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जहां एक और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्र्रेस सरकार रिपीट करने के लिए लगातार लोगों के बीच पहुंचकर सौंगातें बांट रहे हैं, वहीं कांग्रेस विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है।
जयपुर | राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के एक और दिग्गज नेता ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करते हुए सबको चौंका दिया है।
जहां एक और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्र्रेस सरकार रिपीट करने के लिए लगातार लोगों के बीच पहुंचकर सौंगातें बांट रहे हैं, वहीं कांग्रेस विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है।
आपको बता दें कि, इससे पहले गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी ने भी अब चुनाव नहीं लड़ने की बात कही थी। हेमाराम को सचिन पायलट गुट के तौर पर देखा जाता रहा है।
दीपेंद्र सिंह शेखावत को भी सचिन पायलट का खास माना जाता है और पायलट भी शेखावत के बीमार होने पर जल्द स्वस्थ होने की कामना के साथ उनसे मिलने पहुंचे थे।
अब मैं आगे चुनाव नहीं लड़ूंगा
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर घोषणा करते हुए श्रीमाधोपुर की जनता का आभार जताया है।
उन्होंने कहा है कि जनता ने मेरा समय-समय पर साथ और समर्थन किया है जिसके लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा।
स्वास्थ्य खराब होने से नहीं मिल पाया आप लोगों से
पिछले 2 सालों से स्वास्थ्य खराब होने के कारण मैं आप लोगों के बीच उपस्थित नहीं रह पाया हूं और अब मैं चार-पांच महीने के लिए विधायक हूं तो जनता के बीच रहूंगा।
इसके बाद चुनावों को लेकर आचार संहिता लग जाएगी ऐसे में आप लोग मुझे बहुमत से चुनाव जिताने की बात कर रहे हैं, पर अब मैं आगे चुनाव नहीं लड़ूंगा।
आपको बता दें कि, सीकर के श्रीमाधोपुर सीट से विधायक दीपेन्द्र सिंह शेखावत पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे।
तो क्या बेटे को उतारेंगे चुनावी मैदान में ?
दिग्गज नेता के अचानक से चुनाव नहीं लड़के के फैसले के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं ये भी हैं कि अपनी सीट पर शेखावत अपने बेटे बालेंदु सिंह को उतारने जा रहे हैं!
पूर्व स्पीकर के बेटे बालेन्दु सिंह शेखावत को भी सचिन पायलट के काफी करीबी माना जाता है।