जेमिमा ने जीत का श्रेय यीशु को दिया: जेमिमा रोड्रिग्स: 'जीत का श्रेय यीशु और बाइबल को'

भारत की आस्ट्रेलिया (Australia) पर जीत की हीरो जेमिमा रोड्रिग्स (Jemimah Rodrigues) ने अपनी शानदार पारी का श्रेय यीशु (Jesus) और बाइबल (Bible) को दिया। उन्होंने कहा कि पिछले महीने बहुत मुश्किल था, लेकिन भगवान ने उनके लिए लड़ाई लड़ी।

जेमिमा ने जीत का श्रेय यीशु को दिया

नई दिल्ली: भारत की आस्ट्रेलिया (Australia) पर जीत की हीरो जेमिमा रोड्रिग्स (Jemimah Rodrigues) ने अपनी शानदार पारी का श्रेय यीशु (Jesus) और बाइबल (Bible) को दिया। उन्होंने कहा कि पिछले महीने बहुत मुश्किल था, लेकिन भगवान ने उनके लिए लड़ाई लड़ी।

जेमिमा रोड्रिग्स: ईश्वर में अटूट विश्वास और संघर्ष की कहानी

भारत की ऑस्ट्रेलिया पर शानदार जीत के बाद जेमिमा रोड्रिग्स मैन ऑफ द मैच रहीं।

उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय यीशु और बाइबल को दिया।

जेमिमा ने सबसे पहले यीशु का धन्यवाद करते हुए कहा कि वह यह सब अकेले नहीं कर सकती थीं।

उन्होंने अपने माता-पिता, कोच और हर उस व्यक्ति का शुक्रिया अदा किया जिसने उन पर भरोसा किया।

जेमिमा ने बताया कि पिछला महीना उनके लिए बहुत मुश्किल रहा था।

आज जो हुआ वह सपने जैसा लग रहा है, जिस पर उन्हें अब तक यकीन नहीं हो रहा।

नंबर तीन पर बल्लेबाजी का अप्रत्याशित मौका

जेमिमा को यह भी नहीं पता था कि वह नंबर तीन पर बल्लेबाजी करेंगी।

उन्हें मैदान में जाने से ठीक पांच मिनट पहले बताया गया कि वह तीसरे नंबर पर उतरेंगी।

उनके लिए यह अपनी बात नहीं थी, बल्कि वह सिर्फ भारत को जिताना चाहती थीं।

उन्होंने कहा कि पहले कई बार हार के करीब जाकर रुके हैं।

आज उनके लिए फिफ्टी या सेंचुरी नहीं, बल्कि भारत की जीत मायने रखती थी।

पिछले साल की निराशा और मानसिक संघर्ष

जेमिमा ने खुलासा किया कि पिछले साल उन्हें विश्व कप टीम से बाहर कर दिया गया था।

फॉर्म अच्छा होने के बावजूद उन्हें लगातार झटके लगे।

कुछ भी उनके नियंत्रण में नहीं था।

इस दौरे में वह लगभग हर दिन रोई हैं।

वह मानसिक रूप से बहुत परेशान थीं और एंग्जाइटी से गुजर रही थीं।

लेकिन उन्हें पता था कि मैदान पर उतरना है और बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया।

मैदान पर वह खुद से बात करती रहीं।

आखिरी ओवरों में उन्होंने बाइबिल की एक लाइन दोहराई: "शांत रहो, भगवान तुम्हारे लिए लड़ेगा।"

उन्होंने बताया कि वह बस वहीं डटी रहीं और भगवान ने उनके लिए लड़ाई लड़ी।

अंदर बहुत कुछ चल रहा था, लेकिन उन्होंने बाहर शांत रहने की कोशिश की।

जब भारत पांच विकेट से जीता, तो वह अपने आंसू रोक नहीं पाईं।

साझेदारी और टीम भावना

हरमनप्रीत कौर के साथ बल्लेबाजी करते हुए उनका लक्ष्य सिर्फ एक अच्छी साझेदारी बनाना था।

अंत में वह खुद को आगे धकेलना चाह रही थीं, लेकिन उनमें ताकत नहीं थी।

दीप्ति शर्मा हर गेंद पर उनसे बात करती रहीं और हौसला देती रहीं।

जेमिमा ने जोर देकर कहा कि टीम के साथी ही असली ताकत होते हैं।

उन्होंने कहा कि वह किसी चीज का श्रेय नहीं ले सकतीं, क्योंकि उन्होंने यह अकेले नहीं किया।

भीड़ के उत्साह ने उन्हें नई ऊर्जा दी।

कप्तान हरमनप्रीत कौर: गर्व और अगले लक्ष्य पर नजर

भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने जीत के बाद बहुत गर्व महसूस किया।

उनके पास शब्द नहीं थे कि वह अपनी भावनाएं कैसे बयां करें।

हरमनप्रीत को बहुत अच्छा लगा और उन्होंने कहा कि इस बार उन्होंने वह कर दिखाया है जिसके लिए वे सालों से मेहनत कर रहे थे।

जीत के बाद कोच से बात करते हुए उन्होंने बस एक-दूसरे से कहा, "हमने कर दिखाया।"

वे दोनों इस टीम पर बहुत गर्व करते हैं।

उन्हें हमेशा यह भरोसा था कि कोई भी खिलाड़ी किसी भी परिस्थिति से मैच जिता सकती है।

कुछ गलतियां हुईं, लेकिन उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा।

आज उन्होंने ठान लिया था कि हर परिस्थिति में सब कुछ अपने पक्ष में करना है।

उन्होंने खुद से कहा कि टीम के लिए मैदान पर डटे रहना है, और वही काम आया।

पिछली गलतियों से सीख

इंग्लैंड के खिलाफ पिछले मैच में उन्होंने योजना के मुताबिक अमल नहीं किया था।

वे 2-3 ओवर देर कर गए और अगर थोड़े पहले जोखिम लेते तो नतीजा और होता।

उन्होंने यही सीखा कि खेल में गणना जरूरी है।

एक बार आप गेम से बाहर हो जाएं, तो वापसी मुश्किल होती है।

हरमनप्रीत जानती हैं कि आखिरी 5 ओवर बहुत अहम होते हैं, वहीं से फर्क पड़ता है।

उन्हें पता था कि वही स्थिति दोबारा आए तो 50वें ओवर से पहले ही खत्म करना है।

जेमिमा की तारीफ और फाइनल पर फोकस

जेमिमा रोड्रिग्स की तारीफ करते हुए हरमनप्रीत ने कहा कि वह हमेशा टीम के लिए अच्छा करना चाहती हैं।

वह बहुत सोच-समझकर खेलती हैं और जिम्मेदारी लेना पसंद करती हैं।

उन्हें जेमिमा पर पूरा भरोसा रहता है।

उनके बीच मैदान पर अच्छी समझ बन गई थी।

वे दोनों एक-दूसरे को पूरक थे, रन गिनते थे और ओवर की योजना बनाते थे।

उनके साथ बल्लेबाजी करना हरमनप्रीत को हमेशा अच्छा लगता है।

जेमिमा हर समय कहती रहती थीं कि कितने रन हुए और कितनी गेंद बची हैं।

इससे पता चलता है कि वह कितनी फोकस्ड हैं।

उन्हें खेलते देखना अद्भुत था।

उनके धैर्य और संयम को पूरा श्रेय देना चाहिए।

फाइनल पर हरमनप्रीत ने कहा कि अब एक और मैच बाकी है।

आज सबने शानदार खेल दिखाया और वह नतीजे से खुश हैं।

उन्होंने अगला मैच जीतने की बात शुरू कर दी है, जो उनका फोकस दिखाता है।

वे विश्व कप जीतने के लिए उत्सुक हैं।

घरेलू मैदान पर विश्व कप खेलना खास होता है।

वे अपने प्रशंसकों व परिवारों को जीत का तोहफा देना चाहते हैं।

अब एक मैच और है और वे उसमें अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे।

भीड़ के समर्थन पर उन्होंने कहा कि वे अकेले नहीं खेल रहे, उनके साथ पूरा देश है।

हर मैच में लोग उनके साथ खड़े रहते हैं।

जब वे हारे भी, तब भी लोगों ने कहा कि "विश्व कप अभी खत्म नहीं हुआ, तुम इसे बदल सकती हो।"

पूरा देश उनके साथ है।

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली: हार का विश्लेषण और भविष्य की योजना

ऑस्ट्रेलिया की कप्तान एलिसा हीली ने अंत में अच्छे मुकाबले की बात कही।

उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने खुद अपनी मुश्किलें बढ़ाईं।

उन्होंने कहा कि बल्ले से अंत अच्छा नहीं किया, गेंदबाजी उतनी प्रभावी नहीं रही और फील्डिंग में कैच छोड़े।

आखिरकार उसी का नुकसान हुआ।

स्कोर पर हीली ने महसूस किया कि उन्होंने आधा काम कर लिया था, लेकिन कुछ रन और जोड़ने चाहिए थे।

उन्होंने सोचा था कि अगर गेंद से योजना पर अमल हो गया और मौके भुना लिए, तो मैच में बने रहेंगे।

लेकिन भारत ने शानदार खेल दिखाया, संयम रखा और जीत हासिल की।

हीली के लिए अगली पीढ़ी को इस तरह खेलते देखना एक अजीब अनुभव था।

उन्होंने लिचफील्ड की तारीफ की, जिन्होंने कमाल कर दिया और शानदार शतक लगाया।

आने वाले चार सालों में और भी रोमांच देखने को मिलेगा।

अगली साइकिल में बदलाव होंगे, जो टीम के लिए उत्साहजनक होगा।

ऐश गार्डनर का प्रदर्शन शानदार रहा और सबने योगदान दिया।

इसलिए अब हार के बाद खड़ा होना दुखद लग रहा है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने मौके बनाए लेकिन उन्हें भुना नहीं पाए।

वह भी उस गलती में शामिल हैं।

जिस पर वे गर्व करते हैं, उसमें कमी रह गई।

इससे सीख लेकर आगे बढ़ेंगे और बेहतर खेलेंगे।

उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में शानदार क्रिकेट खेला।

सेमीफाइनल नॉकआउट होता है और अगर उस दिन आप नहीं टिके, तो कोई भी टीम आपको हरा सकती है।

उन्हें बहुत कुछ गर्व करने लायक मिला है।

हर मैच में किसी न किसी ने टीम को संभाला।

लेकिन अभी इस वक्त बात करना तकलीफ देता है, क्योंकि उन्होंने बेहतरीन क्रिकेट खेला था।

रिटायरमेंट पर हीली ने कहा कि वह अगले वनडे वर्ल्ड कप में नहीं रहेंगी।

उन्होंने कहा कि यही इस नए दौर की खूबसूरती है।

टीम बदलेगी और विकसित होगी।

वनडे क्रिकेट का अंदाज भी थोड़ा बदलेगा।

उन्होंने बहुत कुछ सही किया है और वे सीखेंगे, बढ़ेंगे और बेहतर बनेंगे।

प्रतिक्रिया

जेम्स ने जेमिमा का इंटरव्यू सुनकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा, "जेमिमा का इंटरव्यू सुनकर आंखों में आंसू आ गए। उससे ज्यादा खुश मैं नहीं हो सकता।"