आरपीए में ली ट्रेनिंग: फर्जी पुलिसवाली बनकर महिला खेलती रही खेल, पुलिस अधिकारियों के साथ खिंचवाती रही तस्वीरें

फर्जी पुलिसवाली बनकर महिला खेलती रही खेल, पुलिस अधिकारियों के साथ खिंचवाती रही तस्वीरें
Mona Bugalia
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Highlights

एक महिला ने तो हद ही पार कर दी। फर्जी पुलिसवाली बनकर पुलिसवालों को ही चकमा देती रही और किसी को उस पर शक भी नहीं हुआ। इस दौरान उसने पुलिस की वर्दी का खूब फायदा उठाया और रौब झाड़ती रही।

जयपुर | Fake Woman Inspector: आपने फर्जी पुलिसवाले बनकर लोगों से ठगी करने वालों के बारे में तो खूब पढ़ा और सुना होगा, लेकिन एक महिला ने तो हद ही पार कर दी। 

फर्जी पुलिसवाली बनकर पुलिसवालों को ही चकमा देती रही और किसी को उस पर शक भी नहीं हुआ। 

इस दौरान उसने पुलिस की वर्दी का खूब फायदा उठाया और रौब झाड़ती रही। पुलिस अधिकारियों के साथ फोटो शूट भी कर लिए और 12 दिन तक पुलिस की वर्दी में ट्रेनिंग भी ली। 

लेकिन अपनी पैनी निगाहों से मुजरिमों को ढूंढ निकालने वाले पुलिस अधिकारी भी इस फर्जी पुलिस को नहीं पहचान पाए।

दरअसल, राजस्थान पुलिस अकादमी में एक फर्जी महिला एसआई का मामला सामने आया है। इस महिला ने फर्जी एसआई बनकर पुलिस महकमें को खूब चकमा दिया।

हालांकि, इसका ये फर्जी रूप और ज्यादा दिन नहीं चल सका और इसकी एक गलती ने इसकी पूरी पोल खोलकर रख दी। 

इस शातिर फर्जी पुलिसवाली का नाम मोना बुगालिया बताया गया है। इसके बारे में आरपीए के संचित निरीक्षक (प्रशासन) रमेश मीणा ने शास्त्री नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।

आरपीए में ट्रेनिंग

जिसके मुताबिक, 11 से 23 सितंबर तक आरपीए में सैंडविच कोर्स हुआ था। इसमें मोना बुगालिया ने उपनिरीक्षक नहीं होते हुए भी राजस्थान पुलिस की उपनिरीक्षक की वर्दी पहनकर फोटो खिंचवाए और सोशल मीडिया पर पोस्ट किए। 

इसके अलावा फर्जी एसआई बनी महिला ने सोशल मीडिया पर जॉइनिंग लेटर के साथ वर्दी में फोटो अपलोड किए।

यही नहीं, महिला ने अपने अकाउंट पर कई आईपीएस के साथ खिंचवाई गई तस्वीरें शेयर कर रखी है। 

पूर्व DGP की बेटी की शादी में शामिल हुई

आईपीएस दिनेश एमएन, विनिता ठाकुर समेत कई अधिकारियों के साथ भी खिंचवाई फोटोज मोना ने सोशल अकांउट पर अपलोड किए हैं। 

मोना ने जानकारी देते हुए लिखा कि डीजी एमएल लाठर सर की बेटी की शादी में शरीक हुई।

ऐसे खुला फर्जी पुलिसवाली का राज

खुद को पूरी तरह से पुलिसवाली बताने के बाद भी आखिर मोना का राज कैसे खुला ? 

दरअसल, मोन के फर्जी एसआई होने का फंडाफोड तब हुआ जब सोशल मीडिया पर उसने अपनी फोटो शेयर की। 

मोना ने कमिश्नरेट जयपुर का फोर्स कलर भी पहना हुआ था। उसने अपने मोबाइल नंबर से विभिन्न वाट्सऐप ग्रुप व सोशल मीडिया पर एसआई पद बताते हुए चैटिंग में अनर्गल टिप्पणियां भी की। 

जिसके बाद पुलिस को उस पर शक हुआ और उसका राज खुल गया। इस पूरे मामले की जांच थानाधिकारी किशोर सिंह भदौरिया कर रहे हैं। 

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