श्रीमती शुभ्रा सिंह ने दिए निर्देश: सभी अधिकारी-कर्मचारी टीम भावना से काम करें —आमजन का जीवन बचाना ही हमारा पहला और आखिरी लक्ष्य हो

सभी अधिकारी-कर्मचारी टीम भावना से काम करें —आमजन का जीवन बचाना ही हमारा पहला और आखिरी लक्ष्य हो
श्रीमती शुभ्रा सिंह
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चिकित्सा विभाग के संबंधित अधिकारी साइट्स का निरीक्षण कर उसमें अपनी टिप्पणी आवश्यक रूप से अंकित करेंगे। उन्होंने 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करने, मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्य को गति देने, सभी चिकित्सा संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने एवं कार्मिकों को आवश्यक प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए

जयपुर । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य का क्षेत्र राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है और यह आमजन के जीवन से जुड़ा हुआ संवेदनशील विभाग है।

विभाग के सभी अधिकारी, चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ पूरी प्रतिबद्धता और टीम भावना के साथ काम करें। आमजन का जीवन बचाना ही हमारा पहला और आखिरी लक्ष्य हो।
 
श्रीमती सिंह मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में चिकित्सा व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के संबंध में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में रोगियों एवं परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार करें। उपचार के दौरान पूरी सजगता और संवेदनशीलता बरतें। चिकित्सा संस्थान की व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं में अपेक्षित सुधार करें।
 
हर स्वास्थ्य सेवा के लिए बनाएं एसओपी
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि चिकित्सा संस्थानों में जांच, उपचार एवं अन्य सुविधाओं के संचालन के लिए एसओपी आवश्यक रूप से तैयार की जाए। एसओपी के अनुरूप ही कार्य हो ताकि मरीजों को सुगमतापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और लापरवाही होने पर जिम्मेदारी तय की जा सके। उन्होंने विभागीय एवं उच्च स्तर पर आयोजित बैठकों में अधिकारियों को पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए।
 
नियमित रूप से होें आरएमआरएस की बैठक
श्रीमती सिंह ने कहा कि अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। एम्बुलेंस, ऑक्सीजन प्लांट, जांच उपकरण आदि का समुचित रख-रखाव एवं मेंटीनेंस हो। आरएमआरएस की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएं ताकि चिकित्सा संस्थानों के जरूरी काम समय पर हो सकें और उपलब्ध फंड का सदुपयोग सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि सिटीजन चार्टर को समय-समय पर अपडेट किया जाए। फाइलों का समयबद्ध निस्तारण हो।
 
नशीली दवाओं की अवैध बिक्री पर करें सख्त कार्रवाई
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि संभावित आदर्श आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा संस्थानों में जांच किट्स, उपकरण, दवा आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने आगामी 24 घंटे में इस संबंध में आकलन कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि प्रदेशभर में चिकित्सा व्यवस्था से जुड़ा कोई भी मामला सामने आए तो उसका संवेदनशीलता के साथ समाधान करें और उच्च स्तर पर तत्काल प्रभाव से उसकी सूचना दें। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए नशीली दवाओं के अवैध कारोबार पर प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेशभर में अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत नशीली दवाओं की अवैध बिक्री पर सख्ती से कार्रवाई सुनिश्चित करें।
 
गुणवत्ता के लिए कंस्ट्रक्शन साइट्स पर रखा जाएगा विजिटिंग रजिस्टर
श्रीमती सिंह ने नए चिकित्सा संस्थानों के निर्माण कार्य समय सीमा में पूरे करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भवनों की गुणवत्ता को लेकर सभी कंस्ट्रक्शन साइट्स पर विजिटिंग रजिस्टर रखा जाएगा।

चिकित्सा विभाग के संबंधित अधिकारी साइट्स का निरीक्षण कर उसमें अपनी टिप्पणी आवश्यक रूप से अंकित करेंगे। उन्होंने 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करने, मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्य को गति देने, सभी चिकित्सा संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने एवं कार्मिकों को आवश्यक प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए।
 
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा  इकबाल खान, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी के सहायक मुख्य कार्यकारी अधिकारी  मयंक मनीष, निदेशक आरएसीएच डॉ. लोकेश चतुर्वेदी, निदेशक एड्स डॉ. सुशील कुमार परमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य एवं अधीक्षक, संयुक्त निदेशक जोन, समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा प्रमुख चिकित्साधिकारी भी वीसी से जुड़े।

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