दिव्यांग पति का पत्नी के लिए संघर्ष: दिव्यांग पति का स्कूटी पर 735 किमी सफर: पत्नी के ट्रांसफर की मांग
जैसलमेर (Jaisalmer) से दिव्यांग पति अनु रंगा (Anu Ranga) अपनी पत्नी बीना रंगा (Beena Ranga) के तबादले हेतु स्कूटी से जयपुर (Jaipur) निकले। वे सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) से मिलकर जैसलमेर स्थानांतरण की मांग करेंगे; तबादला न होने तक वापस न आने का संकल्प।
जैसलमेर: जैसलमेर (Jaisalmer) से दिव्यांग पति अनु रंगा (Anu Ranga) अपनी पत्नी बीना रंगा (Beena Ranga) के तबादले हेतु स्कूटी से जयपुर (Jaipur) निकले। वे सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) से मिलकर जैसलमेर स्थानांतरण की मांग करेंगे; तबादला न होने तक वापस न आने का संकल्प।
जैसलमेर से जयपुर की कठिन यात्रा
अनु रंगा ने शुक्रवार को दोपहर 4 बजे गीता आश्रम से अपनी यात्रा शुरू की।
वे पोकरण, रामदेवरा, फलोदी और नागौर होते हुए 26 अक्टूबर को जयपुर पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।
27 अक्टूबर को वे मुख्यमंत्री से मुलाकात का प्रयास करेंगे।
उनके साथ उनके मित्र कमल भी हैं, जो रास्ते में सहायता के लिए साथ जा रहे हैं।
दिव्यांग दंपति और परिवार की स्थिति
अनु रंगा और उनकी पत्नी बीना रंगा दोनों ही पैर से दिव्यांग हैं।
उनकी एक 13 महीने की बच्ची है, जो वर्तमान में अपनी मां के साथ बांसवाड़ा में रहती है।
बीना रंगा की नियुक्ति साल 2019 में ग्रेड थर्ड टीचर के पद पर हुई थी।
पिछले चार साल से वे बांसवाड़ा जिले के सेमलिया स्थित उच्च प्राथमिक स्कूल में कार्यरत हैं।
जैसलमेर से उनकी पोस्टिंग की जगह लगभग 735 किलोमीटर दूर है, जिससे परिवार का एक साथ रहना मुश्किल हो गया है।
तबादले के लिए पूर्व प्रयास और वर्तमान संकल्प
अनु रंगा ने बताया कि उन्होंने शिक्षा विभाग और राज्य सरकार के कई स्तरों पर तबादले के लिए गुहार लगाई है।
मुख्यमंत्री के जैसलमेर दौरे के दौरान जनसुनवाई में भी उन्होंने ज्ञापन प्रस्तुत किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पिछली सरकार ने डेपुटेशन के माध्यम से तबादला किया था, जिसे वर्तमान सरकार ने निरस्त कर दिया है।
अनु रंगा ने दृढ़ता से कहा है कि यदि उनकी पत्नी का तबादला नहीं होता है, तो वे वापस जैसलमेर नहीं आएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि वे जयपुर में सीएम हाउस के बाहर फुटपाथ पर सोएंगे, जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती।
यह सिर्फ एक निजी संघर्ष नहीं
अनु रंगा का मानना है कि उनकी यह यात्रा केवल उनका निजी संघर्ष नहीं है।
यह उन सैकड़ों शिक्षकों की आवाज का प्रतीक है, जो अपने गृह जिलों में तबादले का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने सरकार से ग्रेड थर्ड शिक्षकों के तबादलों पर लगी रोक हटाने की मांग की है।
इस यात्रा के दौरान वे रास्ते में स्थानीय शिक्षकों से मिलकर तबादले की अनिश्चित स्थिति और इसके प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
अनु रंगा ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री उनकी समस्या को गंभीरता से समझेंगे और जल्द ही उनकी पत्नी का जैसलमेर तबादला सुनिश्चित करेंगे।