अतिरिक्त मुख्य सचिव ने की समीक्षा: 15 से 29 फरवरी तक चिकित्सा संस्थानों का सघन निरीक्षण अभियान, चिकित्सा संस्थानों की बुनियादी सुविधाओं में सुधार नहीं होने पर होगा एक्शन

15 से 29 फरवरी तक चिकित्सा संस्थानों का सघन निरीक्षण अभियान, चिकित्सा संस्थानों की बुनियादी सुविधाओं में सुधार नहीं होने पर होगा एक्शन
Mrs. Shubhra Singh
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श्रीमती शुभ्रा सिंह सोमवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चिकित्सा संस्थानों के निरीक्षण एवं 100 दिवसीय कार्य योजना सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संबंध में समीक्षा कर रही थीं
Mrs. Shubhra Singh,जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुगमतापूर्वक उपलब्ध करवाने के लिए सभी चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया जा रहा है।

 
श्रीमती शुभ्रा सिंह कहा कि प्रदेशभर में 15 फरवरी से 29 फरवरी, 2024 तक सघन निरीक्षण अभियान चलाया जाएगा। लक्ष्य के अनुरूप निरीक्षण नहीं करने और निरीक्षण के उपरांत चिकित्सा संस्थानों की बुनियादी सुविधाओं में सुधार नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध एक्शन लिया जाएगा। 
 
श्रीमती शुभ्रा सिंह सोमवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चिकित्सा संस्थानों के निरीक्षण एवं 100 दिवसीय कार्य योजना सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संबंध में समीक्षा कर रही थीं।
श्रीमती शुभ्रा सिंह कहा कि हमारा उद्देश्य चिकित्सा संस्थानों का सिर्फ निरीक्षण करना नहीं है, बल्कि वहां मिलने वाली सुविधाओं में सुधार कर आमजन को अधिक से अधिक राहत पहुंचाना है।
सभी अधिकारी चिकित्सा संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम करें। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
 
श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि सिर्फ बडे़ अस्पतालों का ही नहीं, निचले स्तर तक चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया जाए। एक भी संस्थान निरीक्षण से नहीं छूटे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में साफ-सफाई के लिए क्यू आर कोड सिस्टम को प्राथमिकता के साथ शुरू करें।
बायोमैट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से सभी चिकित्सा संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। प्रसव कक्ष एवं टॉयलेट्स साफ-सुथरे हों, ताकि संक्रमण का खतरा नहीं रहे।
श्रीमती शुभ्रा सिंह सैनेटरी नेपकिन के सुरक्षित डिस्पोजल संबंधी जागरूकता के लिए अस्पताल में ऑडियो, वीडियो, पैम्पलेट सहित अन्य आईईसी सामग्री का उपयोग किए जाने पर भी जोर दिया।  
 
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में बुनियादी आवश्यकताओं के लिए आरएमआरएस कोष का सदुपयोग करने के साथ ही भामाशाहों, स्वयंसेवी संस्थानों एवं एनजीओ आदि से भी सहयोग लिया जा सकता है। उन्होंने 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों की भी समीक्षा करते हुए उन्हें शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मेलों के आयोजन आवश्यक रूप से करने के साथ ही कैंसर स्क्रीनिंग के कार्य को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए।
श्रीमती सिंह ने भवन रहित चिकित्सा संस्थानों के लिए भूमि चिन्हीकरण एवं निर्माण कार्यों को गति देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं का आईईसी गतिविधियों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। 
 
बैठक में बताया गया कि अब तक प्रदेश के करीब 51 प्रतिशत चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया जा चुका है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए रैंकिंग सिस्टम भी विकसित किया गया है। निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। 
 
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, निदेशक आरसीएच डॉ. लोकेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। समस्त मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, संयुक्त निदेशक जोन, सीएमएचओ, पीएमओ, बीसीएमएचओ एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक भी वीसी से जुडे़। 

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