मानसून का पूर्वानुमान: सिरोही में इस बार टिटहरी ने मकान की छत पर अंडे क्यों दिए हैं

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पानी के स्रोत के जितना पास टिटहरी अंडे देगी उतनी ही बारिश कम होगी। यानि कि यदि तालाब की पाल के उपर अंडे दिए हैं तो तालाब इस बारिश में इतना भरेगा कि पानी अंडों तक नहीं पहुंचे। ऐसे में सिरोही की छत पर अंडों को रखे जाने ने कई सवाल उठाए हैं।

3 अंडों से यह अनुमान लगता है कि 3 महीने तक बारिश होगी। वहीं घर की छत पर अंडे देने का अर्थ यह लगता है कि इस बार टिटहरी को अनुमान है कि जमीन पर उसके अंडे सुरक्षित नहीं है। सिरोही में जिस मकान की छत पर टिटहरी ने अंडे दिए हैं। उस मकान के मालिक ने अंडों पर छाया का उपाय भी किया है।

Sirohi | भीषण गर्मी में हलकान लोग सोच रहे हैं कि इस बार भीषण सर्दी और फिर उससे भी हलकान करने वाली तपन के बाद बारिश का क्या हाल रहेगा। ग्रामीण इलाकों में आज भी पुराने लोग बिना अखबार, टीवी के मौसम का पूर्वानुमान लगाने का दावा करते हैं. उनका मानना है कि ऐसे टोटके या विधि है, जिससे उन्हें मौसम का पता चल जाता है. ऐसा ही एक टोटका टिटहरी नामक चिड़िया के अंडों से लगाया जाता है। सिरोही में इस बार टिटहरी ने छत पर अंडे दिए हैं जो असामान्य है। ग्रामीण इलाकों के लोग टिटहरी नामक इस पक्षी के अंडों को देखकर गांव के लोग मौसम का अनुमान लगाते हैं. लोग उन अंडों को देखकर यह भी बता देते हैं कि इस साल मानसून में बारिश कैसे होगी और कब से होगी.

दरअसल, मारवाड़—गोडवाड़ में टिटहरी चिड़िया के अंडे दिखाई देने के बाद मानसून की आमद के संकेत माने जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में भी यह माना जाता है कि जब भगवान सूर्य आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो मानसून की गतिविधियां शुरू हो जाती हैं. आद्रा नक्षत्र से 1 महीने पहले ही टिटहरी का प्रसव काल होता है. सिरोही में एक मकान की छत पर टिटहरी ने चार अंडे दिए हैं।

ऐसे लगाते हैं अनुमान
गांव के बुजुर्ग बताते हैं टिटहरी जितने अंडे देती है, उतने महीने बारिश होती है. यह अधिकतम चार अंडे ही देती है. अगर यह पक्षी किसी साल नदी की धार में अपने अंडे रख देती है तो तब तक अच्छी बारिश नहीं होती है जब तक वह अपने अंडों को तोड़ न दे. जब तक अंडे नदी में रखे रहेंगे, तब तक पानी की धार वहां से निकल नहीं सकती है. वहीं, दूसरी तरफ जानकार कहते हैं कि टिटहरी का प्रजनन काल मार्च से अगस्त तक होता है. जून तक टिटहरी अंडे देती है. मई महीने के अंत में टिटहरी के अंडे देने से अंदाजा लगाया जाता है कि करीब 1 माह बाद बारिश होगी.

इसका अर्थ है कि पानी के स्रोत के जितना पास टिटहरी अंडे देगी उतनी ही बारिश कम होगी। यानि कि यदि तालाब की पाल के उपर अंडे दिए हैं तो तालाब इस बारिश में इतना भरेगा कि पानी अंडों तक नहीं पहुंचे। ऐसे में सिरोही की छत पर अंडों को रखे जाने ने कई सवाल उठाए हैं। 3 अंडों से यह अनुमान लगता है कि 3 महीने तक बारिश होगी। वहीं घर की छत पर अंडे देने का अर्थ यह लगता है कि इस बार टिटहरी को अनुमान है कि जमीन पर उसके अंडे सुरक्षित नहीं है। सिरोही में जिस मकान की छत पर टिटहरी ने अंडे दिए हैं। उस मकान के मालिक ने अंडों पर छाया का उपाय भी किया है।

मानसून 22 जून के बाद आएगा
ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है तो मानसून की शुरुआत होती है. टिटहरी सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करने के एक से डेढ़ महीने पहले अंडे देती है. ये टिटहरी का प्रसव काल होता है. इस बार रोहिणी का निवास समुद्र तट पर है, तो बारिश अच्छी होगी. लेकिन कहीं-कहीं बारिश बिल्कुल नहीं होगी. अब सूर्य आर्द्रा में आषाढ़ शुक्ल की चतुर्थी को प्रवेश कर रहा है. इस हिसाब से 22 जून के बाद से मानसून की शुरुआत होगी. वहीं मौसम विभाग भी 3 से 4 दिन देरी से मानसून आने के संकेत दे चुका है.

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