कांग्रेस का विरोध-प्रदर्शन:: अडानी महाघोटाले में जांच और सेबी प्रमुख को हटाने की आवाज

अडानी महाघोटाले में जांच और सेबी प्रमुख को हटाने की आवाज
Congress Protest in Jaipur Rajasthan
Ad

Highlights

इस घोटाले की जड़ें इतनी गहरी हैं कि इसे उजागर करने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच करवाना जरूरी है।

डोटासरा ने आरोप लगाया कि सेबी, जो शेयर बाजार की निगरानी करने वाली संस्था है, भी इस घोटाले में शामिल है, और सेबी की वर्तमान चेयरपर्सन माधवी बुच के पद पर बने रहने से निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।

जयपुर, 22 अगस्त। राजस्थान की राजधानी जयपुर में आज एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला, जहां राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) कार्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। इस विरोध-प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य अडानी महाघोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाने और सेबी की चेयरपर्सन माधवी बुच को उनके पद से हटाने की मांग करना था। इस आयोजन में कांग्रेस के सांसद, विधायक, प्रदेश पदाधिकारी, और हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए, जिन्होंने इस महाघोटाले के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।

गोविन्द सिंह डोटासरा का जोरदार सम्बोधन

धरने में शामिल हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए गोविन्द सिंह डोटासरा ने अपने सम्बोधन में मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और भाजपा नेताओं ने उद्योगपति गौतम अडानी के साथ मिलीभगत कर देश के संसाधनों का दुरुपयोग किया और अडानी को अवैध तरीके से फायदा पहुंचाया।

इस घोटाले की जड़ें इतनी गहरी हैं कि इसे उजागर करने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच करवाना जरूरी है। डोटासरा ने आरोप लगाया कि सेबी, जो शेयर बाजार की निगरानी करने वाली संस्था है, भी इस घोटाले में शामिल है, और सेबी की वर्तमान चेयरपर्सन माधवी बुच के पद पर बने रहने से निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।

congress protest in jaipur agains sebi chief govind singh doatasara speaking

डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने यह तय किया है कि वे जनता के बीच जाकर इस घोटाले की बारीकियों को उजागर करेंगे और बताएंगे कि कैसे मोदी सरकार और भाजपा नेताओं ने देश की सम्पत्तियों को अडानी के हाथों में सौंपने के लिए मिलीभगत की। उन्होंने कहा कि यह विरोध-प्रदर्शन जनता को जागरूक करने के लिए है कि कैसे अडानी महाघोटाला हुआ और कैसे मोदी सरकार ने इस घोटाले को अंजाम देने में भूमिका निभाई।

अडानी घोटाले की जड़ें

गोविन्द सिंह डोटासरा ने अपने भाषण में विस्तार से बताया कि कैसे अडानी समूह ने सेबी की मिलीभगत से शेयर बाजार में मनी लॉन्ड्रिंग और अकाउंटिंग फ्रॉड किया। उन्होंने कहा कि विदेश शैल कम्पनियों के माध्यम से अडानी की कम्पनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाई गईं और उन्हें विश्व के अग्रणी उद्योगपतियों की सूची में शामिल किया गया। इसके बाद, अडानी समूह को देश की नवरत्न कम्पनियां, एयरपोर्ट, और अन्य सार्वजनिक उपक्रम सौंप दिए गए।

डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने 70 वर्षों में जो उद्योग और कम्पनियां स्थापित की थीं, उन्हें मोदी सरकार ने अडानी के हवाले कर दिया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद में सवाल उठाया कि अडानी की कम्पनियों में शैल कम्पनियों के माध्यम से 20 हजार करोड़ रुपये कहां से आए, तो भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ एक पुराना केस फिर से चालू कर दिया और उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने इस मामले पर संसद में चर्चा से बचने के लिए 150 से अधिक सांसदों को निलम्बित कर दिया।

congress protest in jaipur agains sebi chief

मोदी सरकार और भाजपा पर आरोप

डोटासरा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार और अडानी समूह की मिलीभगत से देश में महाघोटाला हुआ है, जिसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब राहुल गांधी ने इस मामले को संसद में उठाया, तो भाजपा ने जानबूझकर इस मुद्दे को दबाने का प्रयास किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने संवैधानिक पदों का दुरुपयोग किया और संसद के दोनों सदनों के अध्यक्षों के माध्यम से कांग्रेस के नेताओं की आवाज को दबाने की कोशिश की।

डोटासरा ने कहा कि अब समय आ गया है कि भाजपा को जवाब देना चाहिए कि अडानी घोटाले की जांच के लिए जेपीसी क्यों गठित नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर जेपीसी का गठन हुआ और जांच हुई तो भाजपा के बड़े-बड़े नेता जो विपक्षी दलों के नेताओं को बेवजह परेशान करने का कार्य करते हैं, जेल की सलाखों के पीछे पहुंच जाएंगे।

congress protest in jaipur agains sebi chief

राजस्थान में भाजपा सरकार की स्थिति

डोटासरा ने अपने भाषण में राजस्थान की भाजपा सरकार की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। मुख्यमंत्री की बात मंत्री नहीं सुनते, मंत्रियों की बात विधायक नहीं मानते, और विधायकों की बात जनता नहीं सुनती। उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार पूरी तरह से अस्थिर हो गई है और यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार कौन चला रहा है।

डोटासरा ने कहा कि भाजपा के एक नेता, जो 5 साल के लिए सांसद बनने की उम्मीद कर रहे थे, उन्हें दो साल के लिए शेष रहे कार्यकाल के लिए भी राज्यसभा के लिए नामांकित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अब भाजपा ने उन नेताओं को हाजिरी लगाकर प्रताड़ित करने का भी कार्य किया है, जो हाल ही में नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है, और भाजपा सिर्फ पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यों की जांच करने की बात कर रही है।

राजस्थान के जल समझौते पर सवाल

डोटासरा ने अपने भाषण में राजस्थान के जल समझौते पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने हरियाणा के साथ यमुना जल समझौता किया है, जिसमें राजस्थान के हितों की अनदेखी की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस समझौते के तहत राजस्थान को मूल समझौते में वर्णित मात्रा से कम पानी मिलेगा, और वह भी सिर्फ 4 महीने के लिए।

इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश के साथ ईआरसीपी को लेकर किया गया समझौता भी राजस्थान के हितों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत राजस्थान को मिलने वाला पानी कम कर दिया गया है, जो प्रदेश की जनता के अधिकार के खिलाफ है।

कांग्रेस के संघर्ष की शुरुआत

डोटासरा ने कहा कि अडानी महाघोटाले की जेपीसी से जांच की मांग को लेकर आज जो विरोध-प्रदर्शन किया गया है, वह संघर्ष की सिर्फ शुरुआत है। आने वाले समय में इस विरोध को जिला और ब्लॉक स्तर तक ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता इस मुद्दे पर पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेंगे और भाजपा सरकार के घोटालों को जनता के सामने उजागर करेंगे।

डोटासरा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि वे लोकसभा के मध्यावधि चुनावों के लिए तैयार रहें, क्योंकि भाजपा सरकार अपने घोटालों के बोझ तले कभी भी गिर सकती है। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री को चेतावनी दी कि वे प्रदेश की जनता के लिए कार्य करें, अन्यथा भाजपा के नेता ही उन्हें कुर्सी से हटा देंगे।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव व प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि धरने में मुख्य रूप से सांसद मुरारीलाल मीना, भजनलाल जाटव, राहुल कस्वां, विधायक शंाति धारीवाल, हरीश चौधरी, रफीक खान, रामकेश मीना, इन्दिरा मीना, रीटा चौधरी, अमित चाचाण, कांति प्रसाद मीना, लक्ष्मण मीना, डॉ. विकास चौधरी, जाकिर हुसैन गैसावत, ललित यादव, हरिमोहन शर्मा, अनिल शर्मा, भगवाना राम सैनी, गीता बरवड़, मोतीराम कोली, संजय जाटव, मनोज मेघवाल, हरेन्द्र मिर्धा, मनीष यादव, रतन देवासी, सुशीला डूडी, अमीन कागजी, भीमराज भाटी, हाकम अली, गणेश घोगरा, पीतराम काला, प्रशान्त शर्मा, अनिता जाटव, पूर्व अध्यक्ष डॉ. बी. डी. कल्ला, पूर्व मंत्री महादेव सिंह खण्डेला, गोविन्द राम मेघवाल, प्रतापसिंह खाचरियावास, ममता भूपेश, शकुन्तला रावत, बाबूलाल नागर, वीरेन्द्र बेनीवाल, नसीम अख्तर, महिला कांग्रेस अध्यक्ष राखी गौतम, एनएसयूआई अध्यक्ष विनोद जाखड़, युवा कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष यशवीर सूरा, डॉ. अर्चना शर्मा, पुष्पेन्द्र भारद्वाज, धर्मेन्द्र राठौड़, गंगा देवी वर्मा, संगीता बेनीवाल, करण सिंह उचियारड़ा, वैभव गहलोत, ताराचन्द मीना, अभिषेक चौधरी, वेदप्रकाश सोलंकी, गजराज खटाना, जी.एल. चौधरी, लाखन सिंह, जगदीश जांगिड़, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनीता गठाला, गोपाल मीना, आर. आर. तिवाड़ी, भैरूलाल चौधरी, रविन्द्र त्यागी, बिशनाराम सियाग, इन्द्राज खीचड़, दिनेश सुण्डा, अक्षय त्रिपाठी, विजय जैन, वीरेन्द्र गुर्जर, दिनेश सूपा, योगेश मिश्रा, गिरिराज गुर्जर, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र यादव, हनुमान बांगडा सहित प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारीगण एवं कार्यकर्ता शामिल हुए।

Must Read: राजस्थान पहुंचते ही गहलोत का दावा, कहा- जनता मुझे रिपीट करेगी, मैं 3 बार रहा सीएम

पढें राजनीति खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें thinQ360 App.

  • Follow us on :