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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में पुलिस के ‘झुकेगा नहीं’ दृष्टिकोण की तारीफें करते दिख रहे हैं वहीं उनके सलाहकार और विधायक संयम लोढ़ा इसके विपरीत जाकर पुलिस की इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।
जयपुर | जहां एक ओर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में पुलिस के ‘झुकेगा नहीं’ दृष्टिकोण की तारीफें करते दिख रहे हैं वहीं उनके सलाहकार और विधायक संयम लोढ़ा इसके विपरीत जाकर पुलिस की इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, सीएम गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने सिरोही जिले में पुलिस द्वारा खोली जा रही हिस्ट्रीशीट को लेकर नाराजगी जताई है।
इस बाबत लोढ़ा ने डीजीपी को एक पत्र लिख बिना परीक्षण अनावश्यक नई हिस्ट्रीशीट खोलने पर रोक लगाने की मांग की है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि, सिरोही जिले में बिना परीक्षण के एक ही दिन में करीब 45 लोगों की नई हिस्ट्रीशीट खोलने के आदेश जारी किए गए है जो सर्वथा अनुचित और अव्यवहारिक है।
पत्र में विधायक लोढ़ा ने सिरोही को सबसे शांतिप्रिय जिला बताते हुए डीजीपी से अनुरोध किया है कि, इस कार्यवाही पर तुरंत रोक लगाई जाए।
उनका कहना है कि, न सिर्फ सिरोही बल्कि राजस्थान में भी गहन परीक्षण के बाद ही नई हिस्ट्रीशीट खोली जाए।
विधायक महोदय ने इसकी प्रतिलिप सीएम गहलोत को भी भेजी है।
गौरतलब है कि जैसा कि मैंने पहले भी बताया है, हिस्ट्रीशीट या निगरानी शीट पुलिस द्वारा व्यक्तियों के अपराध हिस्ट्री और गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए रखे जाने वाले दस्तावेज होते हैं। हालांकि, बिना सही कारण या सबूत के हिस्ट्रीशीट खोलना निजता और नागरिक अधिकारों का उल्लंघन माना जा सकता है।
कानून व्यवस्था संस्थाओं को सार्वजनिक सुरक्षा की आवश्यकता और व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के बीच तालमेल बनाना महत्वपूर्ण होता है और सही तरीके से हिस्ट्रीशीट का उपयोग इस तालमेल का एक पहलू है।
हिस्ट्रीशीट कैसे खुलती है?
राजस्थान पुलिस रोल 1965 के अनुसार उन लोगों की हिस्ट्री शीट खोली जाती है। जो अपने थाना क्षेत्र के आवेदन अपराधी हैं। इन अपराधों में अपने शारीरिक और जुबानी कृत्यों से समाज में अपराध और भय फैलाने के मामलों में नामजद हों। ऐसे लोगों को इसमें शमिल किया जाता है।
हिस्ट्रीशीट खोलने के लिए विभिन्न थानों में विभिन्न मामलों में नामजद आरोपितों से जुड़े अपराध की धाराओं की एक पूरी सूची बनाई जाती है।
पुलिस थाना क्षेत्रों में जो लोग इन अपराधियों की सूची के अंदर फिट बैठते हैं, उनकी हिस्ट्रीशीटर खोली जाती है।
हिस्ट्रीशीटर खोलने के लिए कम से कम सब इंस्पेक्टर लेवल के अधिकारी के द्वारा यह डाटा तैयार किया जाना जरूरी है।
एक बार हिस्ट्री शीट के मापदंडों पर उतरने के बाद क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट और क्रिमिनल इंटेलिजेंस गजट में प्रकाशित करके संबंधित थाना क्षेत्रों में भेजा जाता है।
संबंधित थाना क्षेत्र को इस हिस्ट्रीशीटर को रेलवे पुलिस, सीआईडी और आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी अन्य एजेंसियों के साथ साझा किया जाना जरूरी है।
हिस्ट्री शीट स्ट्रीट खोले जाने के बाद संबंधित व्यक्ति को पुलिस की विशेष सर्विलेंस रहती है।
मुख्यमंत्री के “झुकेगा नहीं” अभियान के आड़े आये सलाहकार संयम लोढ़ा, बिना परीक्षण अनावश्यक हिस्ट्रीशीट खोलने पर अविलम्ब रोक के लिए डीजीपी को लिखा पत्र pic.twitter.com/Cz4WIv2cga
— राजस्थानी ट्वीट (@8PMnoCM) April 18, 2023
सीएम गहलोत कर रहे तारीफ
आपको बता दें कि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते रविवार को ही कहा था कि पुलिस ने पिछले एक महीने में ‘‘झुकेगा नहीं’’ दृष्टिकोण से काम किया, जिसके कारण अपराधों में 10 प्रतिशत की कमी भी आई है।
उन्होंने कहा कि, ‘‘मैंने देखा है पिछले डेढ़ महीने से चलाए जा रहे पुलिस अभियान के कारण गुंडे और हिस्ट्रीशीटर अब अंहिसा का राग अलाप रहे हैं।
पहले जिनके दिन की शुरूआत अपराध से होती थी, वो अब हाथ जोड़े पुलिस और जनता से माफी मांगते दिख रहे हैं.. यह मैने मीडिया में देखा है।