Highlights
- पुलिसकर्मियों की ग्रेड पे 3600 करने सहित अन्य वेतन भत्ते बढ़ाने को लेकर ट्वीटर पर चलाया गया महा अभियान
- #RP_3600GP
- राज्य सरकार को 50 हजार पोस्टकार्ड प्रदेश के विभिन्न भागों से पुलिस मांगों के समर्थन में भिजवा चुके हैं
- 130 विधायकों सहित राज्य के आठ सांसद ने राज्य सरकार, मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिखे थे
सुरक्षा बलों में जिन्हें बेल्ट वालों की नौकरी कहा जाता है कार्मिक सरकार का विरोध नहीं कर सकते। पुलिस भी इसी को भुगत रही है कि वह अपने लिए कुछ नहीं मांग सकती। ऐसे में पुलिसवालों की मांगों के लिए उनके परिवार वाले और समर्थक आगे आए हैं। पुलिसकर्मियों की ग्रेड—पे 36 सौ करने सहित अन्य वेतन भत्ते बढ़ाने को लेकर ट्वीटर पर महा अभियान चलाया और देश में ट्रेंड करने लगे।
सुरक्षा बलों में तैनात लोग किसी तरह की मांग को लेकर सरकार का विरोध नहीं कर सकते। लोकतांत्रिक तरीके से भी नहीं! अनुशासन का हवाला देते हुए व्यवस्थाएं उन्हें रोकती हैं।
जयपुर में राज्य सरकार के अन्तिम चुनावी बजट मे राज्य के पुलिसकर्मियों की समस्याओं एवं मांगों को पूरी करवाने के लिए नागरिक सुरक्षा समन्वय समिति राजस्थान के तत्वावधान में पुलिसकर्मियों के हितों से जुड़ी संस्थाओं, पुलिस परिवारजनों एवं पुलिसकर्मियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर बुधवार 01 फरवरी शाम 7 बजे से ही #RP_3600GP हैश टैग नाम से ट्वीटर पर महाभियान चलाया।
इसमें पुलिसकर्मियों की माँगों के समर्थन में प्रदेश के कई नेताओं, विभिन्न सामाजिक संगठनों, वरिष्ठ पत्रकार, संस्थाओं, पुलिस परिजनों समेत देश भर लाखों लोगों ने ने ट्वीट किये।
जयपुर, 2 फरवरी। राज्य सरकार के अन्तिम चुनावी बजट मे राज्य के पुलिसकर्मियो की समस्याओं एवं माँगो को पूरी करवाने के लिए नागरिक सुरक्षा समन्वय समिति राजस्थान के तत्वावधान में पुलिसकर्मियों के हितों से जुड़ी संस्थाओं, पुलिस परिवारजनों एवं पुलिस कर्मियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर बुधवार 01 फरवरी शाम 7 बजे से ही #RP_3600GP हेस्टेग नाम से ट्वीटर पर महाभियान चलाया,
जिसमें पुलिसकर्मियों की माँगो के समर्थन मे प्रदेश के कई विधायक, मन्त्रियो, विभिन्न सामाजिक संगठनो, वरिष्ठ पत्रकार, संस्थाओ,पुलिस परिजनो सहित पुलिस कर्मियो सहित देश भर लाखो की संख्या मे लोगो ने ट्वीट किये।
50 हजार पोस्टकार्ड प्रदेश के बिभिन्न भागो से पुलिस माँगो के समर्थन में भिजवा चुके है ।
समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश कुमावत ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में भी ट्विटर पर पुलिस मागो को लेकर कई बार इण्डिया लेवल पर ट्विटर ट्रेड करवाया गया, कर्मचारियों की मांगों एवं वैतन विसंगतियों को दूर करने के लिए बनाई गई खेमराज खमेटी व मुख्यमंत्री कार्यालय में उपस्थित होकर, jodhpur में मुख्यमंत्री जी की यात्रा के दोहरान पुलिस माँगो के सम्बंध में ज्ञापन देने सहित मुख्यमंत्री महोदय, राज्य सरकार को 50 हजार पोस्टकार्ड प्रदेश के बिभिन्न भागो से पुलिस माँगो के समर्थन में भिजवा चुके है।
जिसके फलस्वरूप ही पिछले बजट से पूर्व में पुलिसकर्मियो की ग्रेड पे 3600 करने सहित अन्य वैतन भत्तो को को बढ़ाने का लेकर राज्य सरकार के मन्त्रियो व मौजुदा 130 विधायको सहित राज्य के आठ सांसद ने राज्य सरकार,मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिख थे व इस बजट से पूर्व भी मोजुद सत्ता पक्ष व विपक्ष के कई विधायको ,कई मन्त्रियों ने मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिखा व विधानसभा मे भी पुलिस जवानो की माँगे पूरी करने बाबत आवाज उठाई है।
समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश कुमावत ने बताया कि पूर्व में भी ट्विटर पर पुलिस मागों को लेकर कई बार अखिल भारतीय स्तर पर ट्वीटर ट्रेंड करवाया था। कर्मचारियों की मांगों एवं वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए बनाई गई खेमराज खमेटी व मुख्यमंत्री कार्यालय में उपस्थित होकर ज्ञापन दिया गया। यही नहीं jodhpur में मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान पुलिस मांगों के संबंध में ज्ञापन देने सहित मुख्यमंत्री को 50 हजार पोस्टकार्ड प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से भिजवाए जा चुके हैं।
इसके फलस्वरूप पिछले बजट से पूर्व में पुलिसकर्मियों की ग्रेड पे 3600 करने सहित अन्य वेतन भत्तों को बढ़ाने के लिए मंत्रियों सहित 130 विधायकों, राज्य के आठ सांसदों ने राज्य सरकार, मुख्यमंत्री को पत्र लिखे थे। इस बजट से पूर्व भी मौजूद सत्ता पक्ष व विपक्ष के कई विधायकों,कई मन्त्रियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। विधानसभा में भी पुलिस जवानों की मांगें पूरी करने के लिए आवाज उठाई।
क्या मांग है पुलिस की सरकार से
अध्यक्ष जय प्रकाश कुमावत ने बताया कि राज्य के पुलिसकर्मी समाज सुरक्षा की प्रथम कड़ी होते है। इनकी आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, कर्फ्यू, चुनाव, वीआईपी विजिट, हार्डकोर अपराधी, गैंगवार में अपराधियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उनका कहना है कि बिना शांति व्यवस्था के राज्य का विकास संभव नहीं है। अत: पुलिस की ग्रेड पे 2400 से बढ़ाकर 3600 करना चाहिए। पुलिस जवान अपराधी, गैंगवार सहित प्राकृतिक आपदाओं कारोना जैसी महामारी में जोखिमपूर्ण ड्यूटी करते हैं। जिन्हें 5 हजार रुपए वार्षिक जोखिम भत्ता भी देना चाहिए।
पुलिस जवानों को मिलने वाले मैस भत्ते में एक वक्त खाने के 36 रूपये मिलते हैं। इस भत्ते में गुजारा कैसे संभव है। अत: उनको मिलने वाला मेस भत्ता 5 हजार रुपए प्रतिमाह होना चाहिए। इस हाईटेक डिजिटल युग में जहां अपराधी अपराध करने में आधुनिक और तेज रफ्तार वाली गाड़ियां उपयोग मे लेते हैं। वहीं आज भी पुलिसकर्मियों को गश्त करने के लिए 50 रुपए मासिक साइकिल भत्ता दिया जाता है। इसकी जगह 1 हजार रुपए प्रतिमाह या 10 लीटर पेट्रोल भत्ता की भी मांग की गई है। अध्यक्ष का कहना है कि बंद किया गया स्टेशनरी भत्ता पुन: प्रारंभ कर पांच सौ रुपए प्रतिमा शुरू करने, 25 सौ रुपए वार्षिक मोबाइल डेटा अलाउंस भी दिया जाना चाहिए।
प्रमोशन को लेकर क्या मांग है
एक पुलिसकर्मी सिपाही के पद पर भर्ती होता है और उसको पदोन्नति के अवसर कम मिलते हैं। अतः उन्हें 9, 18, 27 वर्ष की जगह 8, 16, 24, 32 वर्ष पर डीपीसी से टाइम स्केल प्रमोशन/एसीसीपी लाभ मिलना चाहिए। पुलिसकर्मी 24 घंटे सातों पहर ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। ऐसे में हार्ड ड्यूटी अलाउंस में बढ़ोतरी होनी चाहिए।
कैसे मिलेगा साप्ताहक अवकाश
नए डीजीपी ने 14 जनवरी से राज्य के पुलिसकर्मियों के लिये साप्ताहिक अवकाश की घोषणा तो कर दी है। पर अधिकांश जिलों मे पुलिस जवानों की संख्या कम होने से साप्ताहिक अवकाश केवल घोषणा मात्र ही साबित हो रही है। साप्ताहिक अवकाश को लागू करने व राज्य मे बेहतर कानून व्यवस्था के लिये करीब तीस हजार पुलिसकर्मियों को एक साथ भर्ती किए जाने की आवश्यकता है।