देश का पहला राज्य बना बिहार: गांधी जयंती पर बिहार सरकार ने खोले जातीय जनगणना के आंकड़ें, जानें किस वर्ग की कितनी है आबादी

गांधी जयंती पर बिहार सरकार ने खोले जातीय जनगणना के आंकड़ें, जानें किस वर्ग की कितनी है आबादी
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बिहार के मुख्य सचिव के प्रभार में विकास आयुक्त विवेक सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जातीय जनगणना रिपोर्ट जारी की। इसके साथ ही जाति आधारित गणना से सम्बंधित पुस्तिका का भी विमोचन किया गया, जिसमें पूरी रिपोर्ट है। 

पटना | Bihar Caste Census Report : गांधी जयंती पर ट्रंप कार्ड खेलते हुए बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना रिपोर्ट पेश की है। 

जिसके बाद बिहार (Bihar) जातीय गणना के आंकड़े जारी करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। 

बिहार के मुख्य सचिव के प्रभार में विकास आयुक्त विवेक सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जातीय जनगणना रिपोर्ट जारी की।

इसके साथ ही जाति आधारित गणना से सम्बंधित पुस्तिका का भी विमोचन किया गया, जिसमें पूरी रिपोर्ट है। 

साथ ही ये भी जानकारी दी गई है कि आर्थिक स्थिति से सम्बंधित आंकड़े बाद मे जारी किए जाएंगे, अभी पहले चरण मे जाति के आंकड़े जारी किये गए हैं।

बता दें कि बिहार में जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है।

बिहार सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पहले ही कहा था कि, बिहार सरकार जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जल्द ही जारी करेगी।

बिहार में क्या कहते हैं जातिगत आंकड़ें

- हिन्दू 81.99। 

- मुस्लिम 17.70। 

- पिछड़ा वर्ग 27.12 प्रतिशत। 

- अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत।

- पिछड़ा वर्ग 27.12 प्रतिशत।

- अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत।

- अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत।

- अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत ।

- अनारक्षित 15.52 प्रतिशत ।

- ब्राह्मण 3.65 प्रतिशत।

- कुर्मी 2.87 प्रतिशत।

- यादव 14.26 प्रतिशत।

- बनिया 2.3 प्रतिशत।

- धोबी 0.8 प्रतिशत।

- चंद्रवंशी 1.04 प्रतिशत।

- तेली  2.81 प्रतिशत।

- मुसहर  3.08 प्रतिशत।

- सोनार 0.68 प्रतिशत।

- मल्‍लाह 2.60 प्रतिशत।

- बढ़ई  1.4 प्रतिशत।

- कुम्हार  1.4 प्रतिशत।

- पासी  0.9 प्रतिशत।

- मोची, चमार, रविदास  5.2 प्रतिशत।

जातीय जनगणना को लेकर विपक्ष लगातार घेरता रहा है मोदी सरकार को

गौरतलब है कि विपक्ष केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार जातीय जनगणना करवाने का दबाव बनाता रहा है। 

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ऐलान कर चुके हैं कि केंद्र में सरकार बनने के बाद वे सबसे पहले जातीय जनगणना का काम कराएंगे।

उन्होंने कहा था कि, जब मैं भी सवाल पूछता हूं कि देश में कितने दलित, ओबीसी, आदिवासी, जनरल हैं तो कोई भी इसका जवाब नहीं दे पाता है। 

उन्होंने ये भी कहा कि, भारत को 90 अधिकारी चलाते हैं। भारत सरकार के कैबिनेट सचिव और सचिव सरकार चलाते हैं। इनमें से सिर्फ 3 ही ओबीसी अधिकारी हैं।

राहुल ने कहा था कि, नरेंद्र मोदी ओबीसी की सरकार नहीं चलाते, लेकिन आरएसएस ने उन्हें नफरत फैलाने का काम दे दिया है। 

ऐसे में बिहार सरकार द्वारा जातिगत आंकड़ों को उजागर करना विपक्षी एकता को सहारा देना है। 

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