अच्छी सामाजिक पहल: पाली में राजपूत समाज ने 'शिक्षा नेग' परंपरा को और सशक्त किया

पाली में राजपूत समाज ने 'शिक्षा नेग' परंपरा को और सशक्त किया
पाली में स्वाति राठौड़ के विवाह में शिक्षा नेग देते सवाई सिंह जैतावत व राजपूत समाज के अन्य लोग।
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पाली, राजस्थान: राजपूत समाज द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लंबे समय से चली आ रही "शिक्षा नेग" परंपरा को हाल ही में आयोजित विवाह समारोहों में एक नई ऊर्जा मिली है। इस परंपरा के तहत विवाह समारोह में दिए जाने वाले नेग को शिक्षा के लिए समर्पित किया जाता है। इसका उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

स्वाति के विवाह में शिक्षा नेग की मिसाल

पाली के पूर्व पार्षद सवाई सिंह जैतावत के परिवार ने इस परंपरा को और प्रबल किया। उनकी पौत्री स्वाति पुत्री महेन्द्रसिंह जैतावत के विवाह में जैतावत परिवार ने ₹11,000 का शिक्षा नेग दिया। यह प्रेरणादायक कदम दूल्हे यशवंत सिंह राणावत के परिवार को भी प्रेरित कर गया। दूल्हे के दादा रिटायर्ड तहसीलदार मालम सिंह राणावत और पिता चंद्रपाल सिंह राणावत ने ₹21,000 का शिक्षा नेग प्रदान किया।

विवाह समारोह में समाज के अनेक गणमान्य पाली के पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारख, भंवर सिंह मंडली, नरपत सिंह गुड़ा श्यामा, एडवोकेट भवानी सिंह भैंसाना, थिंक 360 चैनल के प्रदीप सिंह बीदावत, जैताजी संस्थान के अध्यक्ष मूल सिंह लाडपुरा, डॉ. ज्योतिरादित्य सिंह भाटी बडोड़ा गांव, अमर सिंह बाला, नारायण सिंह बाला, भगवत सिंह बगड़ी, चंदन सिंह सियाट, मेहताब सिंह IGP फार्म प्रेमगढ़, जसपाल सिंह राणावत सांडेराव, नटवर सिंह कूरना, छैल सिंह ढूंढा लाम्बोड़ी, बहादुर सिंह जैतपुरा, गोविंद सिंह सिसरवादा, देवी सिंह सरदारसमंद, मुकन सिंह सिसरवादा, जेठू सिंह डिंगाई, अशोक सिंह डिंगाई, मदन सिंह गुड़ा राम सिंह, जवान सिंह सरदारसमंद, शिक्षक महेंद्र सिंह गुड़ाराम सिंह, शिक्षक किशन सिंह मेलावास, समाजसेवी लूण सिंह दूधिया, डॉ दलजीत सिंह राणावत, डॉ त्रिवेदी, अशोक सिंह चम्पावत, गणपत सिंह उतमन, नरेन्द्र सिंह सांडेराव, धर्मेंद्र सिंह जैतावत गुड़ा राम सिंह, गोपाल सिंह सोवनिया,पदम सिंह सोवनिया, अर्जुन सिंह सोवनिया, जसवंत सिंह मगरतलाब, पाबू सिंह पोमावा आदि अनेक गणमान्य मौजूद थे।

डिंगाई गांव में शिक्षा नेग का योगदान

डिंगाई गांव में युवराज सिंह कुरणा की प्रेरणा से सवाई सिंह उदावत ने अपनी पुत्री कोमल कंवर के विवाह में ₹2,100 का शिक्षा नेग भेंट किया। इस पहल से प्रभावित होकर दूल्हे धर्मपाल सिंह देवड़ा के पिता फतेह सिंह देवड़ा ने भी ₹11,000 का शिक्षा नेग समाज के कोष में समर्पित किया।

सोवनिया में शिक्षा नेग का समर्पण

सोवनिया गांव के चंपावत परिवार ने शिक्षा नेग की इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपनी पुत्री मोनिका राठौड़ के विवाह में ₹5,100 का चेक राजपूत शिक्षा कोष को भेंट किया। उनके इस प्रयास से प्रेरित होकर वर आ. भंवर सिंह भाटी के पिता सूरजभान सिंह भाटी ने ₹11,000 का नेग समर्पित किया।

लंबे समय से चल रही परंपरा को मिला नया प्रोत्साहन

यह परंपरा राजपूत समाज में शिक्षा को बढ़ावा देने का एक अनूठा प्रयास है। राजपूत शिक्षा कोष के चंद्रवीर सिंह सिसरवादा ने बताया कि शिक्षा नेग का उद्देश्य कोचिंग, होस्टल और अन्य शैक्षणिक खर्चों को पूरा करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। वर्षों से चली आ रही यह परंपरा आज के समय में और अधिक प्रासंगिक हो गई है।

भामाशाहों का आभार और समर्थन

इस पहल में सहयोग करने वाले सभी भामाशाहों का राजपूत शिक्षा कोष के प्रमुख पदाधिकारियों, जैसे पद्मश्री डॉ. नारायण सिंह माणकलाव, पूर्व मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राणावत, श्याम सिंह सजाड़ा और कान सिंह राणावत ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे समाज के विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।

शिक्षा नेग की सामाजिक महत्ता

इस परंपरा का उद्देश्य समाज में शिक्षा के महत्व को समझाना और इसके लिए सामूहिक प्रयास करना है। यह पहल साबित करती है कि समाज के हर वर्ग का योगदान, चाहे वह छोटा हो या बड़ा, शिक्षा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

शिक्षा नेग परंपरा न केवल राजपूत समाज की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह अन्य समाजों को भी इस प्रकार की पहल के लिए प्रेरित करती है। वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को जिस प्रकार आज के दौर में पुनर्जीवित किया जा रहा है, वह सराहनीय है।

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