सेठों के भी सेठ हैं ’सांवलिया’ जी....: मंदिर की दान पेटियां उगलती हैं अपार खजाना, कैश के साथ निकलता है सोना-चांदी

मंदिर की दान पेटियां उगलती हैं अपार खजाना, कैश के साथ निकलता है सोना-चांदी
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भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित सांवलिया सेठ के मंदिर की दान-पेटियां जमकर पैसा तो उगलती ही हैं साथ ही कई किलों में सोना-चांदी भी उनमें से प्राप्त होता है.....

चित्तौड़गढ़  |  इंसान भले ही किसी गरीब को कुछ दान करे या न करे, लेकिन भगवान की भक्ति ऐसी चीज हैं जो उसके पास से बड़ी से बड़ी और कीमती से कीमती चीज को भी दान करवा देती है, तभी तो मंदिरों के भंडार भरे रहते हैं और लोग भगवान के नाम पर मंदिरों में खूब गुप्त दान कर जाते हैं। 

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित सांवलिया सेठ मंदिर में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है।

यहां लोग खूब जमकर दान करते हैं। जिसके चलते मंदिर की दान-पेटियां करोड़ों का खजाना उगलती हैं। 

भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित सांवलिया सेठ के मंदिर की दान-पेटियां जमकर पैसा तो उगलती ही हैं साथ ही कई किलों में सोना-चांदी भी उनमें से प्राप्त होता है।

जब भी मंदिर की दान-पेटियों को खोला जाता है तो हर बार हिसाब-किताब करोड़ों में सामने आता है। भाई मंदिर भी तो सांवलिया सेठ का है.... 

सेठों के सेठ सांवलिया जी के मंदिर में इस बार भी जब मंदिर की दान-पेटियों को खोला गया तो उनसे खजाना ही खजान निकला।

मंदिर में तीन दिन से जारी खजाने की गिनती शुक्रवार रात पूरी हो गई है। जिसमें इस बार खजाने से 10 करोड़ रुपए से भी ज्यादा कैश, कई किलो चांदी और सोना निकला है।

यहीं नहीं, मंदिर में मनी ऑर्डर से भी चढ़ावा आता है।  यह सारा पैसा और सोना चांदी नियमानुसार सांवलिया सेठ मंदिर प्रबंधन के द्वारा मंदिर के खातों में जमा कराया जाता है। 

सिर्फ डेढ़ महीने में आया इतना सारा चढ़ावा
आपको बता दें कि, भगवान सांवलिया सेठ के मंदिर में यह चढ़ावा मात्र डेढ़ महीने में चढ़ाया गया है। ऐसे में अब आप सोच सकते हैं कि, सिर्फ 40 से 45 दिन में जब मंदिर में इतना चढ़ावा भक्त लोग दान कर जाते हैं तो सालभर में कितना चढ़ावा चढ़ा जाते होंगे और वो भी गुप्त। 

मंदिर प्रबंधन के अनुसार, मंदिर में आने वाले इस चढ़ावे को बैंक खातों में जमा करा दिया जाता है। इस बार होलिका दहन के बाद दानपेटियां खोली गई थी। 

सीसीटीवी की निगरानी में होता है गिनती का काम
जब भी दान पेटियां खोली जाती हैं तो ये पूरा काम सीसीटीवी कैमरों की नजर में किया जाता है। इस कार्य को करने के लिए 15 से 20 लोग जुटते हैं। 

इस बार चढ़ावे की गिनती का काम 3 चरणों में पूरा किया गया। जिसमें 10 करोड़, एक लाख, 33 हजार रुपए कैश प्राप्त हुए। इसके अलावा मनी ऑर्डर से करीब 1 करोड़, 13 लाख, 11 हजार रुपए प्राप्त किए गए हैं।

इसी के साथ ऐसे भक्त भी हैं जिन्होंने मंदिर मंडल और भेंट कक्ष कार्यालय में करीब 849 ग्राम सोना और 10 किलो से ज्यादा की चांदी भेंट की है।

इसके अलावा 21 किलो चांदी और लगभग 164 ग्राम सोना अन्य तरीकों से मंदिर में भेंट किया गया है। मंदिर को मिलने वाले इस करोड़ों के खजाने से  मंदिर से जुड़े कार्यों को निष्पादित किया जाता है।

कहां स्थित है सांवलिया सेठ का मंदिर, कैसे पहुंचे
सांवरिया जी मंदिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में चित्तौड़गढ़ से उदयपुर की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 28 किमी दूरी पर भादसोड़ा ग्राम में स्थित है।

यह मंदिर चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन से 41 किमी एवं डबोक एयरपोर्ट से 65 किमी की दूरी पर है। 

सांवलिया सेठ जी का मंदिर बड़ा ही भव्य तरीके से निर्मित है और अपनी सुन्दरता के कारण लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता है। 

भक्त जितना करते हैं दान, उससे कई गुना मिलता है ज्यादा
यहां चढ़ावा चढ़ाने वाले भक्तों का कहना है कि सांवलिया सेठ मंदिर की महिमा इतनी गजब की है कि भक्त जितना दान करते हैं उससे कई गुना ज्यादा उन्हें प्राप्त होेता है। 

मान्यता है कि जो भक्त खजाने में जितना देते हैं सांवलिया सेठ उससे कई गुना ज्यादा भक्तों को वापस लौटाते हैं। भगवान की महिमा इतनी है कि, लोग अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए उन्हें अपना बिजनेस पार्टनर बनाते हैं।

भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित इस मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं। यहां राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात से सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं।

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