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पट्टों की मांग को लेकर एसडीएम ऑफिस के बाहर अनशन पर बैठे युवा, कहा-मॉनिटरिंग कमेटी भंग हो, बिना भेदभाव जरूरतमंद को मिले आवास का मालिकाना हक
माउंट आबू के लोगों को राहत देने के वादे के साथ राज्य सरकार की ओर से कुछ महीनों पहले बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटी के कार्यकलापों के खिलाफ भी विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं
Sirohi | लगभग एक महीने पहले माउंट आबू के बाशिन्दों को उनके मकानों का मालिकाना हक प्रदान करने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे 16 गांवों के लोगों ने प्रशासनिक तानाशाही के खिलाफ उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर सोमवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया। अनशन के पहले दिन दो युवा बैठे और प्रशासनिक हठधर्मिता का विरोध जताया।
माउंट आबू के क्षेत्र में 16 गांवों में लोग पिछले लंबे समय से अपने आशियानों का मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए नगर पालिका के चक्कर लगा रहे हैं। करीब एक महीना पहले इन 16 गांवों के लोगों ने रैली निकाल कर प्रशासन को इस संबंध में चेताया था। परन्तु उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अब माउंट आबू के लोगों को राहत देने के वादे के साथ राज्य सरकार की ओर से कुछ महीनों पहले बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटी के कार्यकलापों के खिलाफ भी विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं।
समाज ने अपनी मांगों के समर्थन में सोमवार से आमरण अनशन का आह्वान किया था। आह्वान के तहत सोमवार को उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर अनशन प्रारंभ हो गया। पहले दिन दो युवा हीर सिंह भाटी और वीरेंद्र सिंह पराड़िया अनशन पर बैठे। उनके समर्थन में कई अन्य युवा और नेता भी अनशन स्थल पर पहुंचे।
राजपूत समाज की मांगों में मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करने, गायब हुई पट्टों की पत्रावालियों की जांच करने, जिनकी पत्रावली गायब हुई हैं उन्हें राहत पहुंचाने, रिपेयर व रिनोवेशन आदि की स्वीकृति प्रदान करने, नए निर्माण की स्वीकृतियों का मार्ग प्रशस्त करने सहित कई मांगें शामिल हैं।
अनशनकर्ताओं के साथ युवा राजपूत समाज के अध्यक्ष नारायण सिंह भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि प्रशासन अपनी हठधर्मिता कर रहा हैं, लेकिन जब तक माउंट आबू के बाशिन्दों को उनका हक नहीं मिलेगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
भारतीय जनता युवा मोर्चा की जिला इकाई ने भी राजपूत समाज के आंदोलन को खुला समर्थन दिया है। जिलाध्यक्ष गोपाल माली ने बताया कि जरूरत पड़ी तो जिले का युवा मोर्चा माउंट आबू में बड़ा आंदोलन करेगा।
समाधान नहीं हुआ तो किया अनशन आरंभ
मॉनिटरिंग कमेटी के खिलाफ आरंभ हुए अनशन पर बैठे लोगों ने कहा कि माउंट आबू के बाशिन्दों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्राम पंचायत के जिन लोगों को चिन्हित किया गया है, उन्हें इस योजना को लागू कर लाभ दिलाया जाए।
16 गांवों के लोगों की पीड़ा है कि इको सेंसेटिव जोन के लिए गठित मॉनिटरिंग कमेटी के अध्यक्ष सुधीर जैन अपने क्षेत्राधिकार और अधिकारों से बाहर जाकर स्थानीय जनता को परेशान कर रहे हैं।
मॉनिटरिंग कमेटी के अध्यक्ष मर्जी से परमिशन देने के लिए नोटिफिकेशन के विपरीत नए-नए अड़ंगे लगा रहे हैं। स्थानीय व्यक्तियों को मामूली मरम्मत सामग्री के लिए परेशान होना पड़ता है, जबकि कल्पना बंगले में निर्माण के लिए मैनेजर की पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिए बड़ी मात्रा में निर्माण सामग्री प्राप्त कर ली गई।
लोगों ने इसकी जांच की मांग की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। समाज के लोगों का कहना हैं कि मॉनिटरिंग कमेटी के लिए पूर्व की भांति किसी भी अधिकारी को कमेटी का चेयरमैन बनाया जाए।
कमेटी के अध्यक्ष के कथित पद दुरुपयोग की जांच की जाए। मूल निवासियों को टॉयलेट व बाथरूम निर्माण की स्वीकृति दी जाए। लोगों ने नगर पालिका पर भी पट्टे जारी करने में बड़ी अनियमितता की शिकायत की है।
उन्होंने कहा कि उपखंड अधिकारी की ओर से पूर्व अनुसार मरम्मत की प्रक्रिया पेश होने पर 15 दिन में मरम्मत की स्वीकृति दी जाए। ताकि, लोग घरों को सुरक्षित रख सकें। ग्राम पंचायत ओरिया के मूल निवासियों को पट्टा जारी करने की प्रक्रिया शुरू करने और टोकन जारी करने की मांग उठाई गई है।