Highlights
रविंद्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मंडार के आदर्श विद्या मंदिर में प्राप्त की। इसके बाद उनका चयन कालंद्री के नवोदय स्कूल में हुआ। दसवीं में उन्हें शत प्रतिशत अंक प्राप्त हुए और 12वीं में 99 प्रतिशत। उदयपुर से उन्होंने विज्ञान stream में स्नातक की डिग्री हासिल की।
पिताजी ट्रेनिंग में थे जब बेटे ने फोन कर बताया - "पापा, मैं पास हो गया!"
सिरोही जिले के मंडार कस्बे के 23 वर्षीय रविंद्र कुमार मेघवाल ने UPSC परीक्षा में 138वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। यह रविंद्र का पहला प्रयास था और उन्होंने बिना किसी कोचिंग के यह सफलता हासिल की है।
रोजाना 16 घंटे पढ़ाई कर हासिल की सफलता
रविंद्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मंडार के आदर्श विद्या मंदिर में प्राप्त की। इसके बाद उनका चयन कालंद्री के नवोदय स्कूल में हुआ। दसवीं में उन्हें शत प्रतिशत अंक प्राप्त हुए और 12वीं में 99 प्रतिशत। उदयपुर से उन्होंने विज्ञान stream में स्नातक की डिग्री हासिल की।
पिता का प्रोत्साहन और परिवार का सहयोग बना ताकत
रविंद्र के पिता जीवाराम बुनकर मंडार के सोनेला के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में सेकेंड ग्रेड टीचर हैं। मां शारदा देवी गृहिणी हैं। रविंद्र के पिता ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया और परिवार ने उनका हर संभव सहयोग किया।
परीक्षा की तैयारी के लिए डेढ़ साल तक घर नहीं गए रविंद्र
रविंद्र ने बताया कि वह परीक्षा की तैयारी के लिए पिछले डेढ़ साल से घर नहीं गए थे। प्री परीक्षा से 4 महीने पहले वह जयपुर में रहने लग गए। प्री पास होने के बाद भी उन्होंने जयपुर में ही अपनी पढ़ाई जारी रखी। मेरा मैंस परीक्षा का सेंटर दिल्ली आया था, जिसके लिए करीब दो महीने वह दिल्ली में रहा। डेढ़ साल तक उन्होंने कोई शादी समारोह, धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रम में नहीं गया।
रविंद्र का संदेश - मेहनत और खुद पर विश्वास ही सफलता की कुंजी
रविंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत और खुद पर विश्वास को दिया है। उनका कहना है कि सफलता के लिए कोचिंग जरूरी नहीं है। यदि आप दृढ़ संकल्पित हैं और कड़ी मेहनत करते हैं तो आप निश्चित रूप से सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
रविंद्र की इस सफलता पर जिलेवासियों ने जताई खुशी
रविंद्र की इस सफलता पर जिलेवासियों ने खुशी जताई है। लोगों ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।