निरीक्षण का दौर: प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा एवं जांच योजना का लिया जायजा

प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा एवं जांच योजना का लिया जायजा
सांगानेर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण
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आरएमएससी की प्रबंध निदेशक ने सांगानेर सीएचसी का निरीक्षण किया 

मानव संसाधन के संबंध में उच्च स्तर पर अवगत कराएं ताकि जांच मशीनों का सदुपयोग हो और मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पडे़।

जयपुर। प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण को लेकर निरीक्षण (inspection) का दौर लगातार जारी है। इसी क्रम में राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (RMSC) की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने सांगानेर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण (inspection) कर वहां मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा एवं जांच योजना के क्रियान्वयन की स्थिति का जायजा लिया।

गिरि ने निरीक्षण (inspection) के दौरान दवाओं के कार्टन (medicine cartons) खुले में रखे होने पर ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएस (SS) दायमा को वस्तुस्थिति से अवगत कराने तथा संबंधित अधिकारी या कार्मिक की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संकल्पि भाव के साथ मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना का संचालन कर रही है। ऐसे में दवाओं का भण्डारण एवं दवाओं की उपलब्धता में किसी तरह की लापरवाही नहीं हो।

प्रबंध निदेशक ने फार्मासिस्ट (औषध बनानेवाला) एवं अन्य कार्मिकों से दवाओं की उपलब्धता, मांग एवं आपूर्ति की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अस्पताल में दवाओं की शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित हो। दवाओं की मांग के लिए रियल टाइम इंडेंट (real time indent) जारी किया जाए। मांग और आपूर्ति में किसी तरह का अंतर नहीं रहे। औषधि भण्डार में नियमानुसार दवाओं का बफर स्टॉक रखा जाए।

गिरि ने कहा कि भण्डार कक्ष में दवाओं का भण्डारण निर्धारित प्रोटोकॉल (protocol) के अनुसार किया जाए। भण्डार कक्ष का तापमान नियामनुसार हो, ताकि दवाओं की गुणवत्ता प्रभावित नहीं हो।

उन्होंने कहा कि एक्सपायर हो चुकी दवाओं तथा बायोमेडिकल वेस्ट (biomedical waste) का निस्तारण पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए किया जाए। साथ ही, दवाओं का उपयोग इस तरह  सुनिश्चित किया जाए कि उनके एक्सापयर (समय सीमा समाप्त) होने की स्थिति नहीं आए। सभी दवा वितरण काउंटरों का निरीक्षण (inspection) करने के दौरान सॉफ्टवेयर (Software) के माध्यम से दवाओं की उपलब्धता, इंडेंट जारी करने की स्थिति एवं आपूर्ति के बारे में जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए।

प्रबंध निदेशक ने स्वास्थ्य केंद्र में आपूर्तित जांच मशीनों का भी निरीक्षण (inspection) किया। उन्होंने सोनोग्राफी मशीन, डायलिसिस मशीन तथा अन्य जांच मशीनों का समुचित उपयोग किए जाने के निर्देश दिए।

गिरि ने कहा कि मशीनों का नियमित रखरखाव (regular maintenance) सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, मानव संसाधन के संबंध में उच्च स्तर पर अवगत कराएं ताकि जांच मशीनों का सदुपयोग हो और मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पडे़।

गिरि ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाओं के भण्डारण के लिए स्थान एवं संसाधनों की उपलब्धता को लेकर अधिकारियों की एक टीम पुनः स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण (inspection) करेगी। यह टीम तात्कालिक आवश्यकताओं का आकलन कर दवाओं के समुचित भण्डार की व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी।

निरीक्षण (inspection) के दौरान आरएमएससीएल की कार्यकारी निदेशक (लॉजिस्टिक) डॉ. कल्पना व्यास, बीसीएमओ (BCMO) डॉ. एसएस (SS) दायमा, पीएमओ (PMO) डॉ. मुनेश जैन, प्रभारी अधिकारी जिला औषधि भण्डार गृह जयपुर द्वितीय डॉ. गजेन्द्र सोयल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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