नेताओं का मीडिया के सामने त्रिवाचा: अगर है आपराधिक रिकॉर्ड तो मीडिया के सामने एक बार नहीं 3 बार कबूल करना होगा अपना अपराध

अगर है आपराधिक रिकॉर्ड तो मीडिया के सामने एक बार नहीं 3 बार कबूल करना होगा अपना अपराध
Election Commission big decision on Rajasthan assembly elections
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चुनाव आयोग का ऐतिहासिक फैसला, आपराधिक श्रेणी के उम्मीदवारों व पार्टी को मीडिया में देनी होगी अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी, इस तरह से प्रकाशित करना अनिवार्य

आयोग ने इसके लिए समय सीमा भी निर्धारित की है कि कब से कब तक संबंधित उम्मीदवार को यह कार्य करना होगा। उम्मीदवार को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में पहला प्रकाशन 10 नवंबर से 13 नवंबर के बीच करना होगा।

Jaipur/ Rajasthan |

राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने है इसे लेकर निर्वाचन विभाग (Election Commission) काफी सख्त नज़र आ रहा है। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एक गाइडलाइन जारी की है। इसके बाद ऐसे प्रत्याशियों की चिंता बढ़ गई है जो आपराधिक पृष्ठभूमि से आते हैं।

चुनाव आयोग ने आदेश जारी कर कहा है कि नामांकन पत्र में यदि खुद के संबंध में कोई आपराधिक मामला दर्ज होने की सूचना दी जाती है तो अभ्यर्थी एवं संबंधित राजनीतिक दल को समाचार पत्रों व टीवी चैनल्स पर जानकारी प्रकाशित व प्रसारित करनी होगी।

आमतौर पर यह देखने में आता है कि आपराधिक पृष्ठभूमि के लिए चुनाव लड़ते हैं और भय फैला कर वोट लेते हैं। और इस तरह चुनाव जीतते ही सत्ता पर काबिज हो जाते हैं इससे जनमानस में भी गलत संदेश जाता है और समाज में अपराध का माहौल बना रहता है। इसे नियंत्रित करने के लिए ही चुनाव आयोग (Election Commission) ने ये फैसला लिया है।

दरअसल, चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन के मुताबिक अब नामांकन भरने वाले उम्मीदवार व पार्टी को चुनाव प्रचार थमने के आखिरी दिन से पहले अगर आपका आपराधिक रिकॉर्ड है तो खुद के बारे में मीडिया में प्रकाशित करावाना होगा। ऐसे उम्मीदवारों को 3 अलग-अलग समय समाचार पत्रों व टीवी चैनलों में अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी प्रकाशित करनी होगी।

यही नहीं चुनाव आयोग ने इसके लिए समय सीमा भी निर्धारित की है कि कब से कब तक संबंधित उम्मीदवार को यह कार्य करना होगा। उम्मीदवार को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में पहला प्रकाशन 10 नवंबर से 13 नवंबर के बीच करना होगा।

दूसरा प्रकाशन 14 नवंबर से 17 नवंबर के बीच और तीसरा प्रकाशन 18 नवंबर से चुनाव प्रचार की आखिरी तारीख तक करना होगा।

जब आपराधिक मामलों के संबंध में घोषणा प्रकाशित हो जाए तो इसकी सूचना उम्मीदवार तत्काल रिटर्निंग अधिकारी को देंगे।

फॉर्म सी में राजनीतिक दलों को अपनी जानकारी देनी होगी। राजनीतिक दल अपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों से संबंधित सूचना दल की ऑफिशियल वेबसाइट के होम पेज पर डालने के लिए बाध्य होंगे।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

चुनाव आयोग के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र जिनकी प्रकाशन संख्या 75 हज़ार प्रतिदिन और स्थानीय समाचार पत्र जिनकी प्रकाशन संख्या 25000 प्रतिदिन हो।

ऐसे समाचारपत्रों में C1 व C2 फॉर्मेट प्रकाशित करवाने होंगे। इसी प्रकार विभिन्न टीवी चैनलों में भी जानकारी पब्लिश करवाना अनिवार्य है।

टीवी चैनल में समय अवधि सुबह 8 से रात 10 बजे के बीच कम से कम 7 सेकंड के लिए होनी जरूरी है। फॉर्मेट C1 उम्मीदवार के लिए होगा।

वहीं फॉर्मेट C2 राजनीतिक दलों के लिए होगा। फॉर्मेट C1 भरते समय विभिन्न बातों का ध्यान रखना होगा।

जैसे उम्मीदवार के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों से संबंधित विवरण मोटे अक्षरों में हों। समाचार पत्रों में सूचना न्यूनतम 12 फोंट के आकार में प्रकाशित की जाए। हर मामले के लिए विवरण अलग-अलग पंक्तियों में अलग-अलग दिया जाना चाहिए।

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