कांग्रेस का रणनीतिक बदलाव: लोकसभा चुनाव में पंजाब और गुजरात से प्रत्याशी लाने की तैयारी में कांग्रेस, अगली सूची में नाम चौंका सकती है पार्टी

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श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ सीट के लिए चन्नी को नामांकित करने के पीछे का तर्क क्षेत्र में दलित और सिख जनसांख्यिकी के महत्व को पहचानते हुए,  चन्नी को एक शक्तिशाली ताकत के रूप में देखते हैं जो महत्वपूर्ण वोट बैंक जुटाने में सक्षम है। हालाँकि, पार्टी के भीतर असहमति की आवाज़ें स्थानीय नेताओं की संभावित प्रतिक्रिया और श्रीगंगानगर में बाहरी लोगों के प्रति ऐतिहासिक नाराजगी के के प्रति आगाह करती हैं। इसी सीट पर विधायक के तौर पर खड़े भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री होने के बावजूद तीसरे नम्बर पर खिसका दिए गए थे।


जयपुर। एक आश्चर्यजनक कदम में, कांग्रेस पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों के लिए एक नई रणनीति के साथ तैयार हो रही है, जो कई निर्वाचन क्षेत्रों में नए और अप्रत्याशित उम्मीदवारों को पेश करने की नजर से नया प्रयोग है। यह प्रयोग राजस्थान में किस तरह सफल होगा, यह देखने वाली बात होगी। हम बात कर रहे हैं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और गुजरात के नेता जिग्नेश मेवाणी की क्रमश: गंगानगर और जयपुर सीट पर दावेदारी। बड़ा सवाल है कि क्या राजस्थान में कांग्रेस का यह प्रयोग सफल होगा।

पिछले चुनावों के विपरीत, जहां टिकट आवंटन में परिचित नामों का दबदबा था, इस बार कांग्रेस पार्टी बदलाव को अपनाने के लिए इच्छुक दिख रही है। 

विचाराधीन उल्लेखनीय नामों में, पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ सीट के लिए और गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी हैं, जिनकी नजर जयपुर निर्वाचन क्षेत्र पर है। 

श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ सीट के लिए चन्नी को नामांकित करने के पीछे का तर्क क्षेत्र में दलित और सिख जनसांख्यिकी के महत्व को पहचानते हुए,  चन्नी को एक शक्तिशाली ताकत के रूप में देखते हैं जो महत्वपूर्ण वोट बैंक जुटाने में सक्षम है। हालाँकि, पार्टी के भीतर असहमति की आवाज़ें स्थानीय नेताओं की संभावित प्रतिक्रिया और श्रीगंगानगर में बाहरी लोगों के प्रति ऐतिहासिक नाराजगी के के प्रति आगाह करती हैं। इसी सीट पर विधायक के तौर पर खड़े भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री होने के बावजूद तीसरे नम्बर पर खिसका दिए गए थे।

इसी तरह, जयपुर में जिग्नेश मेवाणी को मैदान में उतारने का विकल्प पार्टी की रणनीतिक गणना का उदाहरण है। गुजरात के नेता और दलित कार्यकर्ता के रूप में मेवाणी के कद का लाभ उठाकर, कांग्रेस का लक्ष्य धारणाओं को नया आकार देना और चुनावी कथानक में गति बनाए रखना है। फिर भी, नए क्षेत्र जयपुर में जमीनी स्तर पर समर्थन हासिल करने की मेवाणी की क्षमता पर संदेह बना हुआ है।


लोकसभा चुनावों में कांग्रेस इस बार ज्यादातर सीटों पर नए और चौंकाने वाले चेहरों को टिकट देने जा रही है। आज होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) के सामने ज्यादातर नए नाम रखे जाने हैं।

पिछली बार के उम्मीदवारों को मौका मिलने की संभावना नहीं है। आज सीईसी के बाद कांग्रेस कभी भी टिकटों की घोषणा कर सकती है।

मंगलवार को कांग्रेस सीईसी की बैठक में राजस्थान के उम्मीदवारों पर चर्चा नहीं हो सकी थी, इसलिए आज राजस्थान पर चर्चा होगी। दो सीटों पर पड़ोसी राज्यों के नेताओं को उम्मीदवार बनाए जाने पर विचार चल रहा है।

श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ सीट पर पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और जयपुर से दलित नेता और गुजरात वडगाम के विधायक जिग्नेश मेवानी का नाम भी सीईसी में रखा जाएगा।

इन दोनों सीटों पर इनके अलावा स्थानीय नेताओं के भी नाम हैं। सीईसी की हरी झंडी के बाद ही चन्नी और मेवाणी पर फैसला होगा। श्रीगंगानगर सीट दलित बाहुल्य सीट है। चन्नी कांग्रेस का प्रमुख दलित चेहरा हैं। पंजाब से सटी लोकसभा सीट होने के कारण चन्नी का नाम सुझाया गया है।


कोटा से गुंजल, बाड़मेर से उम्मेदाराम का नाम पैनल में
कोटा सीट पर बीजेपी से नाराज चल रहे नेता प्रहलाद गुंजल को टिकट देने का फैसला हो चुका है। गुंजल की कांग्रेस में एंट्री होते ही कोटा का टिकट घोषित हो जाएगा। गुंजल के नाम पर सीईसी में फैसला होगा। आरएलपी से कांग्रेस में शामिल हुए उम्मेदाराम बेनीवाल का बाड़मेर से पैनल में नाम है। उनके नाम पर भी आज सीईसी में चर्चा होगी।

पांच विधायकों को लोकसभा टिकट देने पर विचार
कांग्रेस लोकसभा उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में भी विधायकों को टिकट देने की संभावना है। पहली लिस्ट में तीन विधायकों को टिकट दिए गए थे। सीईसी में पांच सीटों पर विधायकों के नाम रखे जाएंगे।

विधायक विद्याधर सिंह चौधरी और मनीष यादव का जयपुर ग्रामीण से पैनल में नाम है। विधायक विकास चौधरी का अजमेर से, मुरारीलाल मीणा का दौसा से, अनिता जाटव का करौली-धौलपुर से और सुदर्शन सिंह रावत का नाम राजसमंद सीट से पैनल में है। गुजरात के कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी का नाम जयपुर से पैनल में है।

नागौर, सीकर और बांसवाड़ा सीटों पर गठबंधन करने या नहीं करने पर आज फैसला
नागौर और सीकर सीटों पर पहले फेज में चुनाव होने हैं। कांग्रेस में इन दोनों सीटों पर अब भी गठबंधन को लेकर चर्चा चल रही है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत को छोड़कर ज्यादातर नेता गठबंधन के पक्ष में नहीं है। नागौर सीट पर हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से और सीकर सीट पर सीपीएम से गठबंधन को लेकर चर्चा चल रही है।

सीईसी में तय हो जाएगा कि गठबंधन होगा या नहीं। पिछली सीईसी में इस पर फैसला टल गया था। गठबंधन नहीं होने की ​हालत में नागौर और सीकर से नए चेहरों को टिकट दिया जाएगा। नागौर से वीरेंद्र चौधरी, जस्साराम चौधरी, हरेंद्र मिर्धा के नाम पैनल में हैं, जबकि सीकर से सीताराम लांबा का नाम पैनल में है। बांसवाड़ा सीट पर बीएपी से गठबंधन को लेकर चर्चा चल रही है। यहां से कांग्रेस ने विधायक अर्जुन बामणिया का नाम पैनल में रखा है।

पहले फेज की 12 में से 6 सीटों पर उम्मीदवार बाकी
पहले फेज में 12 और दूसरे फेज में 13 सीटों पर चुनाव होने हैं। कांग्रेस पहले फेज की 6 और दूसरे फेज की 4 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है। अभी 15 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा होना बाकी है। पहले फेज की 6 सीटों- जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, करौली-धौलपुर, नागौर और सीकर में उम्मीदवारों की घोषणा बाकी है। दूसरे फेज में पाली, बाड़मेर, राजसमंद, अजमेर, भीलवाड़ा, उदयपुर, बांसवाड़ा-डूंगरपुर, कोटा, झालावाड़-बारां सहित 9 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा होनी है।

पहले फेज में जिन सीटों पर चुनाव होंगे उनमें अलवर, भरतपुर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। दूसरे फेज की जोधपुर, जालोर-सिरोही, चित्तौड़गढ़ और टोंक-सवाईमाधोपुर सीटों पर घोषणा हो चुकी है।

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