मेरी कहानी: डॉ. अरविंद अग्रवाल, जिन्होंने एक सपना देखा और...

Ad

Highlights

मेघावी छात्र होने के कारण आपका ने बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी की तैयारी की और आपका दाखिला पश्चिमी बंगाल के बांकुरा सम्मिलानी मेडिकल कॉलेज में हो गया

जिस समय जयपुर के समीप जयपुर दिल्ली राजमार्ग पर कूकस में आर्य ग्रुप ऑफ़ कॉलेज की स्थापना की गयी, यह एक जंगल था और सुविधाओं का अभाव था, लेकिन आप भविष्य देख रहे थे

आज कूकस में और भी शिक्षण संस्थानों के साथ 5 और 7 सितारा होटलें बन गई है

डॉ.अरविन्द अग्रवाल का मानना विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए और 10 वी और 12 वी कक्षा में लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए,

डॉ अरविंद अग्रवाल वर्तमान में आर्य  ग्रुप ऑफ कॉलेज के अध्यक्ष है ,जो  पिछले 22  वर्षों से आर्य ग्रुप ऑफ कॉलेज को भारत के सबसे प्रमुख शिक्षा समूह के रूप में स्थापित करने के लिए लगातार परिश्रम कर रहे है। 

वर्तमान में आर्य ग्रुप ऑफ़ कॉलेज के अंतर्गत निम्न कॉलेजेस हैं -

  1. आर्य इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (AIET)
  2. आर्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड रिसर्च सेंटर (एसीईआरसी)
  3. आर्य इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (एआईईटीएम)
  4. आर्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (एसीईआईटी)
  5. आर्य कॉलेज ऑफ फार्मेसी (एसीपी)
  6. आर्य परफेक्ट ग्रेजुएट कॉलेज (एपीजीसी)

बचपन से उच्च शिक्षा की ओर
पिताजी एक सिविल इंजीनियर थे और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में कार्यरत होने के कारण देश के कई स्थानों पर तबादले होते रहे. डॉ अरविन्द अग्रवाल का जन्म दिल्ली में हुआ और स्कूली शिक्षा दिल्ली में पूरी की।

मेघावी छात्र होने के कारण आपका ने बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी की तैयारी की और आपका दाखिला पश्चिमी बंगाल के बांकुरा सम्मिलानी मेडिकल कॉलेज में हो गया।

बांकुरा सम्मिलानी मेडिकल कॉलेज में रहना कठिन था लेकिन एक लाभ मिला वहाँ जाँच करने के लिए मरीज काफ़ी मिल जाते थे. इससे व्यावहारिक अनुभव काफी मिला।

डॉक्टर के रूप में जीवन यात्रा 
बांकुरा सम्मिलानी मेडिकल कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करने के बाद आपको दिल्ली और देश और दुनिया के ख्याति प्राप्त संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अपनी सेवाएं देने का अवसर प्राप्त हुआ. इसके अलावा आपने दिल्ली के नामी विलिंगडन अस्पताल में कई वर्षो की सेवाएं दी.

आपने आपने अध्ययन जारी रखा और अमेरिका जाना निर्धारित किया, इसके लिए कठिन परिश्रम किया और संयुक्त राज्य चिकित्सा लाइसेंसिंग परीक्षा के तीनों चरणों को उत्तीर्ण किया और अमेरिका में अभ्यास करने के लिए विदेशी चिकित्सा स्नातक के रूप में अधिकृत हो गए.

आपने बोस्टन, यूएसए के पास नॉर्थ शोर अस्पताल से मनोचिकित्सा में एमडी किया।आपके पास वर्ष 1997-2000 के दौरान एच1बी1 वीजा भी था.

विदेश से स्वदेश लौटना और आर्य ग्रुप ऑफ़ कॉलेज की स्थापना 
पिताजी के आदेश पर आपने विदेश में सफ़ल डॉक्टरी पेशे को छोड़ा और देश लौटना सुनिश्चित किया। 2001 में आपने पिताजी के साथ मिलकर आर्य ग्रुप ऑफ़ कॉलेज की स्थापना की.

जिस समय जयपुर के समीप जयपुर दिल्ली राजमार्ग पर कूकस में आर्य ग्रुप ऑफ़ कॉलेज की स्थापना की गयी, यह एक जंगल था और सुविधाओं का अभाव था, लेकिन आप भविष्य देख रहे थे. आज कूकस में और भी शिक्षण संस्थानों के साथ 5 और 7 सितारा होटलें बन गई है।

तकनीकी शिक्षा में दो वर्ग 
डॉ.अरविन्द अग्रवाल का मानना है तकनीकी शिक्षा दो भागों में विभक्त है. एक तकनीकी शिक्षा वर्ग विशेष के लिए है. जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में दाखिला लेता है.

दूसरा बड़ा वर्ग है जो निजी शिक्षण तकनीकी संस्थानों में आता है. जो विशेषरूप से ग्रामीण छात्र है. वह मेधावी होता है परन्तु सरकारी स्कूलों की बदहाली के कारण उसको उत्तम अवसर नहीं मिलते. अच्छी प्रयोगशाला नहीं मिलती,सही मार्गदर्शन नहीं मिलता।

लेकिन जब वह निजी शिक्षण संस्थानों में आता है तो हमारा प्रयास रहता है उसे आकार दिया जाये ताकि भविष्य में देश और समाज की तरक्की में अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभा सके।

डॉ.अरविन्द अग्रवाल का सपना है आर्य ग्रुप ऑफ़ कॉलेज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थनो के समकक्ष स्थान प्राप्त कर सकें, और उनका मानना है आने वाले कुछ सालों आर्य ग्रुप ऑफ़ कॉलेज वह दर्ज़ा प्राप्त कर लेगा।     

उच्च शिक्षा और राज्य सरकार 
डॉ.अरविंद अग्रवाल का मानना है सरकार को उच्च शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि राजस्थान को और विशेष रूप से जयपुर शैक्षणिक पर्यटन का केंद्र बनाया जा सके.

जिससे न केवल राज्य की आय बढ़ेगी बल्कि स्थानीय रोज़गार के अवसर भी सुगम होंगे। इसके लिए ऊर्ध्वाधर विकास की अपेक्षा क्षैतिज विकास पर ध्यान देना होगा।

इसके लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को कुछ रियायतें देने होंगी, साथ ही सेवाओं को बेहतर करना होगा।

पुरस्कार और उपलब्धियां

1.छात्रों में उद्यमिता की भावना सहित शिक्षा के लक्ष्य पर असाधारण जोर देने के लिए श्री प्रणब मुखर्जी, भारत के पूर्व राष्ट्रपति द्वारा 'भारत के दूरदर्शी शिक्षाविद' के रूप में सम्मानित किया गया।

2.  जुलाई 2014 में अक्षय पात्र फाउंडेशन के सहयोग से सरकारी स्कूलों के छात्रों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने में उनके योगदान के लिए बिल क्लिंटन, पूर्व राष्ट्रपति, यूएसए द्वारा सम्मानित किया गया।

3.उनके नेतृत्व में "बायोनिक हैंड" को आर्य इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ने बीएमवीएसएस के तकनीकी सहयोग से विकसित किया है। विकलांगों को 20 मुफ्त बायोनिक हाथ वितरित किए जाएंगे।

4.उन्हें जून 2013 में संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस पर आयोजित एक भव्य समारोह के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र की सुश्री लिसा ग्रैंड द्वारा सम्मानित किया गया ।

5.उन्हें तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग से सेवा रतन द्वारा सम्मानित किया गया ।

6. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा राजस्थान का पहला स्टार्टअप, इनक्यूबेशन और इनोवेशन सेंटर आर्य ग्रुप ऑफ कॉलेज में उनके प्रशासन के तहत स्थापित किया गया।  साथ ही उनके प्रशासन के तहत आर्य ग्रुप ऑफ कॉलेज में पहला एमएसएमई इनक्यूबेशन सेंटर और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया गया।

विद्यार्थियों के लिए संदेश 
डॉ.अरविन्द अग्रवाल का मानना विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए और 10 वी और 12 वी कक्षा में लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए, चूंकि उनका जीवन है इसलिए अपना ध्यान केंद्रित कर लक्ष्य की और अग्रसर होना चाहिए।

Must Read: दस साल तक आठ घंटे लगातार लिखते रहे रामचरित मानस, अलवर के दिनेश खंडेलवाल की अनूठी राम धुन

पढें शख्सियत खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें thinQ360 App.

  • Follow us on :