Highlights
केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से आचार संहिता की घोषणा होने के साथ ही राजस्थान में भी सभी नई योजनाओं की घोषणा, उद्घाटन व सरकारी कामों पर ब्रेक लग जाएगा। माना जा रहा है कि 4 अक्टूबर के बाद प्रदेश में 15 अक्टूबर तक आचार संहिता लागू की जा सकती है।
जयपुर | Code Of Conduct Date: राजस्थान में आचार संहिता की डेट को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। विधानसभा चुनाव 2023 के मध्य नजर 4 अक्टूबर के बाद कभी भी आचार संहिता की जा सकती है।
केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से आचार संहिता की घोषणा होने के साथ ही राजस्थान में भी सभी नई योजनाओं की घोषणा, उद्घाटन व सरकारी कामों पर ब्रेक लग जाएगा।
ऐसे में अब राज्य निर्वाचन विभाग ने भी इसके मद्देनजर अपनी तैयारियों में तेजी शुरू कर दी है।
माना जा रहा है कि 4 अक्टूबर के बाद प्रदेश में 15 अक्टूबर तक आचार संहिता लागू की जा सकती है।
बताया जा रहा है कि चुनाव की घोषणा के लिए आयोग 3-4 तारीखों पर भी विचार कर चुका है। उनमें से कोई एक तारीख अंतिम रूप से तय कर ली जाएगी।
4 अक्टूबर को हो जाएगा अंतिम वोटर लिस्ट का प्रकाशन
राज्य निर्वाचन विभाग की ओर से वोटर लिस्ट को अंतिम रूप देने और नए मतदान केन्द्र सहित अन्य चुनावी तैयारियों को पूरा किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, 4 अक्टूबर को चुनाव के लिए अंतिम वोटर लिस्ट का प्रकाशन कर दिया जाएगा।
अधिसूचना अलग-अलग दिन होगी
गौरतलब है कि इस साल के अंत में राजस्थान सहित पांच अन्य राज्यों छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव होने है।
ऐसे में इन सबकी घोषणा एक साथ ही की जाएगी, लेकिन चुनाव के लिए मतदान, नामांकन की अधिसूचना अलग-अलग दिन होगी।
हालांकि की सभी राज्यों के चुनाव नतीजे एक ही तारीख पर घोषित किए जाएंगे।
आचार संहिता लागू होते ही बंद हो जाएंगे ये सब काम
- आचार संहिता लागू होते ही मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री कोई भी उद्घाटन, शिलान्यास, लोकार्पण नहीं कर सकते हैं।
- सरकार द्वारा किए जाने वाले तबादलों पर रोक लग जाएगी।
- सरकार किसी भी नए कार्यक्रम को लॉन्च, नई योजना की घोषणा, नई भर्ती, नया बजट आवंटित, नई नीति लागू आदि जैसे कार्य नहीं कर सकेगी।
- मुख्यमंत्री के अलावा सरकार का कोई मंत्री, सांसद या विधायक सरकारी विमान या हेलिकॉप्टर का उपयोग नहीं कर सकता।
- मुख्यमंत्री या मंत्री राजकीय अतिथि गृहों, सर्किट हाउस, राजस्थान हाउस, जोधपुर हाउस-बीकानेर हाउस (दिल्ली) व स्टेट गेस्ट हाउस आदि में नहीं ठहर सकते।
- मुख्यमंत्री या मंत्री सरकारी वाहन से किसी राजनीतिक सभा, सम्मेलन, कार्यक्रम आदि में नहीं जा सकेंगे।
- मुख्यमंत्री या मंत्री सरकारी विभागों, अफसरों, पुलिस आदि की रूटीन मीटिंग के अलावा अन्य मीटिंग नहीं ले सकेंगे। साथ ही भी कोई नया आदेश लागू करने के लिए नहीं कह सकेंगे।
- राज्य में आचार संहिता लागू होने के बाद प्रक्रियाधीन योजनाओं, सर्विस डिलीवरी, भर्ती परिणाम जारी करने या परिणाम बाद नियुक्ति, सरकारी कर्मचारियों के लिए दीवाली बोनस व महंगाई भत्ता लागू करने के लिए भी सरकार को चुनाव आयोग से परमिशन लेनी होगी।