महिला आरक्षण बिल: राजस्थान में कितनी होंगी लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की रिजर्व सीट? जानें पूरा गणित

राजस्थान में कितनी होंगी लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की रिजर्व सीट? जानें पूरा गणित
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केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने नई संसद की लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया है। पीएम मोदी ने इस बिल को नारी शक्ति अधिनियम नाम दिया है।

जयपुर | Women Reservation Bill:देश ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए मंगलवार को नवनिर्मित संसद भवन में अपनी पहली बैठक शुरू की। 

नई संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले संबोधन में कहा कि, ये महिलाओं के लिए इतिहास बनाने का समय है।

महिला आरक्षण पर काफी चर्चा हुई। जिसके बाद कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है। 

कई बार महिला आरक्षण बिल को सदन में पेश किया गया, लेकिन ईश्वर ने कई पवित्र कामों के लिए मुझे चुना है। 

पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारी सरकार महिला आरक्षण बिल लाएगी। इसका नाम होगा नारी शक्ति वंदन अधिनियम (Nari Shakti Vandan Adhiniyam)।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने नई संसद की लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया है। पीएम मोदी ने इस बिल को नारी शक्ति अधिनियम नाम दिया है। वहीं कांग्रेस और विपक्ष के नेता लोकसभा में हंगामा कर रहे हैं।

अगर संसद में ये बिल पास होता है तो देशभर की लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी और बढ़ जाएगी।

ऐसे में राजस्थान की लोकसभा और विधानसभा में भी महिलाओं की सीटें बढ़ेंगी। 

तो आइए जानते हैं राजस्थान की लोकसभा और विधानसभा में महिला सांसदों और विधायकों की संख्या कितनी होगी ?

लोकसभा में कितनी होंगी आरक्षित सीटें 

वर्तमान समय में राजस्थान में कुल 25 लोकसभा सीटें हैं। महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद महिलाओं के लिए 8 सीटें आरक्षित हो जाएंगी। 

ऐसे में राजस्थान की ओर से संसद में महिला सांसदों की संख्या और बढ़ जाएगी। वर्तमान में राजस्थान से 3 महिला सांसद हैं, ये तीनों ही भाजपा से हैं।

विधानसभा में कितनी होंगी आरक्षित सीटें ?

राजस्थान की विधानसभा में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में महिला आरक्षण बिल पास होते ही राजस्थान में महिला विधायकों का आंकड़ा बढ़ जाएगा और उनकी संख्या 66 हो जाएगी।

वर्तमान में राजस्थान में महिला विधायकों की संख्या 27 है। इनमें भाजपा की 10, कांग्रेस की 15, आरएलपी व अन्य की एक-एक महिला विधायक विधानसभा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रही है।

वहीं, महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद देश 543 लोकसभा सीटों में से महिला सांसदों की संख्या 179 हो जाएगी।

सबसे पहले किसने किया था पेश ?

आपको ये भी बता दें कि महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण विधेयक सबसे पहले 1996 में एचडी देवगौड़ा सरकार द्वारा पेश किया गया था। 

कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने 2008 में इस कानून को फिर से पेश किया। 

यह कानून 2010 में राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था, लेकिन लोकसभा में पारित नहीं हो सका था। इसके बाद 2014 में इसके विघटन के बाद यह समाप्त हो गया।

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