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राजस्थान की राजनीति में एससी-एसटी वर्ग का एक बड़ा वोट बैंक है। एससी-एसटी वर्ग से जुड़े कई नेता सरकार और राजनीतिक दलों में अपने प्रतिनिधित्व की कई बार मांग कर चुके हैं। गौरतलब है कि, प्रदेश की कई सीटों पर एससी-एसटी वर्ग चुनावों में निर्णायक भूमिका में हैं।
जयपुर | राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, लेकिन उससे पहले ही राजनीतिक दलों के साथ-साथ विभिन्न समाजों ने भी महौल बनाना शुरू कर दिया है।
प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले अपने-अपने समाजों को एक मंच पर इकट्ठा करके अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं और चुनावों में अपनी भागीदारी को बढ़ाने का प्रयास भी।
राजधानी जयपुर में अब 2 अप्रैल को एससी-एसटी समाज अपनी महापंचायत करने जा रहा है।
इससे पहले हाल ही में जयपुर राजपूत समाज, जाट समाज और ब्राह्मण समाज की महापंचायत का गंवाह बन चुका है।
चुनावों से पहले लगातार हो रही समाजों की महापंचायतों से राजनीतिक दलों पर खास दवाब भी पड़ता दिखाई दे रहा है।
ऐसे में राजनेताओं का पार्टी पर से ध्यान कम हो रहा है और समाज की मांगों पर ज्यादा केन्द्रित होता दिख रहा है।
जयपुर में 2 अप्रैल को होने वाली एससी-एसटी वर्ग की महापंचायात मानसरोवर में होना तय हुआ है।
इस महापंचायत में एससी-एसटी समाज के लिए और नेतागण अपनी मांगे रखने के साथ-साथ अपना शक्ति प्रदर्शन भी दिखांगे।
राजस्थान की राजनीति में एससी-एसटी वर्ग का एक बड़ा वोट बैंक है। एससी-एसटी वर्ग से जुड़े कई नेता सरकार और राजनीतिक दलों में अपने प्रतिनिधित्व की कई बार मांग कर चुके हैं। गौरतलब है कि, प्रदेश की कई सीटों पर एससी-एसटी वर्ग चुनावों में निर्णायक भूमिका में हैं।
राज्यभर से आएंगे जनप्रतिनिधि और लोग
एससी-एसटी वर्ग की इस महापंचायत में राज्यभर से एससी-एसटी वर्ग के जनप्रतिनिधि और समाज के लोग जयपुर में इक्कठा होंगे। महापंचायत में बाड़मेर जिले से करीब 50 बसों से हजारों लोग जयपुर पहुंचेंगे।
यह निर्णय महावीर पार्क में आयोजित एससी एसटी समाज की बैठक में लिया गया। बैठक के दौरान समाज के लोगों द्वारा महा पंचायत में अपनी अपनी तरफ से आर्थिक सहयोग के साथ बसों की घोषणाएं की गई। ऐसे में मानसरोवर में इस महापंचायत को लेकर भारी भीड़ होना तय माना जा रहा है।
महापंचायत में उठाए जा सकते हैं ये मुद्दें
माना जा रहा है कि 2 अप्रैल को जयपुर में होने वाली एससी-एसटी वर्ग की इस महापंचायत में समाज के जनप्रतिनिध कई मांगों को रखने वाले हैं। जिनमें....
- राजनीति में एससी-एसटी वर्ग को प्रतिनिधित्व दिलाने की मांग।
- देशभर में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग।
- सरकारी नौकरी में पदोन्नति में आरक्षण बढ़ाने की मांग।
- एससी-एसटी वर्ग की जमीनों से कब्ज हटाने जाने से मुद्दों को प्रमुखता से रखा जा सकता है।