Epstein Files: एपस्टीन फाइल्स: ट्रम्प की अंतरंग तस्वीरें, कंडोम पैकेट पर दिखे

'एपस्टीन केस' (Epstein Case) की 92 तस्वीरें सार्वजनिक। इनमें डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) की 4 तस्वीरें हैं, जिनमें वे लड़कियों संग और कंडोम पैकेट पर दिख रहे हैं। 19 दिसंबर को डॉक्यूमेंट्स सामने आ सकते हैं, जिससे कई हस्तियों की मुश्किलें बढ़ेंगी।

एपस्टीन केस: ट्रम्प की नई तस्वीरें

नई दिल्ली: 'एपस्टीन केस' (Epstein Case) की 92 तस्वीरें सार्वजनिक। इनमें डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) की 4 तस्वीरें हैं, जिनमें वे लड़कियों संग और कंडोम पैकेट पर दिख रहे हैं। 19 दिसंबर को डॉक्यूमेंट्स सामने आ सकते हैं, जिससे कई हस्तियों की मुश्किलें बढ़ेंगी।

एपस्टीन केस का नया खुलासा: ट्रम्प और अन्य हस्तियों की तस्वीरें

दुनिया के सबसे हाई-प्रोफाइल सेक्स स्कैंडल 'एपस्टीन केस' से जुड़ी 92 नई तस्वीरें हाल ही में सार्वजनिक की गई हैं। इन तस्वीरों ने एक बार फिर इस मामले को सुर्खियों में ला दिया है और कई नामचीन हस्तियों की नींद उड़ा दी है।

इन 92 तस्वीरों में से 4 तस्वीरें सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से संबंधित हैं। ये तस्वीरें उनके और जेफरी एपस्टीन के बीच के संबंधों पर नए सवाल खड़े करती हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प की विवादित तस्वीरें

एक तस्वीर में डोनाल्ड ट्रम्प छह लड़कियों से घिरे हुए नजर आ रहे हैं, जिनके चेहरों को छिपा दिया गया है। यह तस्वीर एपस्टीन की गुप्त पार्टियों में ट्रम्प की मौजूदगी का एक और प्रमाण है।

एक अन्य तस्वीर में ट्रम्प कंडोम के पैकेट पर दिख रहे हैं, जिन पर 'आई एम हूयूयूयूजी!' (I'm HUUUUGE!) लिखा है। इन पैकेट्स की कीमत साढ़े चार डॉलर रखी गई थी और ये एपस्टीन के आइलैंड पर बेचे जाते थे।

एक और तस्वीर में डोनाल्ड ट्रम्प, जेफरी एपस्टीन और एक महिला एक साथ दिख रहे हैं। हालांकि, यह तस्वीर पहले भी सार्वजनिक हो चुकी है, लेकिन नए खुलासों के साथ इसका महत्व बढ़ गया है।

अन्य प्रसिद्ध हस्तियों की तस्वीरें

इन फाइलों में केवल ट्रम्प ही नहीं, बल्कि माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन जैसी हस्तियों की तस्वीरें भी शामिल हैं। एक तस्वीर में बिल गेट्स एपस्टीन के साथ एक महिला के बीच में नजर आ रहे हैं।

इसी तरह, एक अन्य तस्वीर में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, एपस्टीन और उसकी गर्लफ्रेंड गिस्लेन मैक्सवेल के साथ दिख रहे हैं। इन तस्वीरों ने दुनिया भर में हंगामा मचा दिया है और एपस्टीन के काले कारनामों की परतें खोल दी हैं।

आखिर क्या है जेफरी एपस्टीन केस, जिसमें नामचीन लोग फंसे हैं?

एपस्टीन केस एक बेहद हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामला है, जिसमें नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और उनकी तस्करी के गंभीर आरोप लगे थे। इस मामले ने दुनिया भर की सरकारों और न्याय प्रणालियों पर सवाल उठाए हैं।

इसकी शुरुआत साल 2005 में हुई, जब फ्लोरिडा में एक 14 साल की लड़की की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने आरोप लगाया कि जेफरी एपस्टीन के आलीशान घर में उसकी बेटी को मसाज के बहाने बुलाया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर उस पर यौन संबंध बनाने का दबाव डाला गया।

जांच और शुरुआती खुलासे

यह एपस्टीन के खिलाफ दर्ज पहला आपराधिक मामला था, जिसके बाद पुलिस ने गहन जांच शुरू की। धीरे-धीरे लगभग 50 लड़कियां सामने आईं और उन्होंने एपस्टीन पर इसी तरह के आरोप लगाए, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई।

महीनों की छानबीन के बाद पुलिस को पता चला कि एपस्टीन मैनहटन, पाम बीच के विला और 'लिटिल सेंट जेम्स' नामक अपने निजी आइलैंड पर हाई-प्रोफाइल पार्टियां आयोजित करता था। इन पार्टियों में दुनिया भर के कई नामचीन और रसूखदार लोग शामिल होते थे।

एपस्टीन अपने प्राइवेट प्लेन 'लोलिता एक्सप्रेस' का इस्तेमाल करके कम उम्र की लड़कियों को इन जगहों पर लाता था। वह उन्हें पैसों, गहनों का लालच देता और धमकियां देकर यौन शोषण के लिए मजबूर करता था।

इन घिनौने कामों में उसकी गर्लफ्रेंड और पार्टनर गिस्लेन मैक्सवेल भी उसका पूरा साथ देती थी। वह लड़कियों को फंसाने और उन्हें एपस्टीन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाती थी।

कानूनी प्रक्रिया और 2008 की सजा

एपस्टीन का रसूख इतना अधिक था कि जांच शुरू होने के तीन साल बाद तक उसे जेल नहीं हुई। जब 2008 में उसे सजा हुई भी, तो उसे केवल 13 महीने के लिए जेल भेजा गया, जिस पर कई सवाल उठे।

साल 2009 में वह जेल से रिहा हो गया, जिससे पीड़ितों और न्याय चाहने वालों में निराशा फैल गई। कई लोगों ने इसे न्याय प्रणाली की विफलता के रूप में देखा।

2019 में फिर से गिरफ्तारी और रहस्यमय मौत

दस साल बाद, 2019 में वर्जीनिया ग्रिफे नाम की एक लड़की ने एपस्टीन पर कई और गंभीर आरोप लगाए। ग्रिफे ने बताया कि जब वह 16 साल की थी और डोनाल्ड ट्रम्प के क्लब मार-ए-लागो में काम कर रही थी, तब उसकी मुलाकात गिस्लेन मैक्सवेल से हुई।

मैक्सवेल ने उसे मसाज थेरेपी का ऑफर दिया और उसे एपस्टीन के पास ले गई। ग्रिफे के मुताबिक, इसके बाद एपस्टीन उसे अपने विला ले गया और तीन साल तक उसका यौन शोषण किया।

ग्रिफे के आरोपों के बाद लगभग 80 और महिलाओं ने एपस्टीन के खिलाफ शिकायत की, जिससे उस पर दबाव बहुत बढ़ गया। अंततः 6 जुलाई 2019 को न्यूयॉर्क में एपस्टीन को सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।

हालांकि, 10 अगस्त 2019 को एपस्टीन की मौत हो गई। आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, उसने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी, लेकिन कई मेडिकल और कानूनी विशेषज्ञों ने इस पर सवाल उठाए और साजिश की आशंका जताई।

वहीं, गिस्लेन मैक्सवेल को 2020 में गिरफ्तार किया गया और अगले साल दोषी ठहराया गया। उसे लड़कियों की भर्ती और तस्करी के लिए 20 साल की सजा हुई और वह अभी भी जेल में है।

कौन था जेफरी एपस्टीन? एक कचरा बीनने वाले का बेटा जो अरबपति बना

जेफरी एडवर्ड एपस्टीन, पेशे से एक इन्वेस्टमेंट मैनेजर था, जिसका जन्म 20 जनवरी 1954 को न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में हुआ था। उसका जीवन एक साधारण पृष्ठभूमि से शुरू होकर असाधारण धन और फिर घिनौने अपराधों की ओर बढ़ा।

उसके पिता कचरा इकट्ठा करते थे और मां एक स्कूल में हेल्पर थीं। जेफरी ने न्यूयॉर्क के डाल्टन स्कूल से अपनी पढ़ाई की, जो एक प्रतिष्ठित संस्थान था।

स्कूल के दिन और शुरुआती करियर

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल में जेफरी फर वाला कोट और ओपन बटन शर्ट पहनकर आता था। कैंपस और इवेंट्स में उसका ज्यादातर ध्यान लड़कियों पर रहता था, वह उनसे फ्लर्टिंग करता और उनके बीच ही रहता था।

कुछ समय बाद वह डाल्टन स्कूल में ही गणित और भौतिकी पढ़ाने लगा, लेकिन जल्द ही उसे निकाल दिया गया। हालांकि, डाल्टन में बनी पहचान की बदौलत उसने अमेरिकी वित्तीय बाजार 'वॉल स्ट्रीट' में कदम रखा।

साल 1982 में उसने अपनी इन्वेस्टमेंट फर्म 'जे. एपस्टीन एंड कंपनी' शुरू की। यह फर्म थोड़े ही समय में एक बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति का प्रबंधन करने लगी, जिससे एपस्टीन की दौलत तेजी से बढ़ी।

असीमित धन और लग्जरी जीवनशैली

जल्द ही वह बहुत रईस बन गया और उसने असीमित धन कमाया। उसने न्यू मेक्सिको में एक फार्महाउस, न्यूयॉर्क में सबसे बड़ा प्राइवेट घर, फ्लोरिडा में एक आलीशान हवेली और यूएस वर्जिन आइलैंड्स में एक निजी आइलैंड जैसी लग्जरी प्रॉपर्टीज खरीदीं।

इसके अलावा, उसने पेरिस में एक विला और एक बोइंग 727 प्राइवेट प्लेन भी खरीदा। साल 2000 तक उसकी कुल संपत्ति 47.6 करोड़ डॉलर आंकी गई थी, जो उसे दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक बनाती थी।

एपस्टीन के आइलैंड पर आखिर होता क्या था? 'लिटिल सेंट जेम्स' का काला सच

जेफरी एपस्टीन के पास यूएस वर्जिन आइलैंड के पास 'लिटिल सेंट जेम्स' नाम का एक निजी आइलैंड था। यह आइलैंड एपस्टीन आइलैंड के नाम से कुख्यात हो गया, जो लगभग 78 एकड़ में फैला हुआ था।

इस आइलैंड तक केवल प्राइवेट जेट, हेलिकॉप्टर या बोट से ही पहुंचा जा सकता था, जिससे यह बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटा हुआ था। यह एकांत जगह एपस्टीन के काले कारनामों का केंद्र बन गई।

लड़कियों की भर्ती और शोषण का तंत्र

आइलैंड की पार्टियों में कम उम्र की लड़कियों को लाया जाता था, जिनमें से कुछ की उम्र तो मात्र 12-15 साल होती थी। उन्हें मॉडलिंग, पढ़ाई, नौकरी या फिर पैसे-गहनों का लालच देकर एपस्टीन के प्राइवेट जेट 'लोलिता एक्सप्रेस' से लाया जाता था।

एपस्टीन लड़कियों का एक विस्तृत डेटाबेस रखता था, जिसमें आसपास रहने वाली और आइलैंड पर भेजने लायक लड़कियों की जानकारी होती थी। यह एक चेन सिस्टम की तरह काम करता था, जहां पीड़ित लड़कियों को ही नई लड़कियां लाने के लिए मजबूर किया जाता था।

इस पूरे घिनौने नेटवर्क में एपस्टीन की गर्लफ्रेंड गिस्लेन मैक्सवेल भी उसका पूरा साथ देती थी। वह लड़कियों को फंसाने और उन्हें एपस्टीन के चंगुल में धकेलने में सक्रिय भूमिका निभाती थी।

हाई-प्रोफाइल मेहमान और जबरन यौन संबंध

पीड़ित लड़कियों के मुताबिक, इस आइलैंड पर कई सारे राजनेता, उद्योगपति, सेलिब्रिटी, वैज्ञानिक और प्रोफेसर जैसे रसूखदार लोग आते थे। इन लोगों के साथ लड़कियों को यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता था।

कई बार तो जबरन ग्रुप सेक्स भी होता था, जिससे लड़कियों को असहनीय मानसिक और शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ती थी। इन पार्टियों का माहौल बेहद भयावह और डरावना होता था।

पीड़ितों की दर्दनाक आपबीती

पीड़िता वर्जीनिया गिफ्रे ने अपनी किताब 'नोबडीज गर्ल' में लिखा है, 'एपस्टीन ने मुझे एक आदमी को बेचा। उसने कई बार बेरहमी से मेरा बलात्कार किया। वह आदमी बार-बार मेरा गला घोंटता और तब तक प्रताड़ित करता था, जब तक कि मैं बेहोश न हो जाती।'

'सीबीएस न्यूज' को एक अन्य पीड़िता ने बताया कि एपस्टीन ने उसे महीनों तक आइलैंड पर कैद रखा। उसने कई बार उसका बलात्कार किया और उसके बेडरूम में हमेशा एक बंदूक बंधी रहती थी, जिसके चलते कोई भागने की हिम्मत नहीं कर पाता था।

आइलैंड से सबसे नजदीकी शहर सेंट थॉमस भी करीब साढ़े तीन किलोमीटर दूर था, जहां से सिर्फ बोट या हेलिकॉप्टर से ही पहुंचा जा सकता था। इसी भौगोलिक अलगाव के कारण पीड़ित लड़कियां भाग नहीं पाती थीं।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, एक बार एक 15 साल की लड़की ने तैरकर भागने की कोशिश की, लेकिन उसे पकड़ लिया गया और उसका पासपोर्ट छीन लिया गया। यह आइलैंड सचमुच एक नरक था, जहां मासूमों का शोषण होता था।

क्या इस नए खुलासे से ट्रम्प को कोई नुकसान होगा? राजनीतिक विश्लेषण

एपस्टीन फाइल्स से जुड़ी नई तस्वीरों के सामने आने से डोनाल्ड ट्रम्प के लिए राजनीतिक खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञ इसे उनके आगामी राजनीतिक अभियानों के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देख रहे हैं।

अमेरिका के सीनियर जर्नलिस्ट आरोन ब्लेक का मानना है कि ट्रम्प के लिए यह एक बड़ा राजनीतिक खतरा बन सकता है। एपस्टीन फाइल्स के सामने आने से ट्रम्प की मजबूत नेता वाली छवि को नुकसान होगा।

इसका कारण यह है कि अमेरिकी जनता पहले से ही यह मान रही है कि सरकार एपस्टीन मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में नई तस्वीरें जनता के बीच उनकी विश्वसनीयता को और कम कर सकती हैं।

जॉर्जटाउन लॉ के प्रोफेसर पॉल बटलर के मुताबिक, 'एपस्टीन फाइल्स के खुलासे से ट्रम्प और उनकी पार्टी को नुकसान हो सकता है।' उन्होंने यह भी कहा कि जस्टिस डिपार्टमेंट में उनके बहुत से भरोसेमंद लोग बैठे हैं, जो एपस्टीन फाइल्स में काट-छांट कर सकते हैं।

अटॉर्नी जनरल बोंडी उन्हें इस मामले में छूट दे सकते हैं, जिससे सच्चाई पूरी तरह से सामने न आ पाए। हालांकि, जनता का दबाव लगातार बढ़ रहा है।

क्या एपस्टीन फाइल्स की पूरी सच्चाई अब भी छिपी हुई है?

मीडिया और पीड़ित महिलाओं ने लगातार मांग की है कि एपस्टीन फाइल्स को पूरी तरह से सार्वजनिक किया जाए। इस मामले में कई ताकतवर और अमीर लोगों के नाम जुड़े होने के कारण इसके डॉक्यूमेंट्स लंबे समय तक सामने नहीं आए।

राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कहा था, 'जल्द ही हम एपस्टीन फाइल्स को पब्लिक करेंगे।' यह वादा अभी तक पूरी तरह से निभाया नहीं गया है।

हालांकि, 2019, 2024 और जनवरी 2025 में कुछ फाइल्स जारी की गईं, लेकिन माना जाता है कि पूरी सच्चाई अभी भी सामने नहीं आई है। अमेरिकी हाउस ओवरसाइट कमेटी एपस्टीन के ठिकानों से मिले हजारों डॉक्यूमेंट्स, ईमेल और 95 हजार से ज्यादा तस्वीरों की जांच कर रही है।

कमेटी के मुताबिक, आगे और तस्वीरें भी सामने आ सकती हैं, जिससे इस मामले में नए खुलासे होने की उम्मीद है। पिछले महीने अमेरिकी कांग्रेस ने एक कानून पास किया है, जिसके तहत 30 दिन के भीतर ही दस्तावेज पब्लिक करने होंगे।

ऐसे में 19 दिसंबर को अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट की ओर से एपस्टीन फाइल्स जारी करने की प्रबल संभावना है। यह तारीख इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।

वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी में लॉ के प्रोफेसर जोनाथन एंटिन के मुताबिक, 'ऐसी सभी फाइल्स को पब्लिक करने से बहुत सी निजी जानकारी सामने आ सकती हैं, जो सार्वजनिक रूप से साझा करने के लिए ठीक नहीं हैं।' हालांकि, नए कानून में कहा गया है कि अटॉर्नी जनरल उन रिकॉर्डों को रोक या एडिट कर सकते हैं, जिनमें पीड़ितों के नाम, मेडिकल फाइल और निजी जानकारियां हों।

क्या इस मामले में भारत का भी कोई कनेक्शन है? हरदीप पुरी का नाम

'द हिंदू' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2025 में रिलीज हुए एपस्टीन के पुराने ईमेल्स और कैलेंडर में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का नाम भी सामने आया है। इस खुलासे ने भारत में भी राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है।

रिपोर्ट के अनुसार, 19 सितंबर 2014 को एपस्टीन ने व्हाइट हाउस की लीगल एडवाइजर कैथरीन रूमलर को एक ईमेल भेजा था। उस समय हरदीप पुरी संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत थे और क्लाइमेट समिट के लिए न्यूयॉर्क में थे।

एपस्टीन ने ईमेल में लिखा था, 'न्यूयॉर्क में इस हफ्ते कौन-कौन आ रहा है? मैं उनसे मिलने या कोई इवेंट करने का सोच रहा हूं।' हरदीप पुरी का नाम भी उस लिस्ट में शामिल था, जिसे एपस्टीन ने रूमलर को भेजा था।

मेल के आखिर में एक विवादास्पद वाक्य लिखा था, 'गर्ल्स? सावधान, मैं अपनी पुरानी बुरी आदत फिर दोहराऊंगा।' इस वाक्य ने हरदीप पुरी के नाम के साथ जुड़ने पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

रिपोर्ट के रिलीज होने के बाद कांग्रेस ने पुरी से इस मामले पर जवाब मांगा। इस पर बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने कहा, 'एपस्टीन बस यह बता रहा था कि दुनिया भर के बड़े लोग न्यूयॉर्क में हैं। उसका पुरी से कोई सीधा संबंध नहीं था।'

पृथ्वीराज चव्हाण का दावा और 19 दिसंबर की भविष्यवाणी

हाल ही में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने एक चौंकाने वाला दावा किया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा भूकंप आएगा।

चव्हाण ने भविष्यवाणी की थी कि मौजूदा प्रधानमंत्री को दरकिनार कर दिया जाएगा और एक मराठी व्यक्ति नया प्रधानमंत्री बनेगा। 13 नवंबर को एक कार्यक्रम में उन्होंने इस घटना की तारीख भी बता दी कि 19 दिसंबर को मराठी व्यक्ति पीएम बनेगा।

जानकार मानते हैं कि चव्हाण का यह इशारा एपस्टीन फाइल्स की ओर था, जो 19 दिसंबर को सार्वजनिक होने वाली हैं। उनके दावे ने राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एपस्टीन फाइल्स के खुलासे से भारतीय राजनीति में भी कोई बड़ा बदलाव आता है या यह सिर्फ एक संयोग मात्र है। 19 दिसंबर की तारीख अब कई मायनों में महत्वपूर्ण बन गई है।