Rajasthan Vidhansabha election 2023: आदिवासी बाहुल्य राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट पर किसका पलड़ा रहा भारी, किसने किया लंबे समय तक राज

आदिवासी बाहुल्य राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट पर किसका पलड़ा रहा भारी, किसने किया लंबे समय तक राज
Rajgarh laxmangarh constituency
Ad

Highlights

अलवर जिले की राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट का इतिहास बता रहे हैं। यह सीट आदिवासी (मीणा बाहुल्य इलाका) है। यहां पहले राम राज्य पार्टी,राजशाही और फिर बाकि के दलों की सरकारें बनीं।

राजधानी दिल्ली से सटी ये सीट चुनावों में अपना खासा प्रभाव रखती है। यहां 80 प्रतिशत मीणा आबादी है। यह सीट चुनावों की शुरुआत के समय से ही एसटी के लिए आरक्षित है। इस विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 5 बार बीजेपी के समर्थलाल मीणा जीते हैं अब उनके बेटे विजय मीणा उम्मीदवार हैं। 

अगर सबसे अधिक पढ़े लिखे विधायकों की बात करें तो  9वीं विधानसभा सदस्य व विधायक श्रीराम मीणा और विधायक समर्थलाल मीणा एम.ए. एलएलबी हैं जबकि 13वीं विधानसभा के सदस्य और विधायक सूरजभान धानका एम.ए और वर्तमान विधायक जौहरी मीणा ने एसटीसी किया हुआ है। 

Rajgarh Laxmangarh constituency History/Alwar Loksabha seat

इस लेख में आज हम आपको अलवर जिले की राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट का इतिहास बता रहे हैं। यह सीट आदिवासी (मीणा बाहुल्य इलाका) है। यहां पहले राम राज्य पार्टी,राजशाही और फिर बाकि के दलों की सरकारें बनीं।

राजधानी दिल्ली से सटी ये सीट चुनावों में अपना खासा प्रभाव रखती है। यहां 80 प्रतिशत मीणा आबादी है। यह सीट चुनावों की शुरुआत के समय से ही एसटी के लिए आरक्षित है। इस विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 5 बार बीजेपी के समर्थलाल मीणा जीते हैं अब उनके बेटे विजय मीणा उम्मीदवार हैं। 

अगर सबसे अधिक पढ़े लिखे विधायकों की बात करें तो  9वीं विधानसभा सदस्य व विधायक श्रीराम मीणा और विधायक समर्थलाल मीणा एम.ए. एलएलबी हैं जबकि 13वीं विधानसभा के सदस्य और विधायक सूरजभान धानका एम.ए और वर्तमान विधायक जौहरी मीणा ने एसटीसी किया हुआ है। 

अब जानते हैं पहली विधानसभा से लेकर 15वीं विधानसभा यानि अब तक का इस सीट का इतिहास

रघुवीर सिंह1957-62 तक दूसरी राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे। 1939 में अलवर रियासत के विकास मंत्री रहे। 1941में अलवर रियासत के गृह मंत्री बने और अलवर राज्‍य के मत्‍स्‍य संघ में विलय होने तक उसी पद पर कार्य करते रहे।

1957 से 1958 राजस्थान भूस्वामी संघ के उपाध्यक्ष रहे।1933 में पंजाब राज्‍य में सहायक कमीश्‍नर की ट्रेनिग ली अलवर राज्‍य में कलक्‍टर व जिला मजिस्‍टेट निुयक्‍त हुए ।

आम चुनावों में अलवर के राजगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा इस चुनाव में इनके प्रतिद्वंदी थे भवानी सहाय। जिनको रघुवीर सिंह ने 4974 वोटों से हरा दिया। कुल वोट पड़े 14111 और भवानी सहाय को मिले वोट 9137।

दूसरी विधानसभा मेंअलवर जिले के राजगढ़ क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और निर्विरोध निर्वाचित किए गए। 

तीसरी विधानसभा में कांग्रेस के टिकट पर राजगढ़ से विधायक बने। इस दौरान इनके प्रतिद्वंदी थे भरतलाल , जिन्हें इन्होंने 1288 वोटों के अंतर से हराया। हालांकि ये ज्यादा बड़ा अंतर नहीं है भरत लाल इस चुनाव में टक्कर के प्रतिद्वंदी रहे। 

पांचवी विधानसभा में निर्दलीय चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी समर्थलाल मीणा को 179 वोटों से हराया। इस दौरान कुल वोट पड़े 20854, और समर्थ लाल को मिले 20675 वोट। 

1967-72 समर्थलाल मीणा चौथी राजस्थान विधान सभा के सदस्य

1977-80 तक छठी राजस्थान विधान सभा के सदस्य,

1980-85 तक सातवीं राजस्थान विधान सभा के  सदस्य

1993-98 तक  दसवीं राजस्थान विधान सभा के  सदस्य

2003-08 तक बारहवीं राजस्थान विधान सभा के सदस्य रहे

4 मई 1995 से 24 जुलाई 1998 तक राजस्थान विधानसभा के उपाध्यक्ष और 24 जुलाई 1998 से 3 जनवरी 1999 तक राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष पद पर रहे। 

समर्थलाल मीणा 5 बार विधायक रहे हैं। 6वीं और 7वीं विधानसभा में लगातार 2 बार विधायक। 3 बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर। 1 बार निर्दलीय और 1 बार स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर चुने गए।

राजस्थान विधानसभा के 4वें सदन में अलवर के राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और 5534 वोटों से अपने प्रतिद्वंदी एच.किशन को हराया। इस चुनाव में समर्थलाल स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर जीते थे।

छठी विधानसभा में समर्थलाल मीणा निर्दलीय टिकट पर चुनाव लड़े और प्रतिद्वंदी लक्ष्मीनारायण को 5346 मतों से हराया और जीत दर्ज की। इस दौरान कुल वोट पड़े 17545, लक्ष्मी नारायण को मिले 12199

सातवीं विधानसभा में इसी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के रामधन को 150 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। कुल प्राप्त मत थे 23379, रामधन को मिले 23229।

दसवीं विधानसभा में भी बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और प्रतिद्वंदी कांग्रेस के जौहरी मीणा को 16003 वोटों से हराया और जीत दर्ज की। वहीं 12वीं विधानसभा में जौहरीलाल मीणा को 8679 वोटों से हटाकर जीत दर्ज की।

8वीं विधानसभा

रामधन मीना 1985 से 1990 तक आठवीं विधानसभा के अध्यक्ष रहे। रामधन मीना ने अलवर के राजगढ़ से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और बीजेपी प्रत्याशी और 5 बार के विधायक समर्थलाल मीणा को 15042 वोटों से हराया।

इस चुनाव में कुल वोट मिले 33967 समर्थलाल मीना को मिले 18925 मत जीत का अंतर 15042। 

रामधन मीणा पंचायत स्तर की राजनीति में सक्रिय थे। 1955 से 1956 एक वर्ष के लिए वार्ड पंच फिर 1957 से 1958 एक वर्ष के लिए उपसरपंच। इसके बाद 1959 से 1960 1 वर्ष के लिए सरपंच।और फिर

1960 से 1965 पूरे 5 वर्ष के लिए पंचायत समिति रैनी के प्रधान निर्वाचित किए गए। 1966 से 1973 तक क्रय-विक्रय सहकारी समिति राजगढ़ के चैयरमैन भी रहे। फिर सीधे विधायकी का चुनाव लड़ा।

9वीं राजस्थान विधानसभा चुनाव 

श्रीराम मीणा 

शिक्षा- स्‍नातक (बी.ए.), राजऋषि कॉलेज, अलवर

स्‍नातक (एलएल.बी.), राजऋषि कॉलेज, अलवर

1990-92 नौवीं राजस्थान विधान सभा के सदस्य। इस चुनाव में अलवर के राजगढ़ से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी समर्थलाल मीणा को 1263 वोटों से हराया।

कुल वोट मिले 37094 वहीं समर्थलाल मीणा को मिले 35831 मत। जीत का अंतर 1263 वोट। 

11वीं और 15वीं विधानसभा

जौहरी लाल मीणा 

1998-03 सदस्य, ग्यारहवीं राजस्थान विधान सभा

2018-23 सदस्य, पंद्रहवीं राजस्थान विधान सभा

11वीं और 15वीं विधानसभा में अलवर के राजगढ़ से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। 11वीं विधानसभा में प्रतिद्वंदी और भाजपा प्रत्याशी समर्थलाल मीणा को 25906 वोटों से हराया। 

वहीं 15वीं विधानसभा यानि वर्तमान में इसी विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा इस बार निकटतम प्रतिद्ंदी थे भाजपा प्रत्याशी और पूर्व 5 बार के भाजपा विधायक समर्थलाल मीणा के बेट

विजय कुमार मीणा। विजय कुमार मीना को इस चुनाव में 30298 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। कुल वोट मिले 82876, विजय कुमार मीना को मिले 52578 औऱ जीत का अंतर था 30298 वोट।

जौहरी लाल मीणा भी गांव की राजनीति में सक्रिय रहे मीणा 2 बार पंचायत समिति रैणी के प्रधान रहे। 1986 से 1989 तक केंद्रीय सहकारी बैंक अलवर के उपाध्यक्ष रहे। 

जौहरी लाल मीणा ने राजस्थान एसटीसी की पढ़ाई की हुई है।

13वीं राजस्थान विधानसभा

2009 से 2013 तक 13वीं विधानसभा के सदस्य सूरजभान धानका ने अलवर के राजगढ़ से समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा और प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी जौहरी लाल मीणा को 937 मतों से हराया।

सुरजभान धानका को मिले 45002 वोट और जौहरी मीणा को मिले 44065 वोट। 

14वीं विधानसभा सदस्य गोलमा देवी

2008-13 सदस्य, तेरहवीं राजस्थान विधान सभा

2013-18 सदस्य, चौदहवीं राजस्थान विधान सभा

गोलमा देवी ने 13वीं विधानसभा में दौसा के मुहुवा विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा और 24131 मतों से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी विजय शंकर को मात दी।

वहीं 14वीं विधानसभा में गोलमा देवी ने अलवर के राजगढ़  लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से नेशनल पीपुल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और सुरजभान धानका को 8128 मतों से शिकस्त दी। 

Must Read: कुलदीप सिंह देवड़ा ने ज्वाइन की बीजेपी, बोले- Sanyam Lodha की चापलूसी करने वालों को ही आगे बढ़ाती है Congress

पढें विधान सभा चुनाव 2023 खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें thinQ360 App.

  • Follow us on :