Highlights
प्रेस वार्ता में धर्मेंद्र राठौड़ के साथ बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा, पूर्व चेयरमैन देवेंद्र सिंह बुटाटी, बूंदी प्रधान सत्यनारायण मीना, कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष राजकुमार सैनी, करणी सेना संभाग अध्यक्ष बुंदेल सिंह राठौड़ और अन्य नेता भी उपस्थित थे।
बूंदी। राज्य की ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति प्रशासन की लापरवाही और सरकार की अनदेखी के चलते, 500 साल पुरानी बूंदी नरेश राव सूरजमल हाड़ा की छतरी को गैरकानूनी तरीके से तोड़ दिया गया। इस गंभीर मामले को लेकर आज पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष और पूर्व राज्यमंत्री धर्मेंद्र राठौड़ ने बूंदी के अनंता होटल में प्रेस वार्ता की और सरकार व प्रशासन पर सवाल उठाए। उन्होंने इसे समाज और जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कदम बताया।
अवैध तरीके से की गई धरोहर का विध्वंस
प्रेस वार्ता में धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि कोटा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने ऐतिहासिक स्मारक को ध्वस्त करने के लिए सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया। बिना उचित अनुमति और बिना विशेषज्ञों की देखरेख के, जेसीबी मशीन से छतरी को तहस-नहस कर दिया गया। यह घटना न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश और विश्व स्तर पर ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति अपराध है। राठौड़ ने सरकार की जिम्मेदारी को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐतिहासिक धरोहरों की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ अपने गौरवशाली इतिहास से जुड़ी रहें, लेकिन राज्य सरकार इसमें पूरी तरह विफल रही है।
राव सूरजमल हाड़ा की छतरी का विशेष महत्व
राठौड़ ने स्पष्ट किया कि राव सूरजमल हाड़ा का स्मारक हाड़ौती क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का प्रतीक था। यह छतरी केवल एक धरोहर नहीं थी, बल्कि इसका धार्मिक और सामाजिक महत्व भी था। स्मारक को ध्वस्त करने की बजाय इसे किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करना उचित होता। राठौड़ ने सरकार से मांग की कि दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और राव सूरजमल हाड़ा की प्रतिमा को पुनः स्थापित किया जाए।
यूनेस्को की टीम का हस्तक्षेप
प्रेस वार्ता के दौरान, राठौड़ ने बताया कि इस विध्वंस की घटना को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से लिया गया है। यूनेस्को की टीम ने छतरी स्थल का सर्वे किया और इसके ऐतिहासिक महत्व को समझने का प्रयास किया। यूनेस्को ने इस धरोहर की स्थापत्य शैली और धार्मिक महत्व पर भी ध्यान केंद्रित किया है। राठौड़ ने उम्मीद जताई कि यूनेस्को की टीम इस मुद्दे को मजबूती से आगे बढ़ाएगी और इस धरोहर की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएगी।
स्थानीय नेताओं की मांग
प्रेस वार्ता में धर्मेंद्र राठौड़ के साथ बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा, पूर्व चेयरमैन देवेंद्र सिंह बुटाटी, बूंदी प्रधान सत्यनारायण मीना, कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष राजकुमार सैनी, करणी सेना संभाग अध्यक्ष बुंदेल सिंह राठौड़ और अन्य नेता भी उपस्थित थे। उन्होंने संयुक्त रूप से राज्य सरकार से मांग की कि बूंदी में राव सूरजमल हाड़ा के नाम से एक पैरोनमा का निर्माण किया जाए। इसके साथ ही, छतरी का निर्माण शुभ मुहूर्त में शुरू किया जाए ताकि समाज की आस्था और धरोहर का सम्मान बना रहे।
अवैध निर्माण पर आपत्ति
राठौड़ ने प्रशासन द्वारा जल्दबाजी में किए गए निर्माण कार्यों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि छतरी के स्थान को बिना किसी अनुमति और बिना सही प्रक्रिया के बदला गया है, जो धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से पूरी तरह अनुचित है। छतरी का निर्माण नवरात्रि के शुभ मुहूर्त में होना चाहिए, क्योंकि श्राद्ध पक्ष में शुभ कार्य वर्जित होते हैं।
धरोहरों की सुरक्षा के लिए अपील
प्रेस वार्ता के अंत में धर्मेंद्र राठौड़ ने मांग की कि भविष्य में इस तरह की ऐतिहासिक धरोहरों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न की जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि निर्माणाधीन हवाई अड्डे का नाम राजा सूरजमल हाड़ा के नाम पर रखा जाए, ताकि इस गौरवशाली इतिहास को सम्मान मिल सके।
धर्मेंद्र राठौड़ ने अपनी प्रेस वार्ता के माध्यम से राज्य सरकार और प्रशासन की कार्यशैली पर गहरा सवाल उठाते हुए, ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए तत्काल और सख्त कदम उठाने की अपील की।