बेहद खास है चंबल रिवर फ्रंट: बनने वाले हैं एक साथ चार वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानें क्या-क्या हैं खूबियां

बनने वाले हैं एक साथ चार वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानें क्या-क्या हैं खूबियां
Chambal River Front
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Highlights

1400 करोड़ की लागत से बना चंबल रिवर फ्रंट राजस्थान ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी एक अद्भुत दर्शनीय स्थल होगा। यहां गीता घाट पर तीन भाषा हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में 700 श्लोक उकेरे गए हैं।

कोटा | राजस्थानवासियों को चंबल रिवर फ्रंट के रूप में विश्वस्तरीय सौगात मिल गई है। 
मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत की गैर मौजूदगी में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने चंबल रिवर फ्रंट का लोकार्पण किया।

समारोह में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के अलावा और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी समेत अन्य मंत्री और विधायक भी शामिल रहे। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किन्ही कारणोंवश लोकापर्ण समारोह में नहीं पहुंच पाए। उन्होंने देर रात एक ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दे दी थी। 

1400 करोड़ की लागत से बना चंबल रिवर फ्रंट राजस्थान ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी एक अद्भुत दर्शनीय स्थल होगा। यहां गीता घाट पर तीन भाषा हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में 700 श्लोक उकेरे गए हैं।

चंबल रिवर फ्रंट को लेकर यूआईटी का दावा किया जा रहा है कि यहां एक साथ चार वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेंगे। 

- यहां देश की सबसे बड़ी चंबल माता की प्रतिमा बनाई गई है।

- गन मैटल के साथ सबसे बड़ा पंडित जवाहर लाल नेहरू का फेस मास्क भी यहां की शोभा बढ़ाएगा।

- दावा किया जा रहा है कि यहां दुनिया की सबसे बड़ी घंटी लगाई गई है। इसकी आवाज 8 किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी।

- दुनिया की सबसे ऊंची जोधपुरी पत्थर से बनी नंदी बाबा की प्रतिमा भी लोगों के लिए अजूबे से कम नहीं होगी। इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर, लंबाई 10.5 मीटर और चौड़ाई 4.5 मीटर है। 

ये सब भी होगा बेहद खास

चंबल रिवर फ्रंट दुनिया में ऐसा एक मात्र रिवर फ्रंट है, जहां सभी देशों के मॉडल बनाए गए हैं। ये पूरा रिवर फ्रंट दोनों छोर पर करीब साढ़े पांच किलोमीटर के एरिया में विकसित किया गया है।

नदी के दोनों किनारों पर करीब 22 घाट बनाए गए हैं। जिनमें अलग-अलग जगहों पर म्यूजीकल फाउंटेन लगाए गए हैं।

रिवर फ्रंट में एक बार में करीब 15 हजार विजिटर्स घूमने आ सकते हैं। जिसके लिए 3 एंट्री पॉइंट बनाए गए हैं। 

राजस्थान के शौर्य को दर्शाता राजपूताना घाट बेहद ही खास होगा। इस घाट में राजस्थान के मेवाड़, मारवाड़, ढूंढाड़, वागड़, हाड़ौती क्षेत्र की विभिन्न ऐतिहासिक इमारतों के मॉडल बनाए गए हैं। 

जिनमें पोद्दार हवेली, जग मंदिर, जगनिवास, गणगौरी घाट, हवामहल, गणेश पोल, सरगासूली, विजयस्तंभ, ब्रह्मा मंदिर, रणकपुर, पटवा हवेली को दर्शाया गया है।

यहां सिंह घाट तैयार किया गया है जिसमें बांसवाड़ा के मार्बल से तैयार किए गए 9 शेरों को लगाया गया है। इनका वजन लगभग 35 टन, ऊंचाई 15 फीट, लंबाई 11 फीट और चौड़ाई 6 फीट है। इसके बीच में रानी महल बनाया गया है। 

इसी तरह से उत्सव घाट तैयार किया गया है। जिसमें बैंक्वेट हॉल, खूबसूरत छतरियां, केस केड और स्टार फाउंटेन बनाए गए हैं।

साहित्य और किताबों के शौकीनों के लिए यहां साहित्य घाट बनाया गया है। जिसमें बांसवाड़ा के मार्बल से एक विशाल खुली किताब और पुस्तक महल का निर्माण किया गया है। इसके अलावा लाइब्रेरी और कैफेटेरिया भी बनाया गया है।

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