जयपुर: एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस रोकथाम हेतु स्टेट एक्शन प्लान तैयार होगा

एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस रोकथाम हेतु स्टेट एक्शन प्लान तैयार होगा
परामर्शी कार्यशाला आयोजित
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Highlights

सीफू में दो दिवसीय कार्यशाला प्रारम्भ

 एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस रोकथाम के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जानी है।

जयपुर। प्रदेश में मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रोकथाम एवं नियंत्रण के क्रम में एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (antimicrobial resistance) की रोकथाम विषय पर कार्य योजना बनाने के उद्देश्य से चिकित्सा विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (NCDC) एवं स्वयं सेवी संस्था जापाइगो के सहयोग से सीफू में दो दिवसीय परामर्शी कार्यशाला आयोजित की जा रही है।

यह कार्यशाला केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में निदेशक एनसीडीसी (NCDC) डॉ. अतुल गोयल की अध्यक्षता में प्रारम्भ हुई है। 

कार्यशाला के पहले दिन प्रो. अतुल गोयल ने बताया कि विश्व की 10 प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों में एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (antimicrobial resistance) एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आती है।

इसके समाधान के लिए राज्य में विभिन्न विभागों के समन्वय के साथ एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (antimicrobial resistance) रोकथाम के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जानी है।

उन्होंने बताया कि एंटीबायोटिक (antibiotic), एंटीवायरल एवं एंटीफंगल के अनपयुक्त एवं अनाधिकृत उपयोग के कारण एंटीमाइक्रोबियल (antimicrobial) दवाओं का असर कम या समाप्त हो रहा है। इस कारण रोगियों का उपचार संभव नहीं हो पाने से उनकी मौत तक हो जाती है। 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश में एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (antimicrobial resistance) की रोकथाम के लिए प्रो. डॉ. अतुल गोयल के निर्देशन में स्टेट एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि यह एक्शन प्लान मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजिस्ट (microbiologist), पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग, कृषि, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण, राजस्थान शिक्षा बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आरएमएससीएल (RMSCL) एवं आईडीएसपी (IDSP) अनुभाग के सहयोग से बनाया जाएगा। 

कार्यशाला में विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा कर आवश्यक सुझाव दिए। कार्यशाला में एनसीडीसी (NCDC) की निदेशक डॉ. लता कपूर, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, निदेश्क ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. प्रवीण असवाल ने भी विषय पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। कार्यशाला में विभिन्न स्वास्थ्य सेवी संस्थाओं के साथ सहयोगी विभागों  के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। 

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