आखिर क्यों चुना गया वागड़ क्षेत्र: भाजपा की दूसरी परिवर्तन संकल्प यात्रा बेणेश्वर धाम से 

भाजपा की दूसरी परिवर्तन संकल्प यात्रा बेणेश्वर धाम से 
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Highlights

सोम, माही और झाखम नदी से घिरा टापू बेणेश्वर धाम सभी राजनीतिक पार्टियों का पसंदीदा स्थान रहा है।  जिसके चलते राजनेतिक दलों ने तो यहां खूब फायदा उठाया, लेकिन धाम के विकास की और किसी भी दल की सरकारों ने कोई खास ध्यान नहीं दिया।

डूंगरपुर | विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के बीच जोरदार घमासान छिड़ा हुआ है। 

सीएम गहलोत के फिर से कांग्रेस सरकार रिपीट करने के दावे को झुठलाने की कोशिश में लगी भारतीय जनता पार्टी रविवार को वागड़ प्रयाग कहे जाने वाले बेणेश्वर धाम (Beneshwar Dham) से अपनी दूसरी परिवर्तन संकल्प यात्रा निकालने जा रही है। 

बता दें कि भाजपा ने शनिवार को त्रिनेत्र गणेश जी का आशीर्वाद लेने के बाद सवाई माधोपुर जिले से अपनी पहली परिवर्तन संकल्प यात्रा की शुरूआत की थी।

जिसमें भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा ने विशाल जनसभा को संबोधित किया।

अब रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बेणेश्वर धाम से जनसभा को संबोधित करेंगे। 

क्यों चुना गया वागड़ क्षेत्र ?

भारतीय जनता पार्टी आखिरकार बेणेश्वर धाम से ही अपनी दूसरी परिवर्तन संकल्प यात्रा की शुरूआत क्यों कर रही है ?

ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो राजनेतिक पार्टियों को लाभ देने वाला बेणेश्वर धाम आज भी विकास और अपने स्वरूप को बदलने के लिए इंतजार कर रहा है।

सोम, माही और झाखम नदी से घिरा टापू बेणेश्वर धाम सभी राजनीतिक पार्टियों का पसंदीदा स्थान रहा है। 

जिसके चलते राजनेतिक दलों ने तो यहां खूब फायदा उठाया, लेकिन धाम के विकास की और किसी भी दल की सरकारों ने कोई खास ध्यान नहीं दिया।

राजस्थान के दक्षिणांचल स्थित आदिवासी इलाके की 28 विधानसभा सीट एसटी रिजर्व है। ऐसे में भाजपा आदिवासी बाहुल्य वांगड क्षेत्र के लोगों से समर्थन लेकर अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है।

यह चर्चा आम है कि जो दल इन सीटों पर बढ़त लेता है, वह राज्य में सत्ता पर काबिज होता है। ऐसे में हर चुनाव के दौरान आदिवासियों की आस्था का केंद्र बेणेश्वर धाम राजनीति का केंद्र बन जाता है। 
 
यहां भाजपा, कांग्रेस और अन्य राजनैतिक दल अपनी सभाएं कर चुके है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राहुल गांधी तक सभी ने यहां की जनता का मन टटोला है। 

ऐसे में अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी पहली बार यहां  पहुंचकर आदिवासी वोट बैंक को साधने का प्रयास करेंगे। 

इस दौरान शाह के साथ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत कई बड़े भाजपा नेता मंच पर मौजूद रहेंगे।

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