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पंकज सिंह घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते थे, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय चयनकर्ताओं द्वारा नोटिस किए जाने में थोड़ा समय लगा। उन्हें आखिरकार 2010 में मौका मिला जब उन्हें श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में बुलाया गया। हालांकि, उन्हें उस सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला था।
पंकज सिंह भारतीय घरेलू क्रिकेट में वो नाम है जिनकी जिनकी गेंदबाजी का एक दौर में खौफ था- पंकज सिंह की तेज रफ़्तार ने अपने दौर के हर बल्लेबाज को परेशान किया. रणजी क्रिकेट में रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाने वाले पंकज सिंह को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मौका मिला लेकिन वहां उनका किस्मत ने कम साथ दिया.
मूलत यूपी में जन्मे पंकज सिंह लम्बे समय तक राजस्थान के लिए क्रिकेट खेले और राजस्थान की टीम के कप्तान भी रहे. पंकज सिंह ने आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए गेंदबाजी की है.
एक लम्बी क्रिकेट के बाद पंकज सिंह ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया और अभी वे जयपुर में एक क्रिकेट अकेडमी चलाते हैं.
पंकज सिंह एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने टेस्ट और एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय दोनों में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेला। 6 मई, 1985 को मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश में जन्मे पंकज सिंह ने एक युवा खिलाड़ी के रूप में अपनी क्रिकेट यात्रा शुरू की।
उन्होंने 2003 में 18 साल की उम्र में राजस्थान के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया और जल्दी ही एक प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज के रूप में खुद को स्थापित कर लिया।
कैरियर का आरंभ
पंकज सिंह का शुरुआती करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा। उन्होंने 2004-05 सीज़न में रणजी ट्रॉफी की शुरुआत की और 2010-11 सीज़न में राजस्थान के सफल अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उस सीज़न में, उन्होंने आठ मैचों में 47 विकेट लिए, जिससे राजस्थान को अपना पहला रणजी ट्रॉफी खिताब जीतने में मदद मिली। वह उस सीज़न में राजस्थान के लिए अग्रणी विकेट लेने वाले खिलाड़ी थे ।
राष्ट्रीय टीम चयन
पंकज सिंह घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते थे, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय चयनकर्ताओं द्वारा नोटिस किए जाने में थोड़ा समय लगा। उन्हें आखिरकार 2010 में मौका मिला जब उन्हें श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में बुलाया गया। हालांकि, उन्हें उस सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला था।
उन्हें फिर से बुलाए जाने से पहले तीन साल और इंतजार करना पड़ा, इस बार 2013 में जिम्बाब्वे के दौरे के लिए। उन्होंने श्रृंखला के तीसरे एकदिवसीय मैच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और उस मैच में 0 विकेट लिए।
पंकज सिंह का टेस्ट डेब्यू
पंकज सिंह के अंतरराष्ट्रीय करियर में एक बड़ा मोड़ आया जब उन्हें 2014 में इंग्लैंड के दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया। उन्होंने ओल्ड ट्रैफर्ड में श्रृंखला के चौथे टेस्ट में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया।
उन्होंने अपने 2nd टेस्ट में अच्छी गेंदबाजी की और दो विकेट लिए, जिसमें इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक का विकेट भी शामिल था।
गेंदबाजी की शैली
पंकज सिंह दाएं हाथ के तेज-मध्यम गेंदबाज थे, जो बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए स्विंग और सीम मूवमेंट पर निर्भर थे।
वह अपनी गति और सटीकता खोए बिना लंबे स्पैल फेंकने की क्षमता के लिए जाने जाते थे।
उसके पास अच्छी बाउंसर थी और जरूरत पड़ने पर वह अच्छी गति उत्पन्न कर सकते थे।
ऑफ द फील्ड
पंकज सिंह सितंबर 2018 में क्रिकेट के सभी रूपों से retire हुए। उन्हें 2020 में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के लिए राजस्थान रॉयल्स टीम के गेंदबाजी कोच के रूप में नियुक्त किया गया था। वह राजस्थान में युवा क्रिकेटरों के लिए एक कोच और सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं।
पंकज सिंह का अंतर्राष्ट्रीय करियर भले ही छोटा रहा हो, लेकिन उन्हें हमेशा एक प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट की विशिष्टता के साथ सेवा की।
घरेलू क्रिकेट में उनकी निरंतरता और सटीकता उल्लेखनीय थी, और उन्होंने 2010-11 में राजस्थान की रणजी ट्रॉफी खिताबी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एक कोच और संरक्षक के रूप में, वह राजस्थान में अगली पीढ़ी के क्रिकेटरों के लिए अपने ज्ञान और अनुभव को आगे बढ़ा रहे हैं।