संजीवनी पर सवार ,सियासी रार: अशोक गहलोत के बाद अब गजेंद्र सिंह शेखावत भी हमलावर अंदाज़ में !

अशोक गहलोत के बाद अब गजेंद्र सिंह शेखावत भी हमलावर अंदाज़ में !
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Highlights

  • शेखावत ने कहा -"  राजस्थान  पुलिस ने लम्बी जांच के बाद दिसंबर 2019 ,फरवरी 2020 और 7 फरवरी को दाखिल किसी भी चार्जशीट में न खुद उन्हें , न ही परिवार के किसी सदस्य को अभियुक्त बनाया गया।"
  • शेखावत बोले -"डाटा  एनालेसिस और धन की आवाजाही का पता लगाने के लिए संजीवनी की फोरेंसिक ऑडिट के बाद दो बार पेश चार्जशीट में वह किसी तरह के दोषी नहीं। ऐसा होता तो गहलोत भाषण नहीं देते। बेटे की हार का बदला लेने के लिए कानूनी कार्रवाई करते।"
  • अशोक गहलोत ने शेखावत पर इस घोटाले में शामिल होने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि शेखावत ने संजीवनी घोटाले में गिरफ्तारी से बचने के लिए ही जेड सिक्युरिटी ली है। 

राजस्थान में संजीवनी घोटाले को लेकर एक बार फिर सियासत तेज हो गयी है। 

क्रेडिट सोसायटी के नाम पर हजारों लोगों से करोड़ों की ठगी के मामले में रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने गृह नगर -जोधपुर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत  गंभीर आरोप लगाये थे। सोमवार की शाम गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसी मुद्दे पर गहलोत को घेरने की कोशिश की।  

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों के जवाब में शेखावत ने संजीवनी घोटाले के आरोपी विक्रम सिंह के कांग्रेस से जुड़ाव के कई उदाहरण दिये और कांग्रेस ही नहीं खुद सीएम गहलोत को भी कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। 

संजीवनी से कांग्रेस के सम्बन्ध 

शेखावत ने कहा कि घोटाले के मुख्य अभियुक्त का कांग्रेस से इतना जुड़ाव रहा कि वह बाड़मेर के पचपदरा से विधानसभा टिकिट के दावेदार थे। इसी मकसद से मुख्य आरोपी ने अख़बारों में फूल पेज विज्ञापन तक दिये। 

शेखावत ने कहा कि घोटाले के आरोपी की क्रेडिट कम्पनी -संजीवनी क्रेडिट सोसायटी का पंजीकरण भी कांग्रेस की केंद्र और राजस्थान सरकार के वक्त हुआ। 

इतना ही नहीं राजस्थान ,मध्यप्रदेश ,गुजरात समेत कई राज्यों में काम करने वाली संजीवनी को 2013 में मल्टीस्टेट कैटेगरी का दर्ज़ा दिया गया तब भी केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार थी। 

"थिंक 360 " से बातचीत में शेखावत ने कहा कि सोसायटी के जयपुर से दिल्ली तक पंजीयन के पीछे किस कांग्रेस  नेता ने भूमिका निभाई ,मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए। "

 बेटे की हार से दुखी गहलोत लगा रहे आरोप 

शेखावत ने कहा कि बेटे की बहुत बुरी हार से भन्नाये गहलोत आरोप दर आरोप लगा रहे हैं।  जबकि  सच यह है कि 23 अगस्त 2019 में दर्ज एफआईआर के आधार पर हुई जांच में उनका अभियुक्त के बतौर  नाम तक नहीं। 

शेखावत के मुताबिक मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का दायित्व संभाल रहे सीएम गहलोत के अधीन काम कर रही  राजस्थान  पुलिस ने लम्बी जांच के बाद दिसंबर 2019 ,फरवरी 2020 और 7 फरवरी को दाखिल किसी भी चार्जशीट में न खुद उन्हें , न ही परिवार के किसी सदस्य को अभियुक्त बनाया गया। 

फोरेंसिक ऑडिट के जरिये धोखाधड़ी की आरोपी संजीवनी क्रेडिट के डाटा एनालेसिस और धन की आवाजाही का हवाला देते हुये शेखावत ने कहा कि फोरेंसिक ऑडिट के बाद भी दो बार पेश चार्जशीट में वह किसी तरह दोषी पाया जाता तो गहलोत भाषण नहीं देते। बेटे की हार का बदला लेने के लिए कानूनी कार्रवाई करते। 

शेखावत ने  कहा कि साढ़े तीन साल की जांच में एसओजी भले ही उन्हें अभियुक्त नहीं ठहरा पायी ,गहलोत घंटों भाषण देकर मेरा चरित्र हनन जरूर कर रहे हैं। ठीक उसी तरह ,जैसे वह अपनी पार्टी के नेता का करते रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री शेखावत  ने कहा कि हजारों पन्नों की चार्जशीट में दर्ज सच को नकारते हुए सार्वजानिक  रूप से झूठ बोलकर गहलोत कहीं पुलिस को कोई संकेत तो नहीं दे रहे हैं? अपने  बेटे वैभव गहलोत की जोधपुर में हुई करारी हार की  खीझ तो नहीं उतार रहे हैं? 

गहलोत की मंशा पर सवाल 

मुख्यमंत्री द्वारा  निवेशकों का पैसा वापस पाने के लिए कानून में संशोधन की बात का जवाब देते हुए  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारतीय  संसद ने 2019 में एक कानून पारित किया था।

 गहलोत उस  कानून को लागू कर संजीवनी ही नहीं ,दूसरी क्रेडिट और स्माल सेविंग कंपनियों की धोखाधड़ी के शिकार लोगों को राहत दे सकते हैं। 

केंद्रीय मंत्री ने गहलोत की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री यह सच जानते हैं कि देशभर में लागू इस कानून के जरिये सोसाइटी, चिट फंड कंपनी  द्वारा किए गए फ्रॉड की गाढ़ी कमाई  निवेशकों को दिलवा सकते हैं।  

लेकिन उनकी दिलचस्पी निवेशकों को उनका धन लौटाने में नहीं ,सिर्फ राजनीति करने और राजनैतिक चरित्र हनन करने में है। 
शेखावत के हमलावर अंदाज़ में जवाब से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शेखावत पर इस घोटाले में शामिल होने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि शेखावत ने संजीवनी घोटाले में गिरफ्तारी से बचने के लिए ही जेड सिक्युरिटी ली है। 

संजीवनी को लेकर मचे इस घमासान के बीच अब शेखावत खुद या अपने समर्थकों द्वारा संजीवनी घोटाले के मुख्य आरोपी विक्रम सिंह के कांग्रेस से जुड़ाव और कांग्रेस द्वारा संजीवनी के गठन में भूमिका पर जल्द ही कुछ दस्तावेज पब्लिक कर सकते हैं। यानि ,शेखावत के खिलाफ आरोपों में संजीवनी तलाश रहे मुख्यमंत्री को जवाब दे सकते हैं। 

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