अशोक गहलोत पर निशाना: पायलट बोले -पटवारी पर छापा मारने के लिए नहीं मांगे थे वोट

पायलट बोले  -पटवारी पर छापा मारने के लिए नहीं मांगे थे वोट
झारखंड महादेव मंदिर के बाहर मीडियाकर्मियों से मुखातिब सचिन पायलट
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Highlights

  • पायलट ने कहा -25 सितंबर को जो कुछ हुआ ,वह सबके सामने है। सोनिया गांधी के आदेशों की खुलेआम अवहेलना हुई ,खड़गे साहब और माकन की खुलेआम बेईज्जती की गयी। "
  • रंधावा पर तंज कसते हुए पायलट ने कहा कि पाती विरोधी गतिविधि तो वह थी ,जिस पर कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू हुई फिर थम गयी। सवाल उस पर भी उठेंगे ,लेकिन इसका जवाब मेरे पास नहीं।
  • सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के संकट मोचक माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री महेश जोशी पर भी निशाना साधा। पायलट ने कहा कि मौत से पहले दिया गया बयान कोर्ट में मान्य होता है। जांच तो होनी ही चाहिए।

Jaipur | "सचिन पायलट मेहनती हैं। पब्लिक अपील रखते हैं। जहाँ जाते हैं ,भीड़ उनके पीछे होती है। लेकिन वह न तो अशोक गहलोत की तरह चतुर हैं और न ही वसुंधरा राजे की तरह बहादुर।"यह टिप्पणी बीते दिनों आपसी बातचीत में एक राजनेता ने उस वक्त की ,जब सचिन पायलट के संभावित फैसले पर पत्रकारों और करीबियों से उनकी अनौपचारिक चर्चा हो रही थी।

इस राजनेता को कोफ़्त इस बात पर थी कि पायलट उस गाँधी परिवार पर भरोसा कर रहे हैं, जिसने शरद पंवार, ममता बनर्जी और जगन रेड्डी जैसे सम्भावना वाले नेताओं को महज इसलिए खो दिया, क्योंकि वह जनाधार रखते थे और गाँधी परिवार की हाँ में हाँ मिलाने को तैयार नहीं थे।

पायलट के बदलते तैवर 
 
लगता है पायलट को उनके प्रति बन रही इस राय का अहसास है और गाँधी परिवार के सोचने के अंदाज़ पर भी उनकी अपनी राय स्पष्ट है। इसलिए इन दिनों वह बहादुरी से पार्टी में अपने विरोधी अशोक गहलोत पर  वार भी कर रहे हैं और चालाकी से ऐसा मौका भी नहीं दे रहे कि पार्टी हाईकमान किसी बहाने से उनके खिलाफ कार्रवाई भी कर सके।

सचिन पायलट ने रविवार को जयपुर के झाड़खंड महादेव मंदिर में शिव अभिषेक किया और बाद में मीडिया से बातचीत में एक बार फिर इशारों-इशारों में अशोक गहलोत सरकार को निशाने पर भी ले लिया।

पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में हुए भ्र्ष्टाचार पर एक्शन के बहाने पायलट ने सीएम अशोक गहलोत पर एक बार फिर हमला बोला। सचिन पायलट ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए हमने पटवारी या अधिकारी पर छापे मारने के लिए वोट नहीं मांगे थे। 

रंधावा पर तंज ,रिपोर्ट मंत्री विधायकों के आरोप पर भी हो 

पायलट ने कहा कि अनशन पार्टी के हित में था लेकिन अनशन के दो सप्ताह बाद भी सरकार ने कार्रवाई नहीं की। गौरतलब है कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और एआईसीसी महासचिव सुखजिंदर सिंह रंधावा

पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी करार दे चुके हैं वहीं अशोक गहलोत पायलट के आरोपों के जवाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ राजस्थान में हुई कार्रवाइयां  गिना चुके हैं।

पायलट ने साढ़े हुए अंदाज़ में रविवार को पार्टी के राजस्थान प्रभारी रंधावा को भी आड़े हाथ लिया। सुखजिंदर सिंह रंधावा पर तंज कसते हुए पायलट ने कहा -'रंधावा साहेब संजीदा और समझदार व्यक्ति हैं।

वह बाकी सब रिपोर्ट दे रहे हैं तो यह रिपोर्ट भी बनानी चाहिए कि हमारे मंत्री ,विधायकों पर कई तरह के लगे आरोपों से पार्टी और सरकार की छवि को ठेस लग सकती है। " पायलट ने कहा कि रंधावा को इसका संज्ञान लेकर खड़गे साहव और एआईसीसी के नेताओं तक पहुँचाना चाहिए ताकि कार्रवाई करें। 

खड़गे की  बेइज्जती,सोनिया का अपमान    

पायलट ने 25 सितम्बर को राजस्थान में विधायक दल की बैठक के समानांतर हुई बैठक भी इशारों -इशारों में याद दिलाई। पायलट ने कहा -25 सितंबर को जो कुछ हुआ ,वह सबके सामने है। सोनिया गांधी के आदेशों की खुलेआम अवहेलना हुई ,खड़गे साहब और माकन की खुलेआम बेईज्जती की गयी। "

रंधावा पर तंज कसते हुए पायलट ने कहा कि पाती विरोधी गतिविधि तो वह थी ,जिस पर कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू हुई फिर थम गयी। सवाल उस पर भी उठेंगे ,लेकिन इसका जवाब मेरे पास नहीं। 

पायलट ने 25 सितंबर की घटना को कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गाँधी के खिलाफ बगावत बताया। पायलट ने कहा -जो विद्रोह हुआ था ,वह  पब्लिक डोमेन में है। उससे पार्टी और सरकार को क्षति पहुंची थी। पायलट ने उस वक्त जारी शो काज नोटिस का हवाला देते हुए कहा कि उसके बाद क्या जवाब आये और क्या कार्रवाई हुई ,यह सवाल तो बनता ही है। 

महेश जोशी पर भी निशाना 

रामप्रसाद मीणा की आत्महत्या के मामले में पीड़ित परिवार के साथ खड़े सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के संकट मोचक माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री महेश जोशी पर भी निशाना साधा। पायलट ने कहा कि मौत से पहले दिया गया बयान कोर्ट में मान्य होता है। जांच तो होनी ही चाहिए। उल्लेखनीय है कि रामप्रसाद मीणा ने आत्महत्या से पहले जारी अपने वीडियो में महेश जोशी पर गंभीर आरोप लगाए थे। 

भ्रष्टाचार के बहाने अपनी राजनीति और रणनीति को धार देने में जुटे पायलट ने इन मुद्दों पर वेणु गोपाल और कमलनाथ से हुई चर्चा का भी हवाला दिया। लेकिन सीधे तौर पर सचिन पायलट ने जता दिया कि वह ऐसे ही मुद्दों के बहाने गहलोत  को एक ऐसे मुकाम तक ले जाएंगे ,जिसमे वह या तो पूर्ववर्ती सरकार के भ्रष्टाचार पर या तो कार्रवाई करें या फिर बचाव के बहाने तलाशते रहें।

इस बीच पायलट पूरे प्रदेश में इसी मुद्दे पर एक ऐसा जागरण अभियान भी शुरू करने की योजना बना रहे हैं ,जो न तो अशोक सरकार को उगलते बनेगा और नहीं निगलते। स्पष्ट भाषा में कहें तो अशोक गहलोत अपने जादू से सरकार की कमान भले ही थामे रखने में कामयाब रहे हों ,चुनावी वेला में खुद कांग्रेस के पाले से ही ऐसे सवाल खड़े होंगे कि जादू नौ दो ग्यारह होता नजर आये।

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