Jaipur | राजस्थान के माउंट आबू में साइबर ठगी का एक गंभीर मामला सामने आया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव वी. सरवन कुमार की आधिकारिक आईडी को हैक कर, ठगों ने व्यापारी राकेश अग्रवाल से ऑनलाइन पैसे की मांग की है। ठगों ने व्हाट्सएप संदेश के जरिए 80,000 रुपये तुरंत खाते में ट्रांसफर करने को कहा, दावा किया कि यह “अर्जेंट जरूरत” है।
इस पूरे मामले में कई संदिग्ध पहलू सामने आए हैं। ठगों ने वी. सरवन कुमार के नाम का इस्तेमाल किया, जो एक IAS अधिकारी हैं और सिरोही जिले के कलेक्टर रह चुके हैं। वर्तमान में वे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव हैं। ठगों द्वारा भेजे गए संदेश में स्पेलिंग की गलतियां और असामान्य भाषा का इस्तेमाल, ठगी का स्पष्ट संकेत देते हैं।
सरकारी अधिकारी की पहचान का इस प्रकार दुरुपयोग करना न केवल साइबर सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि आम जनता की सुरक्षा के लिए भी चिंता का विषय है। साइबर अपराधी अब उच्च पदस्थ अधिकारियों की पहचान का दुरुपयोग कर लोगों को निशाना बना रहे हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, यह देखना अहम होगा कि पुलिस इस पर कैसी कार्रवाई करती है। फिलहाल, यह घटना लोगों को ऑनलाइन संवाद के दौरान सतर्क रहने का एक महत्वपूर्ण संदेश देती है।
सावधानी बरतें:
1. संदिग्ध संदेशों पर तुरंत विश्वास न करें।
2. अधिकारी या संबंधित व्यक्ति से संपर्क कर पुष्टि करें।
3. ऐसी घटनाओं की सूचना तुरंत साइबर क्राइम सेल को दें।
इस घटना से यह स्पष्ट है कि साइबर अपराधी नई-नई तरकीबें अपनाकर लोगों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। सतर्क रहें और जागरूक रहें।