Highlights
14 साल बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी ब्रिटेन की राजनीति में एक बड़ा बदलाव है। किएर स्टार्मर के नेतृत्व में लेबर पार्टी ने कंजर्वेटिव पार्टी को भारी मात दी है। अब देखना होगा कि नए प्रधानमंत्री के रूप में किएर स्टार्मर ब्रिटेन की राजनीति और नीति-निर्माण में कैसे बदलाव लाते हैं। कंजर्वेटिव पार्टी को अपनी हार से सीख लेकर भविष्य की रणनीति पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
लंदन । ब्रिटेन में शुक्रवार, 5 जुलाई को सत्ता में बड़ा बदलाव हुआ। सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी को 14 साल बाद लेबर पार्टी ने चुनाव में मात दी। इस हार के कुछ घंटे बाद ही भारतवंशी ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। लेबर पार्टी के 61 साल के कीर स्टार्मर देश के 58वें प्रधानमंत्री बने हैं।
चुनाव परिणाम और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
ऋषि सुनक ने हार स्वीकारते हुए पार्टी से माफी मांगी और स्टार्मर को फोन कर जीत की बधाई दी। इस आम चुनाव में लेबर पार्टी को भारी जीत मिली है। पार्टी ने कुल 650 सीटों में से 412 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि सरकार बनाने के लिए केवल 326 सीटों की आवश्यकता होती है। वहीं, कंजर्वेटिव पार्टी मात्र 120 सीटों पर सिमट गई, जो पिछले 200 सालों में उनकी सबसे बड़ी हार मानी जा रही है।
कीर स्टार्मर का उदय
किएर स्टार्मर को अप्रैल 2020 में लेबर पार्टी का नया नेता चुना गया था। उनके नेतृत्व में, लेबर पार्टी ने एक बड़ी जीत हासिल की है। लेबर पार्टी ने 1997 के बाद पहली बार इतनी बड़ी जीत दर्ज की है। 1997 में टोनी ब्लेयर के नेतृत्व में लेबर पार्टी ने 419 सीटों पर जीत हासिल की थी। अगर एग्ज़िट पोल्स के अनुमान सही साबित हुए, तो किएर स्टार्मर 410 लेबर सांसदों के साथ प्रधानमंत्री बनेंगे।
पार्टी के प्रदर्शन और भविष्य की चुनौतियाँ
ऋषि सुनक ने हार के बाद अपने संबोधन में कहा, "ब्रिटिश जनता ने गरिमापूर्ण फ़ैसला दिया है। इससे बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है। मैं हार की ज़िम्मेदारी लेता हूं।" सुनक ने अपनी सीट यॉर्कशायर में रिचमंड सीट बरकरार रखी है।
कंजर्वेटिव पार्टी की हार के बाद पार्टी के कई नेता अपने पार्टी की खुलकर आलोचना कर रहे हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता सर रॉबर्ट बकलैंड ने कहा, "मैंने कंजर्वेटिव पार्टी के अपने साथियों को पोज देते, भड़काऊ लेख लिखते और बेवकूफ़ी भरी बातें कहते देखा है। ये ऐसी बातें थीं जिसका उनके पास कोई सबूत नहीं है।"
अन्य दलों का प्रदर्शन
लिबरल डेमोक्रेट पार्टी के नेता सर एड डेवी ने कहा कि यह उनकी पार्टी के लिए सबसे अच्छा परिणाम हो सकता है। लिबरल डेमोक्रेट्स ने इस बार 71 सीटें जीती हैं, जो कि पिछले चुनाव से 60 सीटों की वृद्धि है। वहीं, स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) ने 9 सीटें जीती हैं, जो पिछले चुनाव से 39 सीटों की कमी है।
14 साल बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी ब्रिटेन की राजनीति में एक बड़ा बदलाव है। किएर स्टार्मर के नेतृत्व में लेबर पार्टी ने कंजर्वेटिव पार्टी को भारी मात दी है। अब देखना होगा कि नए प्रधानमंत्री के रूप में किएर स्टार्मर ब्रिटेन की राजनीति और नीति-निर्माण में कैसे बदलाव लाते हैं। कंजर्वेटिव पार्टी को अपनी हार से सीख लेकर भविष्य की रणनीति पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।