Rajasthan: फिल्ममेकर विक्रम भट्ट पत्नी समेत अरेस्ट, ₹30 करोड़ ठगी का आरोप

फिल्ममेकर विक्रम भट्ट पत्नी समेत अरेस्ट, ₹30 करोड़ ठगी का आरोप
विक्रम भट्ट गिरफ्तार, ₹30 करोड़ ठगी
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Highlights

  • फिल्ममेकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी को मुंबई से गिरफ्तार किया गया।
  • उदयपुर के व्यापारी से ₹30 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप।
  • पुलिस ने यारी रोड स्थित साली के घर से पकड़ा, ट्रांजिट रिमांड के लिए आवेदन करेगी।
  • व्यापारी की पत्नी की बायोपिक बनाने के नाम पर ठगी का आरोप।

मुंबई:फिल्ममेकर विक्रम भट्ट (Filmmaker Vikram Bhatt) और उनकी पत्नी श्वेतांबरी (Shwetambari) को मुंबई (Mumbai) से गिरफ्तार किया गया है। उन पर उदयपुर (Udaipur) के एक व्यापारी से ₹30 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है। पुलिस उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर उदयपुर ले जाएगी।

फिल्ममेकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी को रविवार को मुंबई और राजस्थान पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया। उन पर उदयपुर के एक प्रतिष्ठित व्यापारी से 30 करोड़ रुपए की बड़ी धोखाधड़ी करने का आरोप है। यह गिरफ्तारी मुंबई के यारी रोड इलाके में उनकी साली के घर से की गई।

राजस्थान पुलिस अब विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को उदयपुर ले जाने के लिए बांद्रा कोर्ट में ट्रांजिट रिमांड के लिए आवेदन करेगी। इस मामले ने फिल्म इंडस्ट्री और व्यापार जगत दोनों में हलचल मचा दी है।

क्या है धोखाधड़ी का पूरा मामला?

राजस्थान के इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक डॉ. अजय मुर्डिया ने 17 नवंबर को विक्रम भट्ट समेत कुल 8 लोगों के खिलाफ 30 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। डॉ. मुर्डिया का आरोप है कि एक इवेंट के दौरान उनकी मुलाकात दिनेश कटारिया से हुई थी।

दिनेश कटारिया ने उन्हें अपनी पत्नी की बायोपिक बनाने का प्रस्ताव दिया था। कटारिया ने दावा किया कि इस फिल्म के जरिए पूरे देश को उनकी पत्नी के योगदान के बारे में पता चलेगा। इसी सिलसिले में दिनेश कटारिया ने डॉ. मुर्डिया को 24 अप्रैल 2024 को मुंबई स्थित वृंदावन स्टूडियो में बुलाया था।

बायोपिक बनाने के नाम पर लिया गया पैसा

वृंदावन स्टूडियो में डॉ. अजय मुर्डिया की मुलाकात फिल्ममेकर विक्रम भट्ट से कराई गई। यहां बायोपिक बनाने को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। बातचीत के दौरान यह तय हुआ कि फिल्म बनाने की पूरी जिम्मेदारी विक्रम भट्ट की होगी और डॉ. मुर्डिया को सिर्फ फिल्म निर्माण के लिए पैसे भेजने होंगे।

विक्रम भट्ट ने डॉ. मुर्डिया को बताया कि उनकी पत्नी श्वेतांबरी और बेटी कृष्णा भी फिल्ममेकिंग से जुड़ी हुई हैं। इसके बाद विक्रम भट्ट ने अपनी पत्नी श्वेतांबरी की फर्म VSB LLP को इस प्रोजेक्ट में पार्टनर बनाया। उनके बीच ‘बायोनिक’ और ‘महाराणा’ नाम की दो फिल्मों के लिए 40 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट हुआ था।

कॉन्ट्रैक्ट के तहत, 31 मई 2024 को विक्रम भट्ट को 2.5 करोड़ रुपए RTGS के माध्यम से भेजे गए। कुछ ही दिनों बाद, 7 करोड़ रुपए की और मांग की गई। उन्हें बताया गया कि कुल 47 करोड़ रुपए में 4 फिल्में बनेंगी, जिनसे लगभग 100-200 करोड़ रुपए तक का भारी मुनाफा होगा।

फर्जी वेंडर्स और पैसों का हेरफेर

पुलिस जांच में सामने आया है कि विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी के कहने पर डॉ. अजय मुर्डिया ने उनके बताए हुए वेंडर्स को ऑनलाइन पेमेंट की। 2 जुलाई 2024 को डॉ. अजय मुर्डिया ने इंदिरा एंटरटेनमेंट LLP नाम से एक फर्म भी रजिस्टर करवाई थी। इस फर्म के खाते से भी करीब 3 लाख रुपए की पेमेंट की गई थी।

मामले की शुरुआती जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिन वेंडर्स को इंदिरा एंटरटेनमेंट के खाते से पेमेंट की गई थी, वे सभी फर्जी निकले। जांच में पता चला कि जिन वेंडर्स को भुगतान किया गया, वे वास्तव में पुताई करने वाले या ऑटो रिक्शा चालक थे। पेमेंट के बाद, रकम का एक बड़ा हिस्सा विक्रम भट्ट की पत्नी श्वेतांबरी के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता था। यह वित्तीय अनियमितता धोखाधड़ी के आरोपों को और पुख्ता करती है।

लुकआउट नोटिस और विक्रम भट्ट का बचाव

इस गिरफ्तारी से एक हफ्ते पहले, उदयपुर पुलिस ने विक्रम भट्ट, उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट सहित 6 आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। सभी आरोपियों को 8 दिसंबर तक उदयपुर पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। साथ ही, उन्हें बिना मंजूरी के विदेश यात्रा करने से भी रोक दिया गया था।

मामला सामने आने के बाद, फिल्ममेकर विक्रम भट्ट ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि उन्हें इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें इस मामले की जानकारी मीडिया के जरिए ही मिली है।

विक्रम भट्ट ने एएनआई से बात करते हुए कहा था, “मुझे लगता है कि राजस्थान पुलिस को गुमराह किया जा रहा है। मुझे न तो कोई पत्र मिला है, न नोटिस, कुछ भी नहीं। अगर शिकायतकर्ता ने ऐसे दावे किए हैं, तो उनके पास उसका कोई लिखित प्रमाण होना चाहिए। वरना पुलिस ऐसे मामले दर्ज नहीं करती।”

उन्होंने आगे कहा, “अगर उन्हें इंडस्ट्री की समझ नहीं थी, तो उन्होंने खुद ही इतनी सारी फिल्में क्यों शुरू कीं? और अगर मैं उन्हें धोखा दे रहा था, तो फिर उन्होंने मेरे साथ तीसरी फिल्म क्यों बनाई?” विक्रम भट्ट ने यह भी कहा कि वह पिछले 30 सालों से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और उन्होंने कभी ऐसा कुछ अनुभव नहीं किया है।

फिल्ममेकर ने अपनी सफाई में कहा कि उनकी एक फिल्म ‘विराट’ को बीच में ही रोक दिया गया था। इसकी वजह उनकी कंपनी के व्यावसायिक निर्णय थे, खासकर आने वाला आईपीओ। उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता अजय मुर्डिया द्वारा निर्मित की जा रही फिल्म में देरी इसलिए हुई, क्योंकि उन्होंने फिल्म से जुड़े तकनीशियनों को भुगतान नहीं किया था। विक्रम भट्ट का दावा है कि उनके पास अपनी बात साबित करने के लिए ईमेल और कॉन्ट्रैक्ट सहित पुख्ता सबूत हैं।

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