सीएम गहलोत का ट्रम्प कार्ड: चुनावों से पहले राजस्थान को मिले 3 नए संभाग, जानें कौन-कौन से जिले होंगे शामिल

चुनावों से पहले राजस्थान को मिले 3 नए संभाग, जानें कौन-कौन से जिले होंगे शामिल
Ashok Gehlot
Ad

Highlights

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने चुनावी ट्रम्प कार्ड खेलते हुए एक बार फिर से अपनी जादूगरी दिखाई है। शुक्रवार को राजधानी जयपुर में सीएम गहलोत ने कैबिनेट की अहम बैठक बुलाई। जिसमें 19 नए जिलों के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। इसके साथ ही प्रदेश को 3 नए संभाग भी दिए गए। 

जयपुर | राजस्थान में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने चुनावी ट्रम्प कार्ड खेलते हुए एक बार फिर से अपनी जादूगरी दिखाई है।

शुक्रवार को राजधानी जयपुर में सीएम गहलोत ने कैबिनेट की अहम बैठक बुलाई। जिसमें 19 नए जिलों के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। इसके साथ ही प्रदेश को 3 नए संभाग भी दिए गए। 

कैबिनेट की मुहर लगने के बाद अब राजस्‍थान में कुल 50 जिले और 10 संभाग हो गए हैं। 

बता दें कि, राजस्‍थान में लंबे समय से नए जिले बनाने की मांग उठ रही थी। ऐसे में बजट 2024 के दौरान सीएम गहलोत ने प्रदेश में 19 नए जिलों की घोषणा की थी।

अब चुनावी माहौल के बीच गहलोत सरकार ने आज इन जिलों को फाइनल करते हुए इस पर मुहर भी लगा दी है।

प्रदेश को मिले 3 नए संभाग

राजस्थान को तीन 3 संभागों की घोषणा के बाद अब संभागों की संख्या 10 हो गई है।

नए बनाए गए 3 संभागों में सीकर, पाली, बांसवाड़ा के नाम शामिल है। 

इनमें कौन-कौन से जिले आएंगे ?

प्रदेश को मिले 3 नए संभागों में इन जिलों को शामिल किया गया है।

सीकर संभाग -  इस संभाग में सीकर समेत झुंझुनूं, चूरू और नया बनाया गया जिला नीमकाथाना शामिल होंगे। 

पाली संभाग - इस संभाग में पाली समेत जालोर, सिरोही और नया बनाया गया जिला सांचौर शामिल हैं।

बांसवाड़ा - इस संभाग में बांसवाड़ा समेत डूंगरपुर और प्रतापगढ़ शामिल किए गए हैं।

राजस्थान का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किमी है जो कि देश का 10.41% है और क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का देश में प्रथम स्थान है। इससे पहले तक राजस्थान में कुल 7 संभाग थे। जिन्हें 33 जिलों में विभाजित किया गया था, लेकिन अब 19 जिले और बनने के बाद जिलों की संख्या 50 और संभागों की संख्या 10 हो गई है। 

राजस्थान में संभागीय व्यवस्था की शुरूआत 1949 में

राजस्थान में संभागीय व्यवस्था की शुरूआत 1949 में हीरालाल शास्त्री सरकार द्वारा की गई।अप्रैल, 1962 में मोहनलाल सुखाडि़या सरकार के द्वारा संभागीय व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया।

15 जनवरी, 1987 में हरि देव जोशी सरकार के द्वारा संभागीय व्यवस्था की शुरूआत दुबारा की गई। 1987 में राजस्थान का छठा संभाग अजमेर को बनाया गया।

यह जयपुर संभाग से अलग होकर नया संभाग बना। 4 जून, 2005 को राजस्थान का 7 वां संभाग भरतपुर को बनाया गया।

Must Read: क्या सचिन पायलट के आरोपों के बाद आज अशोक गहलोत देंगे जवाब

पढें राजस्थान खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें thinQ360 App.

  • Follow us on :