Sirohi फोरलेन के लिए सर्वे: सिरोही-मंडार सड़क की मरम्मत के लिए 4.96 करोड़ स्वीकृत

सिरोही-मंडार सड़क की मरम्मत के लिए  4.96 करोड़ स्वीकृत
सिरोही-मंडार सड़क की मरम्मत के लिए 4.96 करोड़ स्वीकृत
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Highlights

  • भारत सरकार ने सिरोही-मंडार सड़क की मरम्मत और डीपीआर निर्माण के लिए कुल 5.87 करोड़ रुपये स्वीकृत किए
  • 6 महीने में नई डीपीआर तैयार होगी, जिसमें सड़क को फोरलेन और मंडार-रेवदर बायपास शामिल है
  • नेशनल हाईवे 168 घोषित इस सड़क को विजयपताका पुलिया से हाईवे 62 से जोड़ा जाएगा
  • सांसद लुंबराम चौधरी और सामाजिक कार्यकर्ता महावीर जैन के प्रयासों से यह स्वीकृति संभव हुई

सिरोही, 28 नवंबर 2024 | सिरोही से मंडार तक की सड़क को बेहतर बनाने और फोरलेन में तब्दील करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। नेशनल हाईवे खंड पाली ने 15 अक्टूबर 2024 को इस 76.4 किमी लंबे मार्ग को अपने अधीन लेते हुए इसे टू-लेन से फोरलेन में बदलने का निर्णय लिया। इस उद्देश्य से 4 अक्टूबर 2024 को प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए नए सिरे से टेंडर जारी किए गए।

भारत सरकार के परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने इस सड़क के सुधार और डीपीआर तैयार करने के लिए कुल 5.87 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इसमें 1.91 करोड़ रुपये डीपीआर निर्माण के लिए और 4.96 करोड़ रुपये सड़क की मरम्मत के लिए आवंटित किए गए हैं।

सांसद और सामाजिक कार्यकर्ता का प्रयास रंग लाया

सामाजिक कार्यकर्ता महावीर जैन और सिरोही क्षेत्र के सांसद लुम्बाराम चौधरी ने इस सड़क की दुर्दशा को लेकर लगातार अधिकारियों और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का ध्यान आकर्षित किया। इसके परिणामस्वरूप, 14 नवंबर 2024 को नेशनल हाईवे जोधपुर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने मरम्मत के लिए टेंडर जारी किए, जिन पर विचार के लिए 29 नवंबर 2024 को जोधपुर में बैठक आयोजित की जाएगी।

डीपीआर 6 माह में तैयार होगी

सड़क की नई डीपीआर अगले 6 महीनों में तैयार हो जाएगी। इसके तहत न केवल सड़क को 4 लेन में बदला जाएगा, बल्कि मंडार और रेवदर के लिए बायपास का भी प्रावधान होगा। डीपीआर तैयार करने के बाद 12 माह के भीतर आवश्यक मरम्मत कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। इसके बाद सड़क को नेशनल हाईवे 62 से जोड़ते हुए फोरलेन निर्माण का काम शुरू किया जाएगा।

राज्य सरकार का सहयोग और तेज़ी से हो रहे काम

सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने सड़क की खस्ताहाली को गंभीरता से लिया है। विभाग ने अल्प समय में मरम्मत कार्य शुरू कर अपनी दक्षता का परिचय दिया है। उन्होंने इसे विभाग का अब तक का सबसे तेज़ काम बताया।

सिरोही जिले के लिए नई संभावनाएं

गुजरात के झेरडा से सिरोही तक की सड़क को पहले ही नेशनल हाईवे 168 घोषित किया जा चुका है। यह सड़क गुजरात सीमा से होते हुए मंडार, रेवदर, अनादरा और पावापुरी होकर सिरोही में विजयपताका के पास नेशनल हाईवे 62 से जुड़ती है। सिरोही से जालोर मार्ग को फोरलेन बनाने का काम पूरा होने पर पूरा जिला नेशनल हाईवे नेटवर्क से जुड़ जाएगा।

माउंट आबू को फोरलेन से जोड़ने के लिए गुलाबगंज से माउंट आबू तक एक नया वैकल्पिक सड़क मार्ग बनाने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है, जिस पर राज्य और केंद्र सरकार विचार कर रही हैं। क्षेत्रीय सांसद लुंबराम चौधरी ने इसे प्राथमिकता देते हुए लगातार प्रयास जारी रखे हैं।

यह परियोजना सिरोही जिले के लिए एक बड़ा बदलाव लाने वाली है, जिससे यातायात सुगम होगा और क्षेत्र का विकास तेज़ी से हो सकेगा।

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