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नागर ने बताया कि वर्तमान में आईपीडीएस योजना संचालित नहीं है। यह योजना 31 मार्च 2019 तक ही संचालित थी, जिसके तहत परबतसर विधानसभा क्षेत्र में 0.94 किलोमीटर पर 33 केवी अण्डर ग्राउण्ड केबलिंग का तथा 2.44 किलोमीटर तक नई 11 केवी अण्डर ग्राउण्ड लाईन का कार्य पूर्ण कर दिया गया है एवं वर्तमान में उक्त योजनान्तर्गत कोई कार्य शेष नहीं है।
जयपुर | ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश में प्रतिदिन कृषि उपभोक्ताओं को 6 घंटे व आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में बिजली तंत्र के विस्तार एवं प्रसारण तंत्र में अपेक्षानुरूप कार्य नहीं हुए।
ऊर्जा राज्यमंत्री सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे।
इससे पहले विधायक रामनिवास गावड़िया के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्री नागर ने अवगत करवाया कि नागौर-डीडवाना जिले में कृषि श्रेणी की छह माह से अधिक पुरानी 1960 पत्रावलियां लम्बित हैं, जिसमें से 361 पत्रावलियों के मांगपत्र 30 जून 2023 तक जमा हुए हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले छह माह में 1179 पत्रावलियों के मांगपत्र जारी कर दिये गये हैं, जिनमें से 959 मांगपत्र जमा हुए हैं तथा 420 आवेदन 22 फरवरी 2022 से 30 जून 2023 के हैं, जिनके मांगपत्र आगामी कट ऑफ डेट के अनुसार जारी किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि घरेलू श्रेणी की कोई पत्रावली छह माह से पुरानी लम्बित नहीं है। उन्होंने इस संबंध में तहसीलवार संख्यात्मक विवरण सदन के पटल पर रखा।
ऊर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि तहसील परबतसर में जमा मांगपत्र वाले घरेलू श्रेणी के 38 एवं कृषि श्रेणी के 127 उपभोक्ता हैं, जिनके कनेक्शन शीघ्र ही वरीयतानुसार जारी किये जा रहे हैं।
नागर ने बताया कि वर्तमान में आईपीडीएस योजना संचालित नहीं है। यह योजना 31 मार्च 2019 तक ही संचालित थी, जिसके तहत परबतसर विधानसभा क्षेत्र में 0.94 किलोमीटर पर 33 केवी अण्डर ग्राउण्ड केबलिंग का तथा 2.44 किलोमीटर तक नई 11 केवी अण्डर ग्राउण्ड लाईन का कार्य पूर्ण कर दिया गया है एवं वर्तमान में उक्त योजनान्तर्गत कोई कार्य शेष नहीं है।
ऊर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि परबतसर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 तक किसी भी श्रेणी का कोई जीएसएस स्वीकृत नहीं हुआ। हालांकि इस अवधि में पूर्व के वर्षों में स्वीकृत सब-स्टेशनों में परबतसर बाईपास, झालरा, किन्सारिया तथा रिड चार 33 या 11 केवी सब-स्टेशन स्थापित किये गये हैं। वर्तमान में परबतसर विधानसभा क्षेत्र में स्थापित विद्युत तंत्र का आवश्यक विद्युत भार अनुरूप होने के कारण तकनीकी रूप से नवीन जीएसएस या 33 अथवा 11 केवी सब स्टेशन के प्रस्ताव की आवश्यकता नहीं है।