Highlights
राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अल्का गुर्जर ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आने के बाद दुष्कर्म और महिला हिंसा के मामलों में लगातार बढोतरी हो रही है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के पिछले 3 सालों में महिला हिंसा के मामले में राजस्थान देश में पहले नंबर पर पहुंच गया है।
जयपुर | राजस्थान में लगातार सामने आ रहे अपराधों खासतौर से महिला हत्या चारों को लेकर भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अल्का गुर्जर ने अशोक गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है।
अल्का गुर्जर ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के राज में कानून व्यवस्था तार तार हो गई।
राज्य की लचर कानून व्यवस्था के कारण अब तो हालात यह है कि राजस्थान पुलिस अकादमी में बदमाश महिला पुलिसकर्मी पर जानलेवा हमला कर फरार हो गया।
जयपुर के सबसे सुरक्षित जगहों में शुमार आरपीए जैसी जगह में महिलाएं सुरक्षित नहीं है तो फिर प्रदेश के दूर दराज में रहने वाली महिलाओं की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
प्रियंका गांधी की नारे ’लड़की हूं लड़ सकती हूं’ की राजस्थान में खुल रही पोल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में कानून व्यवस्था चाक चौबंद होने का दावा कर रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि राजधानी सहित प्रदेश भर में बदमाश कहीं सरेआम गोलियां चला रहे है तो कहीं दिन दहाडे हत्या जैसी वारदात को अंजाम दे कर फरार हो जाते हैं।
आरपीए में महिला पुलिसकर्मी पर जानलेवा हमला प्रियंका गांधी का महिला सुरक्षा को लेकर दिए गए नारे ’लड़की हूं लड़ सकती हूं’ की पोल खोल रहा है।
राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अल्का गुर्जर ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आने के बाद दुष्कर्म और महिला हिंसा के मामलों में लगातार बढोतरी हो रही है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के पिछले 3 सालों में महिला हिंसा के मामले में राजस्थान देश में पहले नंबर पर पहुंच गया है।
प्रदेश में जनवरी, 2020 से अप्रैल, 2022 तक दुष्कर्म के 13,890 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से 11,307 दुष्कर्म की घटनाएं नाबालिग लड़कियों के साथ हुई है। दो से 12 साल तक की उम्र की 170 लड़कियों से दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं।
राजस्थान में साल, 2022 दिसंबर तक बलात्कार के 7090 तथा 2021 में 6,377 के मामले दर्ज हुए।
राजसथान में दुष्कर्म के साथ साथ महिला उत्पीडन, छेडछाड जैसे मामलों में भी साल दर साल बढोतरी होती जा रही है। राजस्थान पुलिस के आंकडों सरकार की लचर कानून व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं।
राज्य में जहां 2020 में महिला उत्पीडन के करीबन 14 हजार मामले दर्ज किए गए, वहीं 2022 में ऐसे मामले बढकर 19 हजार तक पहुंच गए।
इसी तरह महिलाओं के साथ छेडछाड जैसी वारदात भी 2020 में 8 हजार तो 2022 तक 10 हजार तक पहुंच गई। इसके अलावा प्रदेश में 01 जनवरी 2019 से नवम्बर 2022 तक पोक्सो एक्ट में कुल 14854 प्रकरण दर्ज हुए है। इसमें से 3352 प्रकरणों में नकारात्मक अन्तिम प्रतिवेदन (एफआर) दी गयी हैं।
उन्होंने कहा कि यह तो केवल वे मामले है जो पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज है, लेकिन हजारों ऐसी वारदात है जो दर्ज ही नहीं हुई। महिला अत्याचार और दुष्कर्म के मामलों ने तो राज्य में पुलिस का स्लोगन ही बदल दिया है।
अब आमजन भी कह रहा है कि पुलिस का स्लोगन श्अपराधियों में विश्वास और आमजन में डरश् बन गया है।