, और पीएम मोदी द्वारा समर्थित प्रस्तावित समान नागरिक संहिता एक ऐसा कदम था जिसका उनकी पार्टी ने कड़ा विरोध किया।
राजस्थान में मस्जिदों पर हमले और भेदभाव के आरोपः
ओवैसी ने राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की मौजूदगी के बावजूद, राजस्थान में मस्जिदों पर कथित हमलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने मुस्लिम पार्षदों के खिलाफ मामले दर्ज करने के लिए कांग्रेस पार्टी की आलोचना की और उन पर मुस्लिम समुदाय को धोखा देने का आरोप लगाया।
ओवैसी ने आगे दावा किया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुसलमानों के लिए आरक्षण रोक दिया है और भाजपा और कांग्रेस दोनों पर राज्य में मुस्लिम आबादी की गंभीर सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
मुस्लिम नेतृत्व और गुर्जर समुदाय से सीख
ओवैसी ने राजस्थान में मुसलमानों की दुर्दशा पर अपना ध्यान केंद्रित किया और समुदाय के भीतर प्रभावी नेतृत्व की कमी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरक्षण के लिए सफल लड़ाई के लिए गुर्जर समुदाय की सराहना की और मुसलमानों से उनके उदाहरण से सीखने का आग्रह किया। ओवैसी ने सुझाव दिया कि मुसलमानों को अपने अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से वकालत करने की जरूरत है न कि निष्क्रिय रहने की।
विपक्ष में एकता और विधायक खरीद-फरोख्त
महाराष्ट्र में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए, ओवैसी ने विपक्षी दलों के बीच एकता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल के दलबदल कर भाजपा में शामिल होने की आलोचना की और पटना में विपक्षी दल की बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने पर निराशा व्यक्त की। ओवैसी ने भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त पर विपक्ष की प्रतिक्रिया के पाखंड की ओर इशारा किया, और इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे लालू प्रसाद यादव की राजद और नीतीश कुमार की जद (यू) जैसी पार्टियां पहले बिना किसी निंदा के इसी तरह की गतिविधियों में लगी हुई थीं।
राजस्थान में एआईएमआईएम के संभावित प्रभाव
ओवैसी की पार्टी, एआईएमआईएम, राजस्थान में मुस्लिम समुदाय को कथित तौर पर हाशिए पर रखने और उपेक्षा करने के लिए कांग्रेस-भाजपा सरकारों की सक्रिय रूप से आलोचना कर रही है। एआईएमआईएम 40 सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है, जिससे आगामी चुनावों के समीकरण काफी बदल सकते हैं।
राजेन्द्र गुढ़ा और राजपूतों की तारीफ
औवेसी ने कहा कि गहलोत सरकार के मंत्री राजेन्द्र गु़ढ़ा करीब एक घंटे तक उनसे मिले और तफसील से बात की। वह कमला आदमी है। उन्होंने कहा कि राजपूतों से सीख लेनी चाहिए। मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा- राजस्थान के राजपूतों को सलाम। आज मेरे से मिलने गुढ़ा आए एक घंटे तक बातचीत हुई। मैं उनसे प्रभावित हुआ।
राजस्थान में, जहां 18 जिलों की लगभग 50 सीटों पर पर्याप्त मुस्लिम मतदाता आधार है, एआईएमआईएम का प्रवेश कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती है। ओवैसी का यह दावा कि मुस्लिम उम्मीदवार लगातार 15-16 सीटें जीत रहे हैं, चुनाव परिणामों पर मुस्लिम मतदाताओं के संभावित प्रभाव को दर्शाता है।