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राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद, पायलट ने कहा कि विपक्ष का एजेंडा तय हो रहा है और भाजपा सरकार को कई मुद्दों पर बैकफुट पर आना पड़ा है
जोधपुर । जोधपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हो रहे चुनावों में कांग्रेस और उसके गठबंधन को भारी बहुमत मिलने वाला है। उन्होंने हरियाणा में 10 साल से भाजपा सरकार के कार्यकाल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनाव के ऐन मौके पर मुख्यमंत्री बदलने का निर्णय भाजपा की हार को स्वीकारने जैसा है। पायलट ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस को ऐतिहासिक बहुमत मिलेगा और वहां एक बार फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी।
जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में, पायलट ने कहा कि वहां के राजनीतिक षड्यंत्रों के बावजूद कांग्रेस गठबंधन मजबूती से आगे बढ़ रहा है। तीन चरणों के चुनावों के बाद मतगणना में कांग्रेस और उसके गठबंधन की जीत तय है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सभी को साथ लेकर चलती है और इसका उदाहरण हरियाणा में कम्युनिस्ट पार्टी को एक सीट देकर दिखाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि झारखंड और महाराष्ट्र में भी जल्द ही चुनाव होने वाले हैं, और जो सरकारें "एक राष्ट्र, एक चुनाव" की बात करती थीं, वे इसे लागू करने में विफल रही हैं।
राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद, पायलट ने कहा कि विपक्ष का एजेंडा तय हो रहा है और भाजपा सरकार को कई मुद्दों पर बैकफुट पर आना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि जनता ने भाजपा के 10 साल के घमंड को 4 जून को खत्म कर दिया, और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस लगातार मजबूत हो रही है। भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी भाजपा बैकफुट पर आती है, वह राहुल गांधी पर हमला करती है, लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं में नई ऊर्जा आई है, जिससे राजनीति बदल रही है।
सचिन पायलट ने केंद्र सरकार पर भी हमला करते हुए कहा कि सरकार ने बजट में राजस्थान को अनदेखा किया है और झूठे आश्वासनों के जरिए अन्य राज्यों को खुश करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का रवैया राजस्थान के लोगों के प्रति अन्यायपूर्ण है क्योंकि राज्य की जनता ने भाजपा को हराया था।
उन्होंने राज्य में हो रहे दुष्कर्म और अपराधों की बढ़ती घटनाओं पर भी चिंता जताई और कहा कि राज्य सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही है।
आरपीएससी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए पायलट ने कहा कि यह संस्था अब खोखली हो चुकी है और नौजवानों का भविष्य इस पर निर्भर है। उन्होंने आरपीएससी में पारदर्शिता लाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि इसकी विश्वसनीयता को पुनः स्थापित करना बेहद जरूरी है।