20 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप: अब सांसद किरोड़ी लाल के निशाने पर PHED मंत्री महेश जोशी और एसीएस सुबोध अग्रवाल

अब सांसद किरोड़ी लाल के निशाने पर PHED मंत्री महेश जोशी और एसीएस सुबोध अग्रवाल
Kirodi lal meena
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सांसद मीणा ने सोमवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए राजस्थान में जल जीवन मिशन के तहत पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल और पीएचईडी मंत्री महेश जोशी के खिलाफ बीस हजार करोड के घोटालों का गंभीर आरोप लगाया है।  

जयपुर । राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी लगातार गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर हावी होती दिख रही है। 

राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने एक बार फिर से गहलोत सरकार के मंत्री को घेरते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। 

सांसद मीणा ने सोमवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए राजस्थान में जल जीवन मिशन के तहत पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल और पीएचईडी मंत्री महेश जोशी के खिलाफ बीस हजार करोड के घोटालों का गंभीर आरोप लगाया है।  

डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के खिलाफ संबंधित पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई जायेगी एवं इसके बाद सीवीसी के नोडल अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग करेंगे।

आपको बता दें कि, हाल ही में सांसद मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और उनकी पत्नी पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

मीणा ने कहा कि पीएचईडी विभाग द्वारा प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत अपनी चहेती दो फर्मों गणपति ट्यूबवैल कंपनी शाहपुरा और श्री श्याम ट्यूबवैल कंपनी शाहपुरा को विगत दो वर्षों में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर एक हजार करोड़ से अधिक के टेंडर जारी किए हैं। 

इन दोनों फर्मों ने भारत सरकार के उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फोरमेट की नकल करके उसी पर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र तैयार करवाए, और इसी के आधार पर पीएचईडी विभाग से कार्यआदेश प्राप्त कर लिए। 

इसमें अकेले गणपति ट्यूबवैल कंपनी ने दो वर्षों में 900 करोड के कार्यआदेश पीएचईडी अधिकारियों से मिलीभगत के आधार पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त किए हैं। 

इस संदर्भ में इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ने 22 मार्च 2023 और 6 अप्रैल 2023 को पीएचईडी विभाग के अधिकारियों को ई-मेल के द्वारा इस फर्जीवाडे के बारे में सूचित किया, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई।

वहीं इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ने विगत 7 जून 2023 को  अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल को भी पत्र लिखकर इस  मामले की जानकारी दी लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

इस मामले के पूर्व के तथ्यों पर नजर डालने पर पता चला कि विगत 6 अक्टूबर 2021 से 24 नवंबर 2022 के मध्य 11 विभिन्न कार्यों के लिए 48 निविदाएं आमंत्रित की गई थी। 

जिनका कुल मूल्य लगभग दस हजार करोड था। इस दौरान नियमों की अवहेलना करते हुए निविदा प्रीमीयम और राज्य के  हिस्से की राशी को कम करने के उद्देश्य से प्रमुख परियोजना के 27 जलजीवन मिशन कार्यों की पेशकश री-बिड पर बातचीत करने का स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है। जिसमें निविदा प्रीमियम नियमानुसार 10 फीसदी से अधिक पाए गए। 

इसके अलावा इन सभी संविदाओं में किसी तरह का कोई मोलभाव नहीं किया गया। 

उक्त सभी निविदाओं में बिड से पहले  साईट विजिट का प्रावधान रखा गया था। जिससे कि बिड करने वाली फर्मों को पूलिंग का मौका मिल गया। 

इन दोनों फर्मों को पूलिंग के चलते लागत तीस से चालीस प्रतिशत तक बढाने का मौका मिल गया, इस तथ्य को पीएचईडी विभाग की फाईनेंस कमेटी ने स्वीकृत भी कर दिया। 

इस दौरान यह भी सामने आया कि कई परियोजनाओं को पूरा करने की निर्धारित समय सीमा वर्ष 2025 तक है जो कि जल जीवन मिशन के दिशा निर्देशों का उल्लंघन है, क्योंकि समय सीमा के समाप्त होने के बाद परियोजनाओं को केंद्र से मिलने वाला अंश नहीं मिलेगा एंव परियोजनाओं का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा ही वहन किया जाएगा। 

इन सभी के चलते परियोजनाओं के पूर्ण होने में अनावश्यक देरी हो रही है, जिससे कि जल जीवन मिशन के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो पा रही है एंव प्रदेश की आठ करोड जनता को उसका खामियाजा भुगतना पड रहा है।

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