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पुष्कर के पवित्र सरोवर में परमपिता ब्रह्मा जी की कमल पर विराजमान हुए मूर्ति लगाई जाएगी। साथ ही श्रीराम द्वारा पिता दशरथ जी की अस्थि विसर्जन की प्रतिमा भी लगाई जाएगी। ये सभी कार्य एनडीए और नवगठित विकास प्राधिकरण की देखरेख में किए जाएंगे।
अजमेर | राजस्थान सरकार ने देश में परमपिता ब्रह्मा जी के एकमात्र तीर्थ स्थल और तीर्थों के तीर्थ ’पुष्कर’ की कायाकल्प करने का फैसला किया है।
ऐसे में धार्मिक नगरी पुष्कर का अयोध्या, उज्जैन और काशी की तर्ज पर सौन्दर्यीकरण किया जाएगा।
सरकार ने इस विकास परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
सरोवर में लगेगी कमल पर विराजमान ब्रह्मा जी की मूर्ति
इस विकास योजना के अर्न्तगत प्रजापिता ब्रह्मा और भगवान श्रीराम की मूर्तियों की स्थापना के साथ-साथ क्षेत्र में घाटों और गलियों का सौंदर्यीकरण भी शामिल है।
पुष्कर के पवित्र सरोवर में परमपिता ब्रह्मा जी की कमल पर विराजमान हुए मूर्ति लगाई जाएगी। साथ ही श्रीराम द्वारा पिता दशरथ जी की अस्थि विसर्जन की प्रतिमा भी लगाई जाएगी।
ये सभी कार्य एनडीए और नवगठित विकास प्राधिकरण की देखरेख में किए जाएंगे। सरकार की इस योजना को जल्द ही मूर्त रूप में उतारा जाएगा।
इस योजना के तहत बृज के चौरासी मार्ग की तहर 24 कोसिया परिक्रमा मार्ग का भी सुधार किया जाएगा।
जिसके अन्तर्गत मार्ग में आगंतुकों के बैठने के लिए बेंच, संगीत सुनने के लिए स्पीकर, शुद्ध हवा के लिए पेड़-पौधे और फूल लगाए जाएंगे।
धार्मिक ग्रंथ पढ़ने वालों के लिए पुस्तकालय और पेयजल की व्यवस्था भी होगी। मार्ग के किनारे रेत और पत्थर की नक्काशी, साइनबोर्ड के साथ लगाए जाएंगे और हरी घास लगाई जाएगी।
हर रोज झिलमिलाएंगे सवा लाख दीपक
पुष्कर सरोवर पर बने 52 घाटों का भी स्वरूप निखारा जाएगा। सरोवर के 52 घाटों पर हर रोज सवा लाख दीप झिलमिलाते दिखाइ देंगे।
इसके लिए विशेष एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल किया जाएगा। जिसे सोलर पावर पैनल और बिजली कनेक्शन से जुड़ा जाएगा।
इसी के साथ झील के चारों ओर करौली, जोधपुर और धौलपुर के पत्थरों से बना एक विशेष गलियारा बनाया जाएगा, जिसमें धनुषाकार खंभे राजस्थान की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे।
घाटों पर श्रद्धालुओं के आगमन को आसान बनाने के लिए समान ऊंचाई के पत्थर लगाए जाएंगे।
सरकार इस सौन्दर्यीकरण के माध्यम से धार्मिक नगरी पुष्कर की छटा तो बदलेगी ही साथ ही यहां पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
पौराणिक मूर्तियों की स्थापना और साइट में सुधार से क्षेत्र में एक नई धार्मिक झलक देखने को मिलेगी।