Highlights
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सोमवार को कोटा पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने भाजपा से अलग होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे भवानी सिंह राजावत को मना लिया।
कोटा | राजस्थान में वोटिंग से एनवक्त पहले भाजपा ने कोटा में अपनी बड़ी परेशानी को दूर कर लिया है।
भाजपा ने यहां से तीन बार के विधायक रहे भवानी सिंह राजावत (Bhawani Singh Rajawat) को मानने में बड़ी सफलता हासिल कर ली है।
ओम बिरला ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
दरअसल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) सोमवार को कोटा पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने भाजपा से अलग होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे भवानी सिंह राजावत को मना लिया।
खबरों की माने तो सोमवार देर रात दोनों के बीच हुई मुलाकात में बिरला ने न जाने राजावत को क्या मंत्र दिया कि मंगलवार यानि आज राजावत ने निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ने की बात कहते हुए भाजपा को ही समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
भवानी सिंह राजावत ने लाडपुरा सीट से भाजपा प्रत्याशी कल्पना देवी (Kalpana Devi) के समर्थन में जुटकर काम करने को तैयार हो गए हैं। ऐसे में कोटा में आज हुई पीएम नरेंद्र मोदी की सभा से कुछ घंटे पहले ही भाजपा ने बड़ी सियासी जंग जीतने का काम किया।
राजावत बोले- पार्टी मेरी मां
मीडिया से बातचीत में भवानी सिंह राजावत ने कहा कि मैं 45 साल से पार्टी की तन-मन से सेवा कर रहा हूं। मैं निर्दलीय प्रत्याशी था लेकिन पार्टी को मैंने मां माना है, इसलिए पार्टी से दूरी मेरे से बर्दाश्त नहीं होती।
पार्टी ने मुझे भरोसा दिलाया है कि आपके कार्यकर्ताओं का, आपका पार्टी में पूरा सम्मान रहेगा।
मैंने कार्यकर्ताओं को भगवान माना है। मैं कल्पना देवी से भी अपेक्षा करता हूं कि वह कार्यकर्ताओं को देवता मानकर चलें।
बोले- ओम बिरला मेरे छोटे भाई
भवानी सिंह राजावत ने कहा-मैंने पंद्रह साल से लाडपुरा में लगातार मेहनत करके पानी, बिजली, शिक्षा और सड़क निर्माण जैसे अभूतपूर्व काम किए हैं। अब जो है मेरे कार्यकर्ता और मैं पूरी ताकत के साथ कल्पना देवी के समर्थन में जी जान से जुट जाएंगे और जिताएंगे।
उन्होंने ये भी कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भले ही पद में बडे़ हैं, लेकिन मेरे छोटे भाई हैं। ऐसे में मैं उनका आग्रह कैसे नहीं मान सकता।
आज मैनें पार्टी में वापस शामिल होने का निर्णय लिया है।
लाडपुरा से मांगा था टिकट
राजावत ने विधानसभा चुनाव 2023 में लाडपुरा से टिकट के लिए दावेदारी ठोकी थी, लेकिन पार्टी ने यहां फिर से विधायक कल्पना देवी को ही चुनावी रण में उतार दिया था।
जिससे नाराज होकर राजावत ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ खुलकर बगावत कर दी।
राजावत ने एक सभा कर कार्यकर्ताओं के बीच निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी थी और नामाकंन दाखिल कर दिया था।
काफी समझाईश के बाद भी उन्होंने अपना नाम वापस नही लिया तो उनके बगावती तेवरों के चलते भाजपा ने राजावत को निलंबित कर दिया था।