Highlights
- अब तक 12 मुस्लिम को टिकट
- उम्मीदवारों में 7 ओर महिला, अब तक कुल 20 महिलाएं
- कांग्रेस ने जारी की अब तक 5 सूचियां
- 8 विधायक 70 वर्ष पार
- बाड़मेर के शिव से दसवीं बार टिकट लाए 85 वर्षीय अमीन खां
Jaipur/Rajasthan
कांग्रेस ने मंगलवार को प्रदेश की 61 विधानसभा सीटों (Rajasthan Vidhansabha seats) पर उम्मीदवार घोषित कर दिए। इसमें 8 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। वहीं एक मंत्री सहित 14 विधायकों को फिर उम्मीदवार बनाया है। फिर मौका मिलने वालों में मंत्री सालेह मोहम्मद सहित 10 कांग्रेस विधायकों के अलावा 2 बसपा से कांग्रेस में आए और 2 निर्दलीय शामिल हैं।
टिकट कटने वालों में 6 कांग्रेस विधायकों (Congress MLA) के अलावा तिजारा से बसपा विधायक संदीप यादव और गंगानगर के निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड का टिकट काटा गया है। अब तक कांग्रेस अपने 102 विधायकों में से 77 विधायकों को फिर से टिकिट दे चुकी है।
इसी तरह 9 निर्दलीय और 4 बसपा से आए विधायकों को भी सियासी संकट में साथ देने की एवज में टिकट देकर उपकृत किया जा चुका है। कांग्रेस अब तक 200 में से 156 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।
सूची में 7 महिला और 5 मुस्लिम भी शामिल हैं, वहीं करीब 35 नए चेहरे शामिल किए गए हैं। वे पहले झारखंड से सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं।
बसपा से कांग्रेस में आए नदबई विधायक जोगेन्द्र अवाना और किशनगढ़बास बास विधायक दीपचंद खौरिया को भी कांग्रेस ने टिकट दिया है। इसी तरह थानागाजी से निर्दलीय विधायक कांति प्रसाद मीणा और खंडेला विधायक महादेव सिंह खंडेला को टिकट दिया है।
- टिकिट कटने वालों में 1 बसपा और 1 निर्दलीय भी शामिल है।
- 10 कांग्रेस विधायकों के साथ 2 बसपा व 2 निर्दलीय को भी टिकट
- 102 विधायकों में से अब तक 77 को दे चुके टिकट
मंत्री सालेह मोहम्मद को टिकट, धारीवाल, जोशी और राठौड़ पर निर्णय अटका
मंत्री सालेह मोहम्मद को टिकट मिल गया है लेकिन कोटा उत्तर से शांति धारीवाल, हवामहल से महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ पर अब तक कोई निर्णय नहीं किया है।
पिछले साल सितंबर को विधायक दल की बैठक के समानांतर बैठक कर पार्टी का अनुशासन तोड़ने के लिए इन तीनों नेताओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
माना जा रहा है कि आलाकमान की नाराजगी के चलते इन तीनों को टिकट मिलने पर संशय की स्थिति बनी हुई है। इनके अलावा मंत्री हेमाराम चौधरी और लालचंद कटारिया चुनाव लड़ने से इंकार कर रहे हैं और जाहिदा खान का भारी विरोध है।
एक मंत्री व 13 विधायक, जिन्हें टिकट मिला।
कांग्रेस ने 13 विधायकों को मैदान में उतारा है। इनमें मंत्री सालेह मोहम्मद के अलावा दीपेंद्र सिंह शेखावत, अमर सिंह जाटव, इंदिरा मीणा, प्रशांत बैरवा,पदमाराम,नगराज मीणा, राजेंद्र सिंह बिधुड़ी,अमीन खान,रूपाराम मेघवाल शामिल हैं। वहीं बसपा से आए दीपचंद खैरिया,जोगेंद्र सिंह अवाना और निर्दलीय विधायक महादेव सिंह खंडेला वा कांति प्रसाद मीणा को टिकट दिया है।
Highlights
- अब तक 12 मुस्लिम को टिकट
- उम्मीदवारों में 7 ओर महिला, अब तक कुल 20 महिलाएं
- कांग्रेस ने जारी की अब तक 5 सूचियां
- 8 विधायक 70 वर्ष पार
- बाड़मेर के शिव से दसवीं बार टिकट लाए 85 वर्षीय अमीन खां
अबकी बार बसपा का उम्मीदवार ही ले उड़े
कांग्रेस पहले दो बार बसपा के विधायकों को तोड़कर पार्टी में शामिल कर चुकी हैं। लेकिन इस बार तो बसपा का प्रत्याशी ही ले उड़े।
अलवर जिले के तिजारा से कांग्रेस ने इमरान खान को उम्मीदवार बनाया है। जबकि कुछ दिनों पहले बसपा ने इमरान खान को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
इन विधायकों के टिकट कटे
कांग्रेस की पहले आई तीन सूचियों में दो कांग्रेस विधायकों के टिकट काटे गए थे, लेकिन उनके परिवार में ही दिए गए। अब 6 और कांग्रेस विधायकों के टिकट काटे गए हैं। इसके अलावा 1 बसपा और 1 निर्दलीय विधायक का टिकट कटा है।
बसपा से कांग्रेस में आए तिजारा विधायक संदीप यादव की जगह मुस्लिम चेहरे के रूप में इमरान खान को टिकट दिया है। कांग्रेस विधायकों में सांगोद से भरतसिंह कुंदनपुर,हिण्हौन से भरोसीलाल जाटव,राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से जौहरी लाल मीणा,कठूमर विधायक बाबूलाल बैरवा,बिलाड़ा से हीरालाल और सचिन पायलट के नजदीकी बसेड़ी विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा का टिकट कटा है।
इन 15 विवादित सीटों पर निर्णय बाकि
सीईसी (CEC Meeting) की तीन बैठकों के बाद भी करीब 15 सीटों पर उम्मीदवारों का विवाद नहीं सुलझ सका है। इनमें मंत्री शांति धारीवाल,महेश जोशी व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ की सीटें भी शामिल हैं।
इन सीटों पर अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे निर्णय लेंगे। जानकारी के मुताबिक, होल्ड पर रखी गई सीटों में झोटवाड़ा, पीपल्दा,लाडपुरा,कामां,नागौर, झालरापाटन की सीटें भी बताई जा रही हैं।
इन सीटों पर निर्णय लेने के लिए सीईसी ने खरगे को अधिकृत कर दिया है। बताया जा रहा है कि इन सीटों पर निर्णय राहुल गाँधी की गैरमौजूदगी के चलते नहीं लिया गया।