Highlights
- जिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और डीए 15000 रुपए से कम है, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
- इसके अलावा जो कर्मचारी 1 सितंबर 2014 या उससे पहले ईपीएफ के सब्सक्राइबर थे, वे भी आवेदन कर सकते हैं।
- इसके लिए आपको एम्प्लॉयर द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑप्शन एप्लीकेशन या ऑप्शन फॉर्म भरना होगा।
ज्यादा पेंशन पाने के लिए अब आप कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में योगदान बढ़वा सकते हैं। दरअसल, EPF में आपके और एम्प्लॉयर के योगदान से जमा फंड रिटायर होने के बाद ब्याज समेत आपको मिल जाता है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की जिम्मेदारी यहीं खत्म हो जाती है। जबकि ईपीएस के मामले में ऐसा नहीं होता।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि EPS में जमा अमाउंट पर्याप्त है या नहीं। ईपीएफओ आपको तब तक पेंशन देगा, जब तक आप जीवित रहेंगे।
यही नहीं आपकी मौत के बाद भी आपके जीवनसाथी को 50 प्रतिशत पेंशन मिलती रहेगी।
इसके अलावा अगर आपके जीवनसाथी की भी मौत हो जाती है तो आपका बच्चा भी 25 की उम्र तक 25 प्रतिशत पेंशन पाने का हकदार होगा।
ज्यादा पेंशन के लिए आवेदन करने का क्या होगा असर?
अगर आपकी सैलरी 15000 रुपये है तो आपके वेतन का 8.33 प्रतिशत के बराबर हिस्सा आपकी कंपनी पेंशन फंड में जमा कराती है। बाकी 3.67 प्रतिशत पीएफ में जाता है।
अब अगर आपने ज्यादा पेंशन के लिए आवेदन किया तो पीएफ में आपकी कंपनी के योगदान का आधा हिस्सा पेंशन फंड में जाएगा। यानि पीएफ में कंपनी के योगदान का घटकर 1.835 प्रतिशत रह जाएगा।
इन स्थितियों में नुकसानदेह हो सकता है ज्यादा पेंशन की मांग का फैसला
जिनके रिटायर होने में कम साल बचे हैं। उन्हें PF के चक्रवृद्दि ब्याज के तौर पर बड़ा नुकसान हो सकता है।
ऐसे लोग जिनके वेतन में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही, उन्हें भी अधिक पेंशन के लिए आवेदन से ज्यादा फायदे की संभावना नहीं है।
वहीं जो लोग अधिक टैक्स स्लैब के दायरे में आते हैं उन्हें भी ज्यादा पेंशन की डिमांड का विकल्प नहीं चुनना चाहिए।
कौन कर सकता है अधिक पेंशन के लिए आवेदन?
जिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और डीए 15000 रुपए से कम है, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
इसके अलावा जो कर्मचारी 1 सितंबर 2014 या उससे पहले ईपीएफ के सब्सक्राइबर थे, वे भी आवेदन कर सकते हैं।
इसके लिए आपको एम्प्लॉयर द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑप्शन एप्लीकेशन या ऑप्शन फॉर्म भरना होगा।