अब बारी कोचिंग संस्थानों की: गहलोत सरकार का अगला विधेयक कोचिंग संस्थानों पर लगाम

गहलोत सरकार का अगला विधेयक कोचिंग संस्थानों पर लगाम
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उच्च शिक्षा राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव ने विधानसभा में कहा कि कोचिंग संस्थानों पर नियन्त्रण के लिए ’राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूटस’ बिल-2023 प्रक्रिया में है इसे जल्द ही पेश कर दिया  जाएगा। 

जयपुर | राजस्थान की गहलोत सरकार डॉक्टरों और निजी अस्पतालों पर लगाम कसने के बाद अब कोचिंग संस्थानों को भी कंट्रोल करने की तैयारी में है।

मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में भारी विरोध के बीच राइट टू हेल्थ बिल पास हो गया। 

ऐसे में अब राज्य सरकार कोचिंग सस्थानों पर लगाम लगाने जा रही है। 

माना जा रहा है कि राज्य सरकार का ये बिल आने के बाद कोचिंग संस्थानों पर लगाम लग सकती है ऐसे में कोचिंग संस्थान संचालक भी इस बिल के विरोध में उतर सकते हैं। 

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव ने मंगलवार को विधानसभा में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कोचिंग संस्थानों पर नियन्त्रण के लिए ’ राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूटस’ (कन्ट्रोल एंड रेग्यूलेशन) बिल-2023 प्रक्रिया में है इसे जल्द ही पेश कर दिया  जाएगा। 

यादव ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार के चिन्तन शिविर में सीएम गहलोत ने कोचिंग संस्थानों पर नियन्त्रण के लिए विधेयक के प्रारूप पर स्टेक होल्डर्स से सुझाव आमंत्रित करने के निर्देश दिए थे। 

जिसको लेकर विभाग ने 17 जनवरी 2023 को विधेयक की प्रति विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करते हुए और समाचार-पत्रों में प्रकाशित करते हुए 27 जनवरी 2023 तक सुझाव भी मांगे थे। 

जिसके बाद इन सुझावों पर एक बैठक भी आयोजित की गई थी। ऐसे में कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण एवं इनमें अध्ययनरत विद्यार्थियों को मानसिक मजबूती प्रदान करने के लिए विभाग ने 11 नवंबर 2022 को दिशा-निर्देश जारी किए। 

आपको बता दें कि, मंगलवार को विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल पास हो गया है। निजी अस्पताल संचालकों और डॉक्टरों के भारी विरोध के बावजूद सरकार ने इस बिल को पास कर दिया है। 

ऐसे में अब गहलोत सरकार का अगला टारगेट कोचिंग संस्थानों  पर लगाम कसना है।

ऐसे लगेगी लगाम!
- कोई भी कोचिंग शुरू करना चाहेगा तो पहले उसे सरकार से अनुमति लेनी होेगी।
- सरकारी टीचर कोचिंग में नहीं पढ़ा सकेंगे।
- कोचिंग को हर कोर्स की फीस बतानी होगी।
- अगर घर पर ट्यूशन सेंटर है और 50 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं, तो सरकार के पास रजिस्ट्रेशन कराकर अनुमति लेनी होगी।
- कोचिंग संस्थान को अवगत कराना होगा कि वह क्या सिलेबस पढ़ाएंगे, कितने समय में सिलेबस पूरा होगा और प्रत्येक बैच में अधिकतम कितने स्टूडेंट्स होंगे।

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