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राजस्थान में चुनावों को लेकर जहां भाजपा और कांग्रेस अपना सियासी गणित बैठाने में लगी हुई है वहीं तीसरा मोर्चा भी सक्रिय होकर इनका गणित बगाड़ने की तैयारी कर रहा है।
जयपुर । Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।
जिसको लेकर प्रदेश में सरगर्मियां अब और भी तेज हो गई हैं।
चुनावों को लेकर जहां भाजपा और कांग्रेस अपना सियासी गणित बैठाने में लगी हुई है वहीं तीसरा मोर्चा भी सक्रिय होकर इनका गणित बगाड़ने की तैयारी कर रहा है।
तीसरे मोर्चे का मिशन
ऐसे में तीसरा मोर्चा पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है।
इन तीसरे मोर्चे में आम आदमी पार्टी जहां राजस्थान में जीत को आतुर दिख रही है, वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी इस बार अपना जनाधार बढ़ाने के लिए भाजपा और कांग्रेस को टक्कर देने की तैयारी में है।
राजस्थान में इन दोनों पार्टियों के अलावा मायावती की बहुजन समाज पार्टी, भारतीय ट्राईबल पार्टी और ओवैसी की एआईएमआईए सहित कई अन्य पार्टियां भी भापजा-कांग्रेसं की सीटों पर सेंध मारने की फिराक में है।
अगर चुनावी समीकरणों को देखा जाए तो ये पार्टियां करीब 70 सीट पर भाजपा और कांग्रेस के वोट बैंक को प्रभावित करेंगी।
राजस्थान में कैसी है इन पार्टियों की स्थिति - एक नजर
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी: साल 2018 के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) का उदय हुआ और ये पहली बार चुनाव मैदान में उतरी।
भाजपा से अलग होकर हनुमान बेनीवाल ने आरएलपी का गठन किया था। पार्टी ने पहले ही चुनाव में 3 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की थी।
अब इन सीटों पर रहेगा फोकस: वैसे तो आरएलपी 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है। लेकिन इसका मैन फोकस नागौर, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, जैसलमेर, बीकानेर, चूरू, सीकर, हनुमानगढ,़ श्रीगंगानगर, अजमेर और जयपुर ग्रामीण सहित कई विधानसभा सीटों पर रहने वाला है।
आम आदमी पार्टी:
दिल्ली की हुकूमत पर कब्जा जमाने वाली आम आदमी पार्टी (आप) 2018 में विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर उतरी थी, लेकिन उसे एक भी सीट नसीब नहीं हो पाई थी।
लेकिन पंजाब में अपनी फताका फहराने के बाद अब इसका टारगेट राजस्थान भी बना हुआ है।
ऐसे में ये भाजपा-कांग्रेस के राजनीतिक समीकरण बिगाड़ने की तैयारी कर रही है।
फिलहाल आम आदमी पार्टी का मैन फोकस श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में 11 विधानसभा सीटों पर है।
इसके अलावा पार्टी अलवर और जयपुर में भी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
आपको बता दें कि इसी को लेकर 18 जून को श्रीगंगानगर में रैली करने वाले हैं।
बहुजन समाज पार्टी
साल 2018 में बहुजन समाज पार्टी ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि सभी 6 विधायकों का कांग्रेस में विलय हो गया।
यहीं हाल साल 2009 में हुआ था पार्टी के सभी 6 विधायकों का कांग्रेस में विलय हो गया था।
अब इन सीटों पर रहेगा फोकस
बसपी इस बार 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है, लेकिन फोकस करीब 60 सीटों पर बना हुआ है।
इनमें ज्यादातर एससी बाहुल्य सीटें हैं, जिनमें पार्टी का फोकस भरतपुर, धौलपुर, करौली, अलवर, सवाई माधोपुर, दौसा, झुंझुनू, चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, जालौर, सीकर झुंझुनू, चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, जालौर और सिरोही जिलों के विधानसभा क्षेत्र हैं।